नॉटपेटया सायबर हमले के पीछे रशिया का हाथ- अमरिका एवं ब्रिटेन का आरोप

लंडन / मॉस्को: पिछले वर्ष जून महीने में यूक्रेन के साथ दुनिया के प्रमुख देशों को धक्का देने वाले नॉटपेट्या सायबर हमले के पीछे रशियन लष्कर का हाथ था, ऐसा खुला आरोप अमरिका एवं ब्रिटेन ने किया है। अमरिका के व्हाईट हाउस के साथ ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में स्वतंत्र निवेदन प्रसिद्ध कर के रशिया को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उस समय ब्रिटेन एवं उसके सहयोगी देश रशिया से होने वाले हस्तक्षेप को सहन नहीं करेंगे, ऐसा इशारा दिया है। रशिया ने अमरिका एवं ब्रिटेन के आरोप झूठे हैं और ऐसे तथ्यहिन दावे रशिया विरोधी मुहिम का भाग होने का प्रत्युत्तर रशिया से दिया जा रहा है।

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२०१७ में के जून महीने में दुनिया के प्रमुख देशों को नॉटपेट्या रॅनसमवेयर के माध्यम से होनेवाले सायबर हमले का झटका लगा था। यूक्रेन एवं रशिया के साथ अमरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, पोलंड तथा भारत को भी इस हमले का झटका लगा था। इस हमले में हॅकर्स ने कंप्यूटर द्वारा होनेवाले व्यवहार बंद कर रखे थे एवं उसके बदले में बिटकॉइंस के रूप में फिरौती की मांग की थी। यूक्रेन के बैंक, रशिया की ईंधन कंपनियां तथा यूरोप एवं अमरिका की निजी कंपनियों को इस हमले से नुकसान सहन करना पड़ा था। एक रिपोर्ट में सायबर हमले की वजह से ५६ अब्ज डॉलर्स का झटका लगने की बात सामने आयी है।

इस हमले के पीछे रशियन हॅकर्स का हाथ हो सकता है, ऐसी चर्चा होने की बात शुरू हुई थी। पर इस के बारे में अमरिका एवं यूक्रेन को छोड़कर कोई भी कोई प्रक्रिया नहीं दे रहा था। गुरुवार को अमरिका के व्हाईट हाउस में दिए जाने वाली निवेदन में नॉटपेट्या यह दुनिया का सबसे विध्वंसक एवं नुकसान करनेवाला सायबर हमला रशिया ने करने का आरोप किया गया था। व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी साराह सैंडर्स ने यह हमला अत्यंत गैर जिम्मेदाराना होकर, रशिया से यूक्रेन के विरोध में होने वाले इस कारवाई का भाग था, ऐसा भी कहा है।

ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने खुला निवेदन प्रसिद्ध कर के रशिया पर आरोप करने से खलबली फैलाई थी। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने अपने निवेदन के शुरुआत में ही नॉटपेट्या सायबर हमले के पीछे रशियन लष्कर का हाथ होने की बात कही थी। ब्रिटेन के नॅशनल सायबर सिक्योरिटी सेंटर ने किया जांच में यह बात उजागर होने की जानकारी दी गई थी।

इस सायबर हमले की वजह से यूरोपीय कंपनियों के करोड़ों पाउंड का नुकसान हुआ है। ऐसे सायबर हमलों के माध्यम से रशियन सरकार ने रशिया एवं पाश्चिमात्य देशों को एक दूसरों के सामने विरोध के द्वार पर खड़ा किया है। रशिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदार देश के तौर पर बर्ताव रखना अपेक्षित है, ऐसे शब्दों में ब्रिटेन के फॉरेन ऑफिस विभाग के मंत्री लॉर्ड अहमद ने रशिया पर टीका किया है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री गेविन विलियमसन ने रशिया पर निशाना साधा है।

ब्रिटेन सरकार के वरिष्ठ नेताओं ने इस के  पहले भी ब्रिटन के साथ यूरोपीय देशों में होने वाले बढ़ते सायबर हमले के लिए रशिया ही जिम्मेदार होने का आरोप किया था। अमरिका के गुप्तचर यंत्रणा ने संसद के सामने हुए सुनवाई में रशिया के सायबर हमले अमरिका के लिए सबसे खतरनाक होने की बात सूचित की थी।

ब्रिटेन ने किया इन आरोपों का रशिया से स्पष्ट खंडन हो रहा है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव्ह ने ब्रिटेन ने किए आरोप में कोई भी तथ्य ना होने की बात एवं किसी भी सबूत के सिवाय होने का दावा किया है। यह आरोप रशिया विरोधी मुहिम का भाग होने की टीका भी पेस्कोव्हने की है।

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