अमरिका, इस्रायल और सऊदी की ईरान विषयक भूमिका अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को युद्ध में धकेलने वाली- फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष की टीका

पॅरिस: ‘अमरिका, इस्रायल और सऊदी अरब फ़्रांस के मित्र देश हैं। लेकिन इन्होंने इस्रायल के बारे में ली हुई चरमपंथी भूमिका मित्र देशों को युद्ध में धकेलने वाली है’, ऐसी टीका फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्यूल मॅक्रॉन ने की है। पिछले कुछ दिनों से ईरान में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों का अमरिका, इस्रायल और सऊदी ने समर्थन किया है। सीधे उल्लेख नहीं किया है, फिर भी फ़्रांस के राष्ट्राधयक्ष ने इस पर चिंता जताई है।

आने वाले कुछ घंटों में फ़्रांस के विदेश मंत्री ‘जीन-वेस ली द्रियान’ ईरान के दौरे के लिए रवाना हो रहे हैं। उसके पहले फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष ने ईरान में चल रहे घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया देते समय मित्र देश अमरिका, इस्रायल और सऊदी अरब पर टीका की है। अमरिका, इस्रायल और सऊदी ने ईरान के विषय में जानबूझकर दांवपेंच की नीति अपने है, ऐसा फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष ने कहा है।

लेकिन ‘फ़्रांस के मित्र देशों को अपनी इस भूमिका में परिवर्तन करना पड़ेगा। इस के लिए ईरान के साथ कायमस्वरूपी चर्चा जारी रखनी पड़ेगी’, ऐसा फ़्रांस राष्ट्राध्यक्ष ने सुझाव दिया है। ईरान के साथ चर्चा जारी रखी तो संबंध में समतोल साधा जाएगा, ऐसा भरोसा मॅक्रॉन ने जताया है। उसी के साथ ही चर्चा के माध्यम से ईरान पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव भी बरक़रार रखा जा सकता है, ऐसा दावा भी मॅक्रॉन ने किया है।

ईरान के साथ चर्चा छोड़कर अमरिका और मित्र देशों ने संघर्ष और चरमपंथी भूमिका अपनाई तो उस के भीषण परिणाम होंगे, ऐसा कहकर फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष ने अमरीका को सावधान किया है। “अमरिका, इस्रायल और सऊदी की यही भूमिका कायम रही तो ‘सैतान का त्रिकुट’ कार्यान्वित होगा”, ऐसा फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष ने इशारा दिया है। मॅक्रॉन के इस इशारे पर अमरिका, सऊदी और इस्रायल की प्रतिक्रिया आ सकती है।

फ़्रांस के विदेश मंत्री द्रियान के दौरे के बाद मॅक्रॉन भी ईरान का दौरा करने वाले हैं। मॅक्रॉन आने वाले कुछ दिनों में ही दौरा करने वाले थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से ईरान में भड़के प्रदर्शनों की वजह से फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष को अपने नियोजित दौरे को आगे टालना पड़ा है। ‘ईरान की परिस्थिति सुधारने पर अपना यह दौरा पूरा होगा’, ऐसा फ़्रांस के राष्ट्राधयक्ष ने कहा है।

चार दिनों पहले अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन का स्वागत किया था। यह प्रदर्शन मतलब ईरान के अच्छे लोगों ने बदलाव के लिए की हुई कोशिश है, ऐसा ट्रम्प ने कहा था। ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने इस पर टीका की थी। ईरान को आतंकवादी राष्ट्र ठहराने वाले ट्रम्प को ईरान में चल रहे प्रदर्शन पर बोलने का अधिकार नहीं है, ऐसा रोहानी ने कहा था।

दौरान, ईरान के प्रदर्शन में २४ लोगों की जान गई है और हजारों को लोगों को गिरफ्तार किया है। बुधवार को ईरान के प्रदर्शनों ने सातवे दिन में प्रवेश करने के बाद ईरान के सरकारी न्यूज़ चैनलों ने साथ ही मीडिया ने इन प्रदर्शनों प्रसारण और उसकी जानकारी देना बंद किया है।

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