श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर हवाई पट्टी के निर्माण की शुरुआत

श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में राष्ट्रीय राजमार्ग पर लड़ाक़ू विमानों के लिए हवाई पट्टी का निर्माण करने का काम शुरू किया गया है। लद्दाख में भारत और चीन में तनाव का महौल है। चीन लद्दाख के नज़दीक के सीमाभाग में हवाई पट्टी का निर्माण कर रहा होने की ख़बरें आयीं थीं। साथ ही, भारतीय सीमा के क़रीब से लड़ाक़ू विमान की उड़ान भरकर चीन ने भारत को युद्ध की चेतावनी दी थी। इस पृष्ठभूमि पर, जम्मू-कश्मीर में शुरू हुए इस हवाई पट्टी के काम की अहमियत बढ़ी है। भविष्य में पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं पर यदि आपत्कालीन परिस्थिति उद्भवित हुई, तो यह हवाई पट्टी महत्त्वपूर्ण साबित होगी। कश्मीर घाटी में राजमार्ग पर बनायी जा रही यह तीसरी हवाई पट्टी है।

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में बिजबेहरा भाग के पास श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर, लड़ाक़ू विमानों की उड़ान और लँडिंग के लिए ‘भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण’ (एनएचएआय) द्वारा हवाई पट्टी बनायी जा रही है। ३.५ किलोमीटर की लंबाई की यह हवाई पट्टी हालाँकि पीओके के नज़दीक है, लेकिन लद्दाख की भारत-चीन सीमा भी कुछ ख़ास दूर नहीं है। इस कारण, लद्दाख में फिलहाल जारी तनाव के साथ इस हवाई पट्टी का संबंध जोड़ा जा रहा है। लेकिन इस हवाई पट्टी का, चीन के साथ जारी संघर्ष से कुछ भी संबंध न होकर, इससे पहले ही इस योजना को मंज़ुरी दी गयी थी, ऐसा खुलासा वरिष्ठ अफ़सर ने किया है। कोरोनावायरस के फैलाव की शुरुआत होने के कारण देश में लॉकडाऊन की घोषणा की गयी। इस वजह से हवाई पट्टी का काम स्थगित किया गया था, ऐसा दावा इस अफ़सर ने किया।

कश्मीर घाटी में राजमार्ग पर बनायी जा रही यह तीसरी हवाई पट्टी है। इससे पहले अवंतीपोरा और श्रीनगर में इस प्रकार की हवाई पट्टियों का निर्माण किया गया है। युद्धसमय के दौरान दुश्मन के हमले में यदि हवाई पट्टियाँ ख़राब हुईं, तो लड़ाक़ू तथा कार्गो विमानों की उड़ान एवं लँडिंग में अड़चनें पैदा हो सकतीं हैं। साथ ही संसाधनों की सप्लाई में रोड़ें निर्माण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में चीन और पाकिस्तान की सीमा पर बन रही यह हवाई पट्टी उपयोगी साबित हो सकती है।

भारतीय वायुसेना ने, आपत्कालीन स्थिति में लड़ाक़ू विमान उतारे जा सकते हैं, ऐसे २१ राजमार्गों का चयन कर रखा है। इन राजमार्गों में मुंबई-नासिक राजमार्ग का भी समावेश है। इससे पहले मथुरा के पास के यमुना एक्सप्रेस पर ‘मिराज’ इस लड़ाक़ू विमान का सफल लँडिंग किया था। उसी प्रकार, मिराज-२००० एवं सुखोई-३० इन लड़ाक़ू विमानों ने आग्रा-लखनऊ एक्स्प्रेसवे पर लँडिंग करते हुए, हवाई पट्टी पर ना रुकते हुए पुन: टेकऑफ किया था। वहीं, जुहू हवाईअड्डे पर हवाई दल का मालवाहक विमान उतारा गया था।

अमरीका, कोरिया, फिनलंड, स्वित्झर्लंड, पोलंड तथा पाकिस्तान समेत अन्य कुछ देशों में, राजमार्ग पर इस प्रकार के प्रयोग किये गए हैं। लेकिन गत कुछ वर्षों में भारत ने भी, पाकिस्तान और चीन सीमाओं पर की चुनौतियों को देखते हुए, अपने राजमार्गों पर आपत्कालीन हवाई पट्टियों का निर्माण करने की शुरुआत की होकर, दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में शुरू किया इस हवाई पट्टी का काम इसी का भाग साबित हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.