ग्रीस में शरणार्थी और दक्षिणपंथियों समूहों की दंगल

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अथेन्स: आशियाई देश और खाड़ी से घुसने वाले शरणार्थियों के खिलाफ यूरोपीय देशों में असंतोष अधिकाधिक तीव्र होता जा रहा है। यूरोप में घुसने वाले शरणार्थियों के प्रवेशद्वार के तौरपर पहचाने जाने वाले ग्रीस में स्थानीय नागरिकों ने आक्रामक रूप धारण किया है और लेस्बोस इलाके में शरणार्थियों के खिलाफ दंगल भडकी है। लेस्बोस के राष्ट्रवादी समूह के अन्दोलकों ने शरणार्थियों के खिलाफ प्रदर्शन और हमले शुरू किए हैं। इन दंगों की वजह से यूरोपीय देशों में शरणार्थियों के मुद्दे पर तनाव अधिक बढने के संकेत मिल रहे हैं।

लेस्बोस में स्थित ‘मैतिलेनी’ शहर में शरणार्थियों ने अपनी माँगों के लिए धरना आन्दोलन शुरू किया है। यह आन्दोलन शुरू था उसी समय रविवार को तुर्की में ग्रीस सैनिकों के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन करने वाले ‘पॅट्रिऑटिक मुव्हमेंट’ के प्रदर्शनकारी शहर के मुख्य चौराहे में दाखिल हुए। इन प्रदर्शनकारियों ने शरणार्थियों के खिलाफ घोषणा देते हुए अचानक हमला किया। कांच को बोतल, पत्थर, आग के गोले शरणार्थियों के समूहों पर फेंकना शुरू किया।

आशियाई देश और खाड़ी

इस दौरान संतप्त प्रदर्शनकारियों ने शरणार्थियों के खिलाफ ‘उनको जला दो और समंदर में फेंक दो’ ऐसी कठोर घोषणाएं देते हुए आक्रामक रूप धारण किया। प्रदर्शनकारियों ने आसपास की गाड़ियों और इमारतों को भी लक्ष्य बनाया। स्थानीय पुलिस ने अनसु धुए का इस्तेमाल करने के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने हिंसा जारी रखी। शरणार्थियों के खिलाफ होने वाली इस हिंसा को प्रत्युत्तर देने के लिए शहर के वामपंथी सोच के समूह और कुछ संगठनों के सदस्य रास्ते पर उतर आए।

उसके बाद राष्ट्रवादी और आक्रामक समूहों के सदस्य और शरणार्थियों को समर्थन देने वाले संगठनों के प्रदर्शनकारियों में नुथ्भेद होने की जानकारी सूत्रों ने दी है। सोमवार सुबह तक पुलिस और दो विरोधी समूहों में हिंसक मुठभेड़ शुरू थी। सोमवार सुबह पुलिस ने जबरदस्ती से शरणार्थियों को स्थानांतरित करने के बाद परिस्थिति पूर्ववत होने की जानकारी स्थानियों ने दी है। इस हिंसक प्रदर्शनों में १२ से अधिक लोग जख्मी हुए हैं पुलिस ने १०० से अधिक प्रदर्शनकारियों को कब्जे में लिया है।

स्थानीय मेयर स्पायरोस गैलिनोस ने पुलिस ने इसके पहले ही हस्तक्षेप करना चाहिए था, ऐसी आलोचना की है।‘लेस्बोस की जनसंख्या २७ हजार के आसपास है और लगभग १० हजार से अधिक शरणार्थी इस इलाके में दाखिल हुए हैं। शरणार्थियों ने इस द्वीप को बंधक बनाने जैसी परिस्थिति निर्माण हुई है और अधिक सहायता की आवश्यकता है’, ऐसा इशारा भी मेयर गैलिनोस ने दिया है।

ग्रीस में पिछले साल भर से शरणार्थियों पर हमले होने का प्रमाण लगातार बढ़ रहा है और पिछले साल शरणार्थियों के खिलाफ ३४ ‘हेट क्राईम्स’ हुए हैं, ऐसा दर्ज किया गया है। ग्रीस से लेकर जर्मनी तक यूरोप के करीब करीब हर देश में शरणार्थियों के खिलाफ बढ़ता असंतोष सामने आ रहा है और राजनीतिक स्तर पर भी उसका तीव्र असर पिछले साल भर में दिखाई दिए हैं। पोलैंड, ऑस्ट्रिया और इटली जैसे कई देशों ने शरणार्थियों के मुद्दे पर आक्रामक भूमिका अपनाई है और उस वजह से यूरोपीय महासंघ में दरार निर्माण हुई है।

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