मानवाधिकार आयोग का रिपोर्ट आतंकवाद को अधिकृतता प्रदान करने वाला – भारत की कड़ी आलोचना

जिनिव्हा: जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार का उल्लंघन होने का आरोप करनेवाला रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकार आयोग ने दिया था। भारत ने यह रिपोर्ट ठुकराया है और आयोग आतंकवाद को अधिकृतता प्रदान करने की बात कहते हुए कड़े बोल सुनाये हैं। इस रिपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए भारत को घेरने की पाकिस्तान की कोशिशों पर किसी भी देश ने प्रतिक्रिया नहीं दी है। इसकी वजह से और एक बार पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर अकेला दिखाई दे रहा है।

मानवाधिकार आयोग, रिपोर्ट, आतंकवाद, अधिकृतता प्रदान, आलोचना, भारत, संयुक्त राष्ट्रसंघसंयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकार आयोग पर जोरदार विवाद शुरू होकर अमरिका ने इस आयोग से बाहर निकलने पर दुनिया भर में उसकी चर्चा हुई थी। मानवाधिकार आयोग ही मानवाधिकार का हनन करने वालों का अड्डा होने की कड़ी आलोचना अमरिका ने की थी। तथा आयोग लगातार इस्रायल का द्वेष करने की भूमिका स्वीकारने का आरोप भी अमरिका के संयुक्त राष्ट्रसंघ के राजदूत निकी हैले ने किया था। मानवाधिकार का हनन करने वाले देश आयोग के सदस्य हैं, इस विसंगति पर हैले ने ध्यान केंद्रित किया था।

मानवाधिकार आयोग के उच्चायुक्त ने दिए रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार का हनन होने का आरोप भी किया जा रहा है। इस पर भारत से तीव्र प्रतिक्रिया रही थी। आयोग की बैठक में भारत में इस रिपोर्ट पर आक्षेप जताया था। आयोग का यह रिपोर्ट जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को अधिकृतता प्रदान करने वाला होने की टिप्पणी लगाते हुए, भारत ने आतंकवाद यही कश्मीर की मूल समस्या होने की बात ध्यान में लाई है। मुख्य तौर पर इस संदर्भ में अफगानिस्तान, भूतान, मॉरिशियस, बेलारूस, क्यूबा और व्हेनेझुएला इन देशों ने भारत के पक्ष भूमिका ली थी।

मानवाधिकार आयोग, रिपोर्ट, आतंकवाद, अधिकृतता प्रदान, आलोचना, भारत, संयुक्त राष्ट्रसंघइस रिपोर्ट में पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर में मानवाधिकार का उल्लंघन होने का दावा किया जा रहा है। पर इसकी तरफ नजरअंदाज करके पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार का हनन का मुद्दा गंभीर होने का दावा किया है। इस रिपोर्ट का उपयोग करके कश्मीर प्रश्न का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने का प्रयत्न भी पाकिस्तान ने किया था। पर किसी भी देश ने पाकिस्तान के इन प्रश्नों को प्रतिसाद नहीं दिया है। इसके विपरीत भूतान के प्रतिनिधि ने आयोग के इस रिपोर्ट पर कार्यवाही ना की जाए ऐसी ठोस भूमिका ली थी।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का प्रश्न एवं वहां की उलझी हुई परिस्थिति ध्यान में लेते हुए आयोग ने इस रिपोर्ट पर किसी भी स्वरूप का निर्णय लिया जाए, ऐसा भूतान के प्रतिनिधि ने कहा था।

दौरान आयोग ने इस्रायल के विरोध में हुई भूमिका विवादास्पद ठहरी है और अमरिका एवं इस्रायल इस आयोग के विश्वास पर प्रश्न उपस्थित कर रहे हैं। जो देश मानवाधिकार के हनन के लिए प्रसिद्ध है, ऐसे देशों का आयोग के समावेश है। यह बात विवादास्पद है, इसकी तरफ अमरिका एवं इस्रायल ने ध्यान केंद्रित किया था।

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