कॅलिनिनग्रॅड के रशियन परमाणू आधे यूरोप को लक्ष्य करेंगे- लिथुआनिया के राष्ट्राध्यक्ष का इशारा

व्हिल्निअस/मॉस्को: रशिया ने कॅलिनिनग्रॅड में तैनात किए परमाणुओं की रेंज में आधे यूरोप के देशों की राजधानियां आई हैं, ऐसा इशारा लिथुआनिया के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया है। रशिया के कॅलिनिनग्रॅड इस रक्षा तल पर ‘इस्कंदर’ इस परमाणु वाहक मिसाइल की हमेशा के लिए तैनाती शुरू करने की जानकारी हाल ही में सामने आई है। इस तैनाती पर बाल्टिक देश और नाटो ने चिंता जताई है। लेकिन रशिया ने अपनी तैनाती का समर्थन किया है और अपनी सीमा में कहीं भी और किसी भी तरह के हथियार तैनात करना यह सार्वभौम अधिकार है, ऐसा खुलासा किया है।

कॅलिनिनग्रॅड

कॅलिनिनग्रॅड यह रशिया के ‘बाल्टिक’ क्षेत्र का महत्वपूर्ण रक्षा तल है और पिछले वर्ष रशियन रक्षादलों ने इस इलाके में युद्धाभ्यास भी किया था। इस युद्धाभ्यास के दौरान रशिया ने ‘इस्कंदर’ इन छोटी दूरी के परमाणु वाहक मिसाइलों की तैनाती की थी। लेकिन युद्धाभ्यास के बाद रशिया इन मिसाइलों को वापस ले गया था, ऐसा कहा गया था। इस पृष्ठभूमि पर ‘इस्कंदर’ मिसाइलें वापस कॅलिनिनग्रॅड में तैनात करना, ध्यान आकर्षित करने वाली बात साबित होगी।

रशिया की इस तैनाती की संसदीय समिति के प्रमुख व्लादिमिर शामानोव्ह ने पुष्टि की है। एक रशियन वृत्तसंस्था को दिये इंटरव्यू में शामानोव्ह ने कॅलिनिनग्रॅड में ‘इस्कंदर’ तैनात किए हैं, ऐसा कहा है। नाटो की तरफ से रशियन सीमा के पास चल रही गतिविधियाँ और अमरिका की पोलैंड में तैनाती इनको प्रत्युत्तर देने के लिए रशिया ने ‘इस्कंदर’ तैनात किए हैं, ऐसा कहा है।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव्ह ने सदर तैनाती का समर्थन किया है। ‘शस्त्रास्त्र यंत्रणा अथवा लष्करी टुकड़ी की रशियन सीमा में तैनाती यह रशिया के सार्वभौमत्व से संबंधित मुद्दा है। रशिया ने इस के पहले म्किसी को भी धमकाया नहीं है और इसके आगे भी धमकाएगा नहीं। लेकिन रशिया को अपनी सीमा में हथियारों को तैनात करने का अधिकार है। इस वजह से किसी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है’, यह पेस्कोव्ह ने स्पष्ट किया है।

लेकिन लिथुआनिया की राष्ट्राध्यक्ष दलिआ ग्रिबौस्केट ने कॅलिनिनग्रॅड में तैनाती पर तीव्र चिंता जताई है। ‘कॅलिनिनग्रॅड में इस्कंदर मिसाइल हमेशा के लिए तैनात किए गए हैं। इस वजह से सिर्फ लिथुआनिया को ही नहीं, बल्कि आधा यूरोप इस मिसाइल की रेंज में है’, ऐसा इशारा राष्ट्राध्यक्ष ग्रिबौस्केट ने दिया है। लिथुआनिया के साथ लाटविया ने भी ‘इस्कंदर’ की तैनाती पर चिंता व्यक्त की है।

ध्वनि से भी छह गुना रफ़्तार वाले ‘इस्कंदर’ मिसाइल पिछले कुछ वर्षों में रशिया के विविध इलाकों में तैनात किए गए हैं और इनकी रेंज लगभग ४०० से ५०० किलोमीटर है, ऐसा कहा जाता है।

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