जम्मू-कश्‍मीर में देशवासियों को ज़मीन खरीदने का अधिकार – सरकार ने अधिसूचना जारी करके तुरंत निर्णय लागू किया

नई दिल्ली/श्रीनगर – केंद्र सरकार ने बीते वर्ष जम्मू-कश्‍मीर की धारा-३७० को हटाने का निर्णय करने के बाद इस वर्ष के मार्च महीने में अधिनिवास के नियमों में बदलाव करने का बड़ा निर्णय किया गया था। इसके बाद सरकार ने जम्मू-कश्‍मीर डेवलपमेंट ऐक्ट में बदलाव करने का और एक अहम निर्णय किया है। अब ज़मीन के मामलों में कानून में बदलाव करके ‘राज्य के स्थायि निवासी’ यह शब्द ही हटाए गए हैं और इस वजह से देश के किसी भी हिस्से में रहनेवाले नागरिक जम्मू-कश्‍मीर में ज़मीन खरीद सकते हैं।

ज़मीन

अब तक जम्मू-कश्‍मीर के बाहरी इलाके के किसी भी स्थायि निवासी को जम्मू-कश्‍मीर में ज़मीन एवं संपत्ति खरीदने का अधिकार नहीं था। बीते वर्ष अगस्त तक जम्मू-कश्‍मीर को धारा-३७० के तहत विशेष राज्य का दर्जा प्रदान हुआ था। साथ ही ‘धारा ३५-ए’ के कारण जम्मू-कश्‍मीर के बाहरी नागरिकों को वहां पर जमीन खरीदना संभव नहीं था। लेकिन, ५ अगस्त, २०१९ के दिन ‘धारा-३७०’ हटाकर इस राज्य को दिया गया विशेष दर्जा हटाया था। साथ ही जम्मू-कश्‍मीर और लद्दाख एवं दो अलग अलग केंद्रीय प्रदेश बनाया। अब इन केंद्रीय प्रदेशों में अन्य केंद्रीय कानून एवं नियम लागू किए जा रहे हैं।

इससे पहले जम्मू-कश्‍मीर के अधिवास के दाखिले के नियमों में बदलाव किए गए थे। इसके अनुसार इस राज्य में १५ वर्षों से रहनेवालों को और सात वर्ष शिक्षा प्राप्त करनेवालों को अधिवास का दाखिला प्राप्त करने का मार्ग खुला हुआ था। इससे पहले जम्मू-कश्‍मीर को प्राप्त हुए विशेष दर्जे की वजह से वहां पर कई वर्षों से रहनेवालों को स्थानीय निवासी नहीं माना जाता था। लेकिन, नियमों में हुए बदलाव के बाद अब ऐसे नागरिकों को जम्मू-कश्‍मीर में अधिवास के दाखिले प्राप्त हो रहे हैं और उन्हें वहां पर नौकरियों के अवसर प्राप्त हुए हैं। साथ ही संपत्ति खरीदने का अधिकार भी प्राप्त हुए हैं। सितंबर तक करीबन १९ लाख लोगों को अधिवास के दाखिले प्रदान किए गए हैं।

ज़मीन

अब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्‍मीर में देश के अन्य राज्यों को ज़मीन खरीदने का मार्ग खोला है। ‘जम्मू-कश्‍मीर डेवलपमेंट ऐक्ट’ की धारा १७ से ‘राज्य के स्थायि निवासी’ यह शब्द हटाए गए हैं। जम्मू-कश्‍मीर पुनर्रचना अधिनियमों के तहत यह बदलाव किया गया है। इस वजह से इस केंद्रीय प्रदेश के बाहरी अन्य नागरिकों को भी यहां पर ज़मीन खरीदना संभव होगा। कारखाने लगाने के लिए ज़मीन खरीदी जा सकेगी। साथ ही मकान एवं दुकान भी खरीदना संभव होगा। इसके लिए स्थानीय निवासी होने के सबूत पेश करने की भी ज़रूरत नहीं रहेगी।

यह आदेश तुरंत लागू किया गया है। लद्दाख के लिए भी इसी तरह का कानून बनाया गया हैं। इस बारे में मंगलवार के दिन गैज़ेट अधिसूचना जारी की गई। कृषि एवं बगैर खेती की ज़मीन के लिए भी यह कानून लागू है। लेकिन, कृषि ज़मीन की बिक्री किसानों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए संभव नहीं होगा। लेकिन, साथ ही खेत या खेती के अलावा कामों के लिए ज़मीन देने के लिए कुछ प्रावधान किए गए हैं। ऐसी ज़मीन शिक्षा संस्था या वैद्यकीय केंद्र का निर्माण करने के लिए दी जा सकती है।

इसी बीच, जम्मू-कश्‍मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस निर्णय से जम्मू-कश्‍मीर के विकास के लिए सहायता होगी, यह कहा है। जम्मू-कश्‍मीर में बाहर से उद्योंग भी पहुँचे, निवेश के लिए ऐसे निर्णय की आवश्‍यकता थी, यह बात सिन्हा ने स्पष्ट की। लेकिन, जम्मू-कश्‍मीर के कुछ राजनीतिक दल इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.