रशिया ने किया अंतरिक्ष और परमाणु हमला करने की क्षमता के मिसाइलों का परीक्षण

मास्को – रशिया ने बीते कुछ दिनों में ‘एंटी सैटेलाईट वेपन’ समेत प्रगत हायपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण किया होने की जानकारी सामने आयी है। इसमें लंबी दूरी के ‘१४ टीए ०३३ नुडॉल’ नाम ‘इंटरसेप्टर मिसाइल’ समेत ‘झिरकॉन’ का समावेश है। ध्वनि से १२ गुना तेज़ ‘१४ टीएस ०३३ नुडॉल’ मिसाइल पृथ्वी की भ्रमण कक्षा में स्थापित उपग्रह नष्ट करने की क्षमता रखता है, यह दावा रशिया ने किया है। कुछ दिन पहले अमरीका ने भी अपने युद्धपोत से ‘एंटी सैटेलाइट वेपन’ के तौर पर जाने जा रहें ‘एसएम-३’ नामक बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था।

रशिया के रक्षा विभाग ने दोनों मिसाइलों के परीक्षण के वीडियो एवं फोटो जारी किए हैं। इनमें से पहला परीक्षण ‘१४ टीए ०३३ नुडॉल’ मिसाइल का किया गया और यह परीक्षण कझाकस्तान के ‘सारी-शगन टेस्ट रेंज’ से किया गया, ऐसी जानकारी प्रदान की गई है। रशिया के रक्षा विभाग ने यह दावा किया है कि यह मिसाइल अंतरिक्ष एवं हवाई क्षेत्र से होनेवाले हमलें रोक सकता है। इसके साथ ही ‘१४ टीएस ०३३ नुडॉल’ की तैनाती, रशिया के ‘एरोस्पेस फोर्सेस’ में पहले से ही होने की बात कही जाती है। यह मिसाइल अंतरिक्ष में ४० हज़ार से ८ लाख मीटर उंचाई पर निर्धारित लक्ष्य को निशाना कर सकता है, यह भी कहा गया है।

‘झिरकॉन’ नामक हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण आर्क्टिक क्षेत्र में तैनात युद्धपोत से किया गया। ध्वनि से आठ गुना तेज़ यह मिसाइल विकसित करने में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने विशेष पहल की थी। परमाणु हमलें की क्षमता रखनेवाला यह मिसाइल अमरिकी शहरों पर भी हमला कर सकता है, यह दावा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया था। ‘एडमिरल गोर्शकोव्ह’ नामक विध्वंसक से ‘व्हाईट सी’ में यह परीक्षण किया होने की जानकारी रशियन रक्षा विभाग ने प्रदान की। बीते दो महीनों में किया गया ‘झिरकॉन’ का यह दूसरां परीक्षण था। इससे पहले अक्तूबर महीने की शुरुआत में इस हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया गया था।

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