रशिया के पास परमाणु सज्जित ‘डूम्सडे’ ड्रोन पनडुब्बियां- अमरिकी रक्षा मुख्यालय का खुलासा

वॉशिंग्टन: लगभग १०० मेगाटन वजन के परमाणु लेकर जाने की क्षमतावाली ड्रोन पनडुब्बी रशियन नौसेना के बेड़े में होने की सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। साल भर पहले रशियन नौसेना ने इस ड्रोन पनडुब्बी का सफलापूर्वक परिक्षण लिया है और अमरिकी समुद्री तट के लिए यह पनडुब्बी सब से खतरनाक साबित हो सकती है। अमरिका का रक्षा मुख्यालय ‘पेंटॅगॉन’ की रिपोर्ट में इस जानकारी का उल्लेख है और यह रिपोर्ट अमरिकी मीडिया में ‘लीक’ हुई है।

कुछ दिनों पहले पेंटॅगॉन के अधिकारीयों ने ‘न्यूक्लिअर पोश्चर रिव्यू’ तैयार किया था। इस में रशिया, चीन के साथ दुनिया भर के परमाणु सज्ज देशों का परमाणु भंडार और क्षमता इस बारे में जानकारी इकठ्ठा की गई थी। साथ ही रशिया अपने परमाणु सज्जता में बढ़ोत्तरी कर रहा है, ऐसे में अमरिका भी अपनी परमाणु सज्जता में बढ़ोत्तरी करे, ऐसी सिफ़ारिश इस रिपोर्ट में की गई है।

इस रिपोर्ट की कुछ जानकारी मीडिया के हाथ लगी है। इस में रशिया ने परमाणु से सज्जित ड्रोन पनडुब्बी बनाने का दावा मीडिया ने किया है। पिछले कुछ वर्षों से रशिया के पास परमाणु वाहक ड्रोन पनडुब्बी होने की बात कही जा रही थी। लेकिन यह एक अफवाह होने का खुलासा रशिया की रक्षा यंत्रणाओं ने किया है।

लेकिन पेंटॅगॉन की ‘न्यूक्लिअर पोश्चर रिव्यू’ की रिपोर्ट के अनुसार रशिया के पास कुल पांच परमाणु वाहक ड्रोन पनडुब्बियां हैं और उनका परिक्षण पूरा हो चुका है। २७ नवम्बर २०१६ को रशियन नौसेना ने ‘सॅरोव्ह’ श्रेणी की पनडुब्बी से यह ड्रोन पनडुब्बी प्रक्षेपित करके पहला परिक्षण किया था। उस के आगे और कुछ परीक्षणों के बाद यह पनडुब्बियां रशिया के बंदरगाहों में तैनात करने की जानकारी, अमरिकी मीडिया ने इस रिपोर्ट के हवाले से प्रसिद्ध किया है।

इस रिपोर्ट में सदर पनडुब्बी का उल्लेख ‘कॅनॉन’ ऐसा किया गया है। रशिया ने इस परमाणु वाहक ड्रोन पनडुब्बी को ‘स्टेटस-६’ यह नाम दिया है। यह पनडुब्बी पूरी तरह से मानवरहित है, इस में लगभग १०० मेगाटन परमाणु लेकर जाने की क्षमता है। रशिया ने इस के पहले ही १०० मेगाटन वजन का परमाणु विकसित करने की खबरें प्रसिद्ध हुईं थी। लेकिन रशिया इन परमाणुओं का इस्तेमाल ड्रोन पनडुब्बी में करनेवाला है, ऐसा दावा पेंटॅगॉन की रिपोर्ट में किया गया है

‘स्टेटस-६’ ड्रोन पनडुब्बी ५६ नॉट्स की गति से कम से कम ६२०० मील तक यात्रा कर सकती है। रशिया की प्रमुख ‘रूबिन डिजाईन ब्यूरो’ ने ‘स्टेटस-६’ पनडुब्बी का निर्माण किया है और रशियन नौसेना की दो पनडुब्बियों से ‘स्टेटस-६’ ड्रोन पनडुब्बी प्रक्षेपित की जा सकती है। इसमें से ऑस्कर श्रेणी की पनडुब्बियों स एक ही समय पर चार ‘स्टेटस-६’ प्रक्षेपित की जा सकती हैं, ऐसा दावा पेंटॅगॉन की रिपोर्ट में किया गया है।

ऑस्कर पनडुब्बी से प्रक्षेपित करने के बाद ‘स्टेटस-६’ ३५८० फूट समंदर के नीचे से यात्रा कर सकती है, ऐसा इस रिपोर्ट को लिखने वाले पेंटॅगॉन के अधिकारीयों का कहना है। इस वजह से ‘स्टेटस-६’ ड्रोन पनडुब्बी अमरिकी समुद्री तटों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है, ऐसा इशारा यह रिपोर्ट प्रसिद्ध करने वाली अमरिकी मीडिया ने दिया है।

दूसरे विश्वयुद्ध में अमरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर १५ किलोटन ‘लिटिल बॉय’ इस परमाणु बम का हमला करके बड़ा सर्वनाश किया था। इस तुलना में रशिया की ड्रोन पनडुब्बी लेकर जाने वाले परमाणु १०० मेगाटन मतलब एक लाख किलोटन वजन का है। इस वजह से रशिया की ‘स्टेटस-६’ पनडुब्बी हिरोशिमा की तुलना में भीषण सर्वनाश कर सकती है, यह चिंता अमरिकी मीडिया व्यक्त कर रही है। दौरान, अमरिकन मीडिया के इन दावों पर रशिया ने प्रतिक्रिया दी नहीं है।

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