रशियन सेना सिरिया में पांच दशक तैनात रहेगी- रशियन उपरक्षामंत्री

मॉस्को, दि. १६ : सिरिया के ‘आईएस’ विरोधी संघर्ष में शामिल हुई रशियन सेना अगले पांच दशक तक मतलब २०६७ तक सिरिया में तैनात रहेंगी| उसके बाद भी रशियन सेना की इस तैनाती को २५ साल और बढा सकता है| रशिया की संसद ने सिरिया की तैनाती को मंजूरी देने की खबर उपरक्षामंत्री ‘निकोलाय पेनकोव्ह’ ने दी|

जनवरी महीने में सीरियन राजधानी दमास्कस में रशिया और सिरिया के हवाईदल में विशेष करार हुआ था| इसमें रशियन हवाईदल और सैन्य दल को दीर्घ समय तक तैनात रखने के मुद्दे का समावेश था| रशिया और सिरिया के बीच हुए इस करार पर दो दिन पहले रशिया की संसद में चर्चा हुई थी| इस चर्चा में सिरिया में स्थित रशियन हवाईदल और सैन्य दल की तैनाती को मंजूरी मिलने की जानकारी राशियन उपरक्षामंत्री पेनकोव्ह दी|

इस अनुबंध के अनुसार सिरिया के पश्चिम में ‘हेमिम हवाई अड्डे’ पर रशियन हवाईदल ४९ सालों तक तैनात रहेगा| रशियन हवाईदल की तैनाती का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी उन्हे और २५ साल तक तैनात रखने का करार हो सकता है, ऐसा उपरक्षामंत्री ‘निकोलाय पेनकोव्ह’ने कहा| इस तैनाती के साथ रशिया हेमिम हवाई अड्डे की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हुए आस पास के इलाकों में सुव्यवस्था रखने का प्रयास करेगी, ऐसा रशियन उपरक्षामंत्री ने कहा| साथही सिरिया रशियन हवाईदल की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने को तैयार है यह भी उन्होंने कहा|

सिरिया के इस दीर्घ तैनाती के लिये रशिया को प्रतिवर्ष तीन लाख पचास हजार डॉलर्स का खर्चा होने वाला है| पर रशिया के रक्षा खर्च से इस तैनाती का खर्चा उठाया जायेगा, यह बात संसद में स्पष्ट की गई है| ‘ सिरिया की वर्तमान आतंकवादी गतिविधियों को देखते हुए सिरिया में दीर्घकाल तक सेना तैनात करने की जरुरत को रशिया ने समझा और इस लिये हेमिम हवाई अड्डे पर हवाई दल तैनात करने की बात संसद की विदेश समिती के अध्यक्ष ‘लीओनाद स्लुत्स्की’ ने दी|

सिरिया के ‘हेमिम’ हवाई अड्डे पर रशिया के लड़ाकू विमान और सेना पहले से ही तैनात है| पिछले ढेढ सालों से आईएस विरोधी हुए सफल हवाई हमलो में, हेमिम हवाई अड्डे पर स्थित रशियन विमानों ने बहुत ही महत्वपूर्ण प्रदर्शन किया था| इसके अलावा रशिया ने इस हवाई अड्डे पर ‘एस-४००’ इस मिसाइल को भेदने वाली नयी यंत्रणा को भी स्थापित किया था| पर ‘आईएस’ मामले में सफलता मिलने पर रशियन हवाई दल ने हवाई अड्डे से थोडे समय के लिये अंतर लिया था| रशिया के इस पिछे हाट का सिरिया के अस्साद विरोधी विद्रोही गुटों ने स्वागत किया|

पर रशिया ने सिरिया में दीर्घकाल तक सेना की तैनाती की बात कहकर विद्रोही गुटों में सिरदर्द बढाने का दावा किया जा रहा है| रशियन सेना की दीर्घकाल तैनाती यह सिरिया में घुसखोरी होने का दावा विद्रोही संघठन कर रहे हैं|

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