रशिया ‘न्यू स्टार्ट ट्रिटी’ के दायरे के बाहर रखे मिसाइल का निर्माण करने का खतरा – अमरिकी ‘स्ट्रॅटेजिक कमांड’ प्रमुख का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – ‘इंटरमीजिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस ट्रीटी (आईएनएफ) से वापसी के बाद रशिया अधिक आक्रामक होकर न्यू स्टार्ट ट्रीटी इस करार की कक्षा से बाहर होनेवाले प्रगत एवं घातक मिसाइल विकसित करने का खतरा है, ऐसी गंभीर चेतावनी अमरिका के स्ट्रैटेजिक कमांड के प्रमुख जनरल जॉन हायटन ने दी है| कुछ दिनों पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने रशिया अमरिका को लक्ष्य करनेवाले मिसाइल तैनात करेगा एवं यह मिसाइल ५ मिनट के अंदर अमरिका पर गिरेंगे, ऐसा सूचित किया था|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने की घोषणा के बाद रशिया ने भी ‘इंटरमीजिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस ट्रीटी (आईएनएफ) इस करार से वापसी की है| यह वापसी करते हुए रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने देश द्वारा विकसित किए जानेवाले तथा संभाव्य प्रगत मिसाइलों की जानकारी दी थी| अमरिका के संसद में हुई सुनवाई में जनरल हायटन ने रशिया से विकसित होनेवाले प्रगत मिसाइलों का दाखिला दिया है| अमरिका ने उस का प्रतिउत्तर नहीं ढूंढा को फिर रशिया के यह प्रगत मिसाइल अमरिका के लिए खतरनाक हो सकते हैं, ऐसा स्ट्रैटेजिक कमांड के प्रमुख ने सूचित किया है|

दशकों के बाद अथवा आगे चलकर रशिया द्वारा विकसित एक टोर्पीडो क्रूज मिसाइल, हाइपरसोनिक मिसाइल, अमरिका के लिए वास्तव में चुनौती हो सकती है, ऐसा डर जनरल हायटन ने व्यक्त किया है| मैं अथवा मेरे बाद पद पर होनेवाले दो कमांडर देश की सुरक्षा के लिए निश्चित गवाही दे सकते हैं| पर उसके बाद आनेवाले कमांडर सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा सकेंगे या नही, यह यकीनन नहीं कहा जा सकता, ऐसे शब्दों में उन्होंने रशियन मिसाइलों का खतरा रेखांकित किया है|

उस समय जनरल जॉन हायटन ने २०१० वर्ष में हुए न्यू स्टार्ट ट्रीटी इस करार का उल्लेख किया है| हमारा इस करार को समर्थन है फिर भी इस करार में शामिल होने वाले दूसरे साझीदारों की भी वैसी ही तैयारी हो, ऐसा कहकर रशिया इस करार का उल्लंघन कर सकता है, ऐसे संकेत जनरल हायटन ने दिए हैं| रशिया इस करार की मर्यादा के बाहर होने वाले परमाणु शस्त्र विकसित करेगा और इस बारे में चर्चा करने से इंकार कर सकता है| ऐसा हुआ तो निश्चित यह चिंता की बात होगी ऐसी चेतावनी अमरिका के स्ट्रेटेजिक कमांड के प्रमुख ने दी है|

वर्ष २०१० में हुए न्यू स्टार्ट ट्रीटी करार में तैनात किए जानेवाले परमाणु शस्त्र की संख्या १५५० तक कम करने का प्रावधान है|

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