उइगरों को गुलाम मज़दूर बनानेवाले चीन के संबंधों पर पुनर्विचार करें – ट्रम्प प्रशासन की अमरिकी कंपनियों को चेतावनी

वॉशिंग्टन – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत उइगर वंशियों का इस्तेमाल गुलाम मज़दूरों की तरह कर रही है और चीन की कंपनियाँ भी इस हरकत में शामिल हैं। यह बात ठीक से ध्यान में रखें और चीन में अपने उत्पाद बना रहीं अमरिकी कंपनियाँ, चिनी कंपनियों के एवं हुकूमत के संबंधों पर पुनर्विचार करें, यह चेतावनी अमरिकी विदेश विभाग ने दी है। अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने कुछ दिन पहले ही, उइगर वंशियों के मुद्दे पर अमरिकी कंपनियों को विशेष सूचना देनेवाला निवेदन भी जारी किया था। इसके बाद ट्रम्प प्रशासन ने दी हुई यह नयी चेतावनी, उइगरवंशियों के मुद्दे पर चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत को लक्ष्य करने की मुहिम का हिस्सा समझी जा रही है।

us-uyghurs-chinaअमरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी केथ क्रॅक ने एक समाचार चैनल को दी हुई मुलाकात के दौरान, उइगरवंशियों के मुद्दे पर अमरिकी कंपनियों को फ़टकार लगाई। ‘चीन की हुकूमत द्वारा उइगरवंशियों पर हो रहे अत्याचार, यह दूसरे विश्‍वयुद्ध के बाद मानव अधिकारों का उल्लंघन होने की सबसे बड़ी और गंभीर घटना है। कई चिनी कंपनियाँ देश की हुकूमत द्वारा जारी इन हरकतों में शामिल हैं। अमरिकी कंपनियाँ इस बात का एहसास रखकर, चिनी कंपनियों के साथ बने हितसंबंधों का पुनर्विचार करें। विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने कुछ दिन पहले जारी की हुई सूचना पर ठीक से ग़ौर करके अगले कदम उठायें’, यह चेतावनी अंडरसेक्रेटरी क्रॅक ने दी है। अमरीका की ८३ कंपनियाँ उइगरवंशी कर्मचारियों का इस्तेमाल करनेवालीं चिनी कंपनियों से संबंध बनाकर हैं, इसका ज़िक्र भी उन्होंने किया।

ट्रम्प प्रशासन ने अमरिकी कंपनियों को दी हुई इस चेतावनी के पीछे, ऑस्ट्रेलियन अभ्यासगुट ने जारी की एक रिपोर्ट का संदर्भ है। ‘ऑस्ट्रेलियन स्ट्रॅटेजिक पॉलिसी इन्स्टिट्युट’ इस अभ्यासगुट ने कुछ महीनें पहले ‘उइगर्स फॉर सेल’ नाम से एक सनसनीखेज़ रिपोर्ट जारी की थी। इसमें चीन के झिंजियांग प्रांत की चिनी कंपनियाँ, उइगरवंशियों का बतौर ‘स्लेव्ह लेबर’ इस्तेमाल करने की बात दुनिया के सामने रखी थी। अमरिका एवं युरोप की प्रमुख कंपनियाँ, उइगरवंशियों को गुलाम बनानेवालीं चीन की कई कंपनियों से अपने उत्पादों का निर्माण कर रही है, यह दावा भी इस रिपोर्ट में किया गया है।

इन कंपनियों में अमरीका की एपल, एमेझॉन, आदिदास, नाईके, डेल, सिस्को जैसीं कई बड़ी कंपनियों का समावेश है। हालाँकि कुछ अमरिकी कंपनियों ने, ऑस्ट्रेलियन अभ्यासगुट ने किए आरोपों पर जवाब दिया हैं, लेकिन कई कंपनियों ने अभी तक इस पर खुलासा करना टाल दिया है। वहीं, चीन के सरकारी माध्यमों ने यह दावा किया था कि उइगरवंशियों को किसी भी तरह से मजबूर नहीं किया जा रहा है और वे अपनी मर्ज़ी से शामिल हो रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, अमरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों ने अमरिकी कंपनियों को चेतावनी देना अहमियत रखता है।

ASPIपिछले कुछ महीनों में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और प्रशासन ने व्यापार, मानव अधिकार इनके साथ कई मुद्दों पर चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत को घेरने की कोशिश शुरू की है। उइगरवंशियों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में भी ट्रम्प प्रशासन ने कई अहम निर्णय किए हैं। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले महीने में ही ‘उइगर ह्युमन राईटस्‌ एक्ट’ पर हस्ताक्षर किए थे। उइगरवंशियों से संबंधित इस कानून में चिनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है।

चीन के जो भी कोई अधिकारी उइगरों पर की जा रही कार्रवाई में शामिल हैं, उन सभी को इस कानून के ज़रिये लक्ष्य किया जायेगा। इन अधिकारियों की अमरिका में होनेवाली संपत्ति जब्त की जाएगी और उन्हें अमरीका में प्रवेश भी नहीं दिया जाएगा। इस कानून के तहत होनेवाली कार्रवाई की चपेट में, चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी के झिंजिआंग प्रांत के प्रमुख ‘शेन क्वांगुओ’ भी होंगे। शेन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के ताकतवर ‘पॉलिटब्युरो’ के सदस्य हैं। झिंजिआंग में उइगरवंशियों पर की गई कार्रवाई का सारा नियंत्रण शेन के हाथों में था और उन्होंने मानव अधिकारों का उल्लंघन किया है, यह आरोप भी रखा गया है।

चीन ने पिछले कई वर्षों से झिंजिआंगा प्रांत के इस्लामधर्मी उइगरवंशियों का लगातार उत्पीड़न किया है और आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी दखल ली गयी है। सन २०१८ में संयुक्त राष्ट्रसंघ की एक रिपोर्ट में, चीन ने कुल ११ लाख उइगरवंशियों को छल शिविरों में कैद कर रखा था, इस बात का पर्दाफाश किया गया था। इस रिपोर्ट के बाद पश्‍चिमी देशों ने उइगरों के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य करना शुरू किया है और इसके लिए अमरिका ने पहल की है। अमरिकी कंपनियों को दी गयी चेतावनी भी इसी का हिस्सा है।

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