रशिया की ‘मिलिट्री परेड’ में भारत के तीनों रक्षा बल शामिल होंगे

मास्को – रशिया के रेड़ स्वेअर में २४ जून के दिन विशाल लष्करी परेड का आयोजन होना है और इस परेड में शामिल होने का सम्मान भारत के तीनों रक्षा बलों को प्राप्त हुआ है। इस प्रकार, भारत के तीनों रक्षा बल पहली ही बार किसी अन्य देश की लष्करी परेड में शामिल हो रहे हैं और इससे भारत-रशिया सहयोग मज़बूत होने का संदेश पूरे विश्‍व को दिया जा रहा है।

Russia-India-Militaryअमरीका और अन्य पश्‍चिमी देशों के साथ भारत के रक्षा संबंधित सहयोग में काफ़ी बड़ी बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन, फिर भी इसका असर भारत-रशिया सहयोग पर नहीं हुआ है, यही बात इससे रेखांकित हो रही है। दूसरे विश्‍वयुद्ध के दौरान ९ मई, १९४५ के दिन जर्मनी की नाझी सेना ने सोवियत रशिया के सामने घुटनें टेके थे। इस जीत के स्मरण में हर साल रशिया में जल्लोष मनाया जाता है। इस अवसर पर ९ मई के दिन विशाल परेड का आयोजन होता है। लेकिन, इस वर्ष कोरोना वायरस की महामारी फैलने के कारण इस लष्करी परेड का आयोजन अब जून में हो रहा है। २४ जून के दिन अब यह परेड होगी और इसके लिए भारत के रक्षा बलों को आमंत्रित किया गया है। इस परेड के लिए भारत के तीनों रक्षा बलों के दल रशियन राजधानी मास्को पहुँचने के लिए १९ जून के दिन निकलेंगे। इस वर्ष नाझी जर्मनी पर सोवियत रशिया ने प्राप्त की हुई ऐतिहासिक जीत को ७५ वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर रशिया ने अपने लष्करी सामर्थ्य का जोरदार प्रदर्शन इस परेड में करने का तय किया है। साथ ही, भारत के तीनों रक्षाबलों के दल अपने इस परेड में शामिल करके रशिया ने, भारत के साथ अपने सामरिक संबंध मज़बूत होने का संदेशा पूरे विश्‍व को दिया है।

पिछले कुछ वर्षों से भारत और अमरीका के व्यापारी और लष्करी सहयोग में बड़ी मात्रा में बढ़ोतरी हुई है। दोनों देशों में काफ़ी अहम सामरिक समझौते भी हुए हैं। इससे भारत और अमरीका के संबंध विकसित हो रहे थे, तभी भारत-रशिया के संबंधों पर इसका विपरित असर होगा, ऐसी चिंता कुछ विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे थे। लेकिन, दूसरे किसी भी देश के साथ बना भारत का सहयोग, रशिया के लिए विकल्प नहीं हो सकता, यह बात भारत ने बार बार स्पष्ट की थी। अमरीका ने प्रतिबंध लगाने की धमकी देने के बावजूद भी, भारत ने रशिया से ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा की खरीद की थी। इसका अच्छा असर भारत-रशिया के सहयोग पर होता दिखाई दे रहा है। वर्तमान में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बना हैं और दोनों देशों की सेनाएँ एक-दूसरे के सामने खड़ी हुई हैं। ऐसी स्थिति में क्या रशिया चीन के पक्ष में खड़ा होगा, यह सवाल कुछ लोगों ने उपस्थित किया था। भारत के तीनों रक्षा बलों को अपनी लष्करी परेड में शामिल करके रशिया ने इसी सवाल का जवाब दिया हुआ दिखाई दे रहा है।

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