रशियन सबमरिन सिरिया के लिए रवाना

मॉस्को – क्रुज् क्षेपणास्त्रों से लैस होनेवाली रशिया की ‘रोस्तोव-ऑन-डॉन’ यह सबमरिन (पनडुब्बी) सिरिया के लिए रवाना हुई है। पाँच साल पहले सिरिया में ‘आयएस’विरोधी मुहिम में इस पनडुब्बी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। इस कारण सिरिया में किसी विशेष मुहिम के लिए यह पनडुब्बी निकली होने की संभावना पश्चिमी माध्यम जता रहे हैं।

रशियन वृत्तसंस्था ने प्रकाशित की जानकारी के अनुसार, ‘रोस्तोव-ऑन-डॉन’ इस पनडुब्बी ने सोमवार को तुर्की के बॉस्फोरस खाड़ीप्रदेश में प्रवेश किया है। इस कारण यह पनडुब्बी आनेवाले कुछ दिनों में सिरिया के सागरी क्षेत्र में प्रवेश करेगी और ‘तार्तुस’ बंदरगाह में दाख़िल होगी। सिरिया के तार्तुस में रशियन नौदल का अड्डा होकर, यहाँ पर कम से कम १३ युद्धपोत तैनात होने का दावा किया जाता है। इस बंदरगाह में तैनात होनेवाली ‘रोस्तोव-ऑन-डॉन’ इस पनडुब्बी की रफ़्तार प्रतिघण्टा २० सागरी मील इतना है और वह ४५ दिनों तक पानी में नीचे रह सकती है।

इस पनडुब्बी की तैनाती के बारे में रशियन रक्षा मंत्रालय ने जानकारी नहीं दी है। लेकिन ‘रोस्तोव-ऑन-डॉन’ इस पनडुब्बी की तैनाती यह रशिया ने लिया हुआ लक्षणीय निर्णय साबित होगा। सन २०१५ में इस पनडुब्बी ने सिरिया के अलेप्पो, होम्स और हमा प्रांतों में स्थित, ‘आयएस’ इस आतंकवादी संगठन के स्थानों पर भीषण क्षेपणास्त्र हमलें किये थे। इस हमले में आतंकियों का ज़बरदस्त नुकसान हुआ था।

इसी बीच, सन २०१७ में सिरिया और रशिया में हुए सहयोग समझौते के अनुसार, अस्साद हुक़ूमत ने रशिया को ४९ वर्षों के लिए तार्तुस बंदरगाह किराये पर दिया है। इस बंदरगाह में रशिया के अतिप्रगत युद्धपोत तथा पनडुब्बियाँ तैनात हैं। ‘रोस्तोव-ऑन-डॉन’ जैसीं ‘क्रस्नोदोर’ और ‘स्तारी ओस्कोल’ ये दो पनडुब्बियाँ पहले से ही तार्तुस बंदरगाह में तैनात हैं।

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