जागतिक मंदी के इशारे की पृष्ठभूमि पर रशिया के विदेश मुद्रा भंडार एवं जमा सोने की पुंजी विक्रमी स्तर पर

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमॉस्को: अमरिका-चीन व्यापार युद्ध, ‘ब्रेक्जिट’ की अनिश्चितता, ईरान मुद्दे पर होने वाला तनाव और अमरिका ने विभिन्न देशों पर लगाए प्रतिबंध वैश्विक मंदी के लिए जिम्मेदार होंगे, ऐसी चेतावनी आंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों से दी गई हैं| इस मंदी के माहौल की पृष्ठभूमि पर रशिया ने अपने सोने के भंडार और विदेशी मुद्रा विक्रमी स्तर पर ले जाने की जानकारी सामने आई हैं| रशिया के पास विदेशी मुद्रा भंडार में ५२९ अरब डॉलर्स जमा है और इसमें सोने का हिस्सा १०० अरब डॉलर्स से अधिक हैं|

रशिया पिछले कुछ वर्षों से लगातार सोने की खरीद रही हैं| वर्ष २०१८ में रशिया की सेंट्रल बैंक ने २७४ टनों से अधिक सोना खरीदा था| इस साल के पहले सात महीनों में रशिया ने लगभग १०६ टनों से अधिक सोना खरीदा हैं| आंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत प्रति औंस देढ़ हजार डॉलर्स के उपर उच्चतम स्तर पर पहुंचते हुए रशिया से शुरू खरीदारी महत्वपूर्ण साबित होती हैं| सोने की इस खरीद के साथ ही रशिया ने ‘यूरो’, चीन के ‘युआन’ और जापान की ‘येन’ मुद्रा में भी निवेश बढ़ाया हैं|

सोना और अन्य मुद्राओं में रशिया का बढ़ता हिस्सा यह अमरिका और अमरिका की मुद्रा होने वाले डॉलर को चुनौती देने की निती का हिस्सा माना जाता हैं| ‘अमरिकी डॉलर आंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में कार्यान्वित होने के बाद अमरिका से उसका उपयोग दुनिया की अन्य जगहों पर दबाव डालने के लिए किया जा रहा हैं| इस कारण दुनिया का डॉलर पर होने वाला विश्वास कम होने लगा हैं, ऐसा दावा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने कुछ महीनों पहले ही किया था|

वर्ष २०१४ में यूक्रेन के क्रिमिया प्रांत कब्जे में लेने के बाद अमरिका ने रशिया पर भारी मात्रा में प्रतिबंध लगाए थे| इन प्रतिबंधों को उत्तर देने के लिए रशिया ने डॉलर में निवेश कम करते हुए ही सोने के भंडार बढ़ाने के प्रयत्न शुरू कर दिए थे| केवल पांच वर्षों की अवधि में विदेशी मुद्रा और सोने का भंडार रिकॉर्ड स्तर पर जाने से रशिया की यह धारणा सफल साबित होती दिखाई दे रही हैं|

रशिया की सेंट्रल बैंक ने दी जानकारी के अनुसार देश के आरक्षित स्वर्ण भंडार २,२१९ टनों पर पहुंच गया हैं| इस भंडार की आंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमत १०९.५ अरब डॉलर हुई हैं| सोने के भंडार के साथ विदेशी मुद्रा भंडार में केवल एक महीने की अवधि में नौ अरब डॉलर्स से अधिक वृद्धि हुई है और इसके साथ ही रशिया के विदेशी मुद्रा भंडार में जमा पुंजी ५२९.०८३ अरब डॉलर्स के उपर गई हैं| विदेशी मुद्रा में सोने का हिस्सा भी २० प्रतिशत से अधिक होने की ओर रशियन बैंक ने ध्यान आकर्षित किया हैं|

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