चिनी ऊर्जा उपकरण की आयात पर पाबंदी

नई दिल्ली – चीन को आर्थिक मोरचे पर झटका देनेवाला एक और फैसला भारत सरकार ने किया है। चिनी ऊर्जा उपकरण की आयात पर सरकार ने पाबंदी लगाई होकर, इसके पीछे सुरक्षा की वजह होने की बात स्पष्ट की है। केंद्रीय ऊर्जामंत्री आर. के. सिंह ने राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों से व्हिडीओ कॉन्फरसिंग द्वारा चर्चा की और इस निर्णय के बारे में सूचित किया। पिछले साल चीन से भारत में २१ हजार करोड़ रुपयों के ऊर्जा उपकरणों की आयात की गई थी। लेकिन सरकार के इस फैसले की वजह से, चीन के लिए यह भारतीय मार्केट भी बंद हो गया है। उसीके साथ, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने लद्दाख के गलवान वैली में भारत के २० जवानों को शहीद करनेवाले चीन की और उनके निवेशों की भारत को ज़रूरत ना होने की बात डटकर कही है।

China-Banइससे पहले केंद्र सरकार द्वारा सरकारी टेलिकॉम कंपनियों को, चीन से उपकरणों की खरीद पर रोक लगाने के आदेश दिये गये थे; साथ ही, रेल्वे और मेट्रो रेल्वे के भी चिनी कंपनियों के काँट्रॅक्ट्स रद कर दिये गये थे। महामार्ग परियोजना और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र में चीन का निवेश रोखने के लिये नियम बदलने का फैसला किया गया है, यह बात केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने बताई थी। रक्षा उपकरण के लिये लगनेवाले कच्चे माल की चीन से हो रही आयात पर सरकार ने रोक़ लगाने की ख़बरें हैं। साथ ही, ५९ अ‍ॅप्स पर पाबंदी लगाने का बड़ा फैसला सरकार द्वारा लिया गया था। अब चीन से ऊर्जा उपकरण की हो रही आयात पर भी रोक लगाने का फैसला किया गया है।

भारत ऊर्जा उपकरणों की आयात अब चीन से नहीं करेगा, ऐसी घोषणा केंद्रीय ऊर्जामंत्री आर. के. सिंग ने की है। भारत में पॉवर ट्रान्स्मिशन और वितरण के लिए आवश्यक कई ऊर्जा उपकरणों की आयात की जाती है। इसमें ट्रान्समिशन टॉवर, ट्रान्सफॉर्मर, केबल, मीटर, मोटर्स जैसे ऊर्जा उपकरणों का समावेश है। इनमें से कुछ उपकरण रिमोट द्वारा चलाए जाते है। सूचना प्रौद्योगिक, आर्टिफिशल इंटेलिजन्स (एआय) तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। इस कारण सायबर हमलों की संभावना बढ़ गई है। चीन से आयात होनेवाले उपकरणों में मालवेअर हो सकता है और इसकी वजह से बिजली सप्लाई की यंत्रणा पर सायबर हमला हो सकता है। इस कारण संपर्क, सुरक्षा यंत्रणा ढह सकती है। इसे ध्यान में रखकर यह फैसला किया होने की बात सिंग ने कही है।

China-Ban२०१८-१९ इस आर्थिक साल में, भारत में ७१,००० करोड़ रुपयों के ऊर्जा उपकरणों की आयात की गई थी। इसमें २१,००० करोड़ रुपयों के उपकरण चीन से आयात किये गए थे। देश में ही सबकुछ बन रहा होकर, इन उपकरणों की आयात की ज़रूरत ना होने की बात सिंग ने स्पष्ट की है।

इसी बीच, गलवान वैली में हुई घटना के बाद भारत को चीन की तथा उसके निवेश की ज़रूरत नहीं है। भारत को पूरी दुनिया से निवेश प्राप्त होगा, ऐसा दावा भी गडकरी ने किया है। फिलहाल दुनिया में कोई भी चीन के साथ सौदा करने के लिए उत्सुक नहीं है, इस बात की ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया है। साथ ही, भारतीय कंपनियाँ सक्षम हैं, यह विश्वास भी केंद्रीय मंत्री गडकरी ने व्यक्त किया है। प्रतिस्पर्धा के दौर में भारतीय कंपनियों को जीवित रहने के लिए धीरे धीरे ही सही, उत्पादन और गुणवत्ता सुधारनी होगी। आधुनिक तकनीक की सहायता लेनी पड़ेगी, यह भी आगे गडकरी ने कहा।

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