संयुक्त युद्धअभ्यास के लिए रशिया की सेना पाकिस्तान में दाखिल

इस्लामाबाद, दि. २३ (पीटीआय) – रशिया के लगभग २०० जवान संयुक्त युद्धअभ्यास के लिए पाकिस्तान में दाखिल हुए हैं| शीतयुद्ध के समय ‘शत्रुराष्ट्र’ के रूप में एकदुसरों को देखनेवाले रशिया और पाकिस्तान के बीच का यह पहला युद्धअभ्यास, दोनो देशों की बदलती नीति के संकेत दे रहा है| उरी में हुए आतंकवादी हमले बाद रशिया ने पाकिस्तान के साथ युद्धअभ्यास रद किया होने की ख़बर आयी थी| रशिया ने इस युद्ध अभ्यास पर सोचना चाहिए, ऐसी माँग भारत द्वारा की गई थी|

संयुक्त युद्धअभ्यासलेकिन अब ‘फ्रेंडशिप २०१६’ इस लगभग दो हफ़्तों तक चलनेवाले इस युद्धअभ्यास के लिए रशिया के करीब २०० जवान पाकिस्तान में दाखिल हुए हैं| २४ सितंबर से १० अक्तूबर तक यह युद्धअभ्यास चलनेवाला है| पाकिस्तानी सेना के ‘इंटर सर्व्हिस पब्लिक रिलेशन्स’ के (आयएसपीआर) लेफ्टनंट जनरल असिफ सलिम बजवा ने यह जानकारी दी| पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान रशिया के साथ अपने संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है| इन कोशिशों को रशिया की तरफ़ से प्रतिसाद मिल रहा है, यह बात इस युद्धअभ्यास से सामने आ रही है| पिछले डेढ़-दो साल के समय में पाकिस्तानी रक्षादल के अधिकारी लगातार रशिया यात्रा पर जा रहे थे|

उरी में भारतीय सेना पर हुए आतंकवादी हमले का रशिया ने कड़े शब्दों में निषेध ज़ाहिर किया था| इतना ही नहीं, बल्कि रशिया ने अपने संदेश में, उरी में हुए हमले के लिए पाकिस्तान के भूभाग का इस्तेमाल होने का दोषारोपण भी किया था| इस आतंकवादी हमले का निषेध करनेवाले अन्य देशों ने भी भारत को समर्थन दिया था| लेकिन पाकिस्तान का जिक्र सख़्त शब्दों में करना इन सभी देशों ने टाला था| इतनी स्पष्ट भूमिका लेकर भी, रशिया ने पाकिस्तान के साथ युद्धअभ्यास करने का फ़ैसला कर भारत को चेतावनी ही दी है| रशिया पाकिस्तान के साथ के इस युद्धअभ्यास पर पुनर्विचार करें, ऐसा आवाहन भारत ने किया था|

इसका कुछ भी असर रशिया पर नहीं हुआ है, यह साफ हो रहा है| उरी में हुए हमले के बाद भारत ने, पाकिस्तान को आंतर्रराष्ट्रीय स्तर पर घेरने के लिये आक्रामक मुहिम हाथ में ली थी| इस मुहिम को प्रतिसाद भी मिल रहा है, ऐसा दावा किया जाता है| ऐसे समय में, भारत का पारंपरिक मित्रदेश माने जानेवाले रशिया ने, पाकिस्तान के साथ युद्धअभ्यास का आयोजन करके भारत को अपनी विदेशी नीति पर फिर से सोचने के लिए मजबूर किया है| फिलहाल रशिया के ‘व्लादिवोस्तोक’ में, भारत और रशियन सेना के बीच ‘इंद्र २०१६’ यह आतंकरोधी युद्धअभ्यास शुरू है| साथ ही, दोनो देशों के बीच रक्षासंबंधित महत्त्वपूर्ण समझौते जल्द ही संपन्न होनेवाले हैं, ऐसी संभावना जतायी जाती है|

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन अक्तूबर महीने में, ‘ब्रिक्स’ समीट में शरीक़ होने के लिये भारत में आनेवाले हैं| इस यात्रा में दोनों देशो के बीच कुछ महत्त्वपूर्ण रक्षासंबंधित समझौते संपन्न होनेवाले हैं, ऐसा दावा करनेवाली ख़बर कुछ हफ्तें पहले प्रकाशित हुई थी| साथ ही, भारत का अमरीका के साथ रक्षासंबंधित सहयोग बढ़ रहा है, दोनो देशों के बीच एकदूसरे को अपना लष्करी अड्डा इस्तेमाल करने के लिए ‘लॉजिस्टिक’ समझौता संपन्न हुआ है| अमरीका के साथ मित्रता बढ़ाते हुए, रशिया जैसे पारंपरिक मित्रदेश की मित्रता को ‘टेकन फ़ॉर ग्रान्टेड़’ मत करना, ऐसा संदेश रशिया ने पाकिस्तान के साथ शुरू हुए इस युद्धअभ्यास के द्वारा भारत को दिया है, ऐसा स्पष्ट दिख रहा है|

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