अमरिकी शेयर बाजार में चिनी कंपनियों के शेयर्स में रिकार्ड गिरावट – २०० अरब डॉलर्स से अधिक नुकसान होने का दावा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – अमरिकी शेयर बाजार में चिनी कंपनियों के शेयर्स में रिकार्ड गिरावट हुई। शुक्रवार, सोमवार और मंगलवार ऐसे लगातार तीन दिन यह गिरावट शुरू होकर, चिनी कंपनियों का लगभग २०० अरब डॉलर्स से अधिक नुकसान हुआ होने का दावा किया जाता है। चिनी कंपनियों की यह गिरावट सन २००८ के बाद का सबसे बड़ा झटका दिखाई दे रहा है। इन कंपनियों में चीन की आईटी और शिक्षा क्षेत्र की कंपनियों का समावेश है। चिनी कंपनियों की शेयर बाजार में हुई इस गिरावट के पीछे, चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत ने शुरू की कार्रवाई यह प्रमुख कारण बताया जाता है।

chinese-companies-us-share-market-1चीन की ८ सरकारी कंपनियों समेत लगभग २५० कंपनियाँ अब तक अमरीका के शेयर बाजार में दर्ज हुईं हैं। शेयर बाजार में नाम दर्ज करने के पीछे का उद्देश्य, अमरीका समेत अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर से बड़े पैमाने पर निधि इकट्ठा करने का है, ऐसा माना जाता है। चिनी कंपनियों ने अब तक इस तरह नाम दर्ज करके लगभग दो ट्रिलियन डॉलर्स की निधि इकट्ठा करने में कामयाबी प्राप्त की। चिनी कंपनियाँ हालाँकि बड़े पैमाने पर अमरिकी शेयर बाजारों से निधि इकट्ठा कर रही हैं, फिर भी पिछले कुछ सालों में अमरिकी प्रशासन द्वारा उन पर होनेवाली कार्रवाई की मात्रा भी बढ़ी है। ट्रम्प प्रशासन ने कई चिनी कंपनियों को ‘ब्लैक लिस्ट’ करने के साथ ही उन पर विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध भी लगाए थे। बायडेन प्रशासन द्वारा भी, चिनी कंपनियों के विरोध में कार्रवाई का सिलसिला कायम रहेगा, ऐसे संकेत दिए गए हैं।

इस पृष्ठभूमि पर, चीन की सत्ताधारी हुकूमत ने अपनी कंपनियों पर, अमरिकी शेयर बाजार से किनारा करने के लिए दबाव डालना शुरू किया। आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के विरोध में चीन ने कार्रवाई की लाठी दिखाना शुरू किया है। पिछले कुछ महीनों में ‘अलिबाबा’, ‘दिदी’, ‘टेन्सेंट’ इन जैसी कंपनियों के विरोध में कार्रवाई का फैसला करके चीन ने, आईटी क्षेत्र समेत अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों को भी बड़ा झटका दिया है। इस झटके की तीव्र गूंजें शेयर बाजार में सुनाई दे रहीं हैं।

chinese-companies-us-share-market-2पिछले कुछ महीनों से निवेशकों ने अमेरिकन शेयर बाजारों में चिनी कंपनियों के शेयर बेचना शुरू किया था। पिछले हफ्ते से ये गतिविधियाँ अधिक ही तेज़ हुईं होकर, शुक्रवार से आईटी क्षेत्र की चिनी कंपनियों के शेयर्स में गिरावट शुरू हुई है। अमरीका के ‘नॅस्डॅक गोल्डन ड्रॅगन चायना इंडेक्स’ में चीन की अग्रसर १०० कंपनियाँ दर्ज हैं। इस इंडेक्स में शुक्रवार, सोमवार और मंगलवार ऐसे लगातार तीन दिन गिरावट आ रही है। तीन दिनों में २० प्रतिशत से अधिक गिरावट दर्ज होने की जानकारी सामने आई है। इस गिरावट की गूंजें चीन के हांगकांग स्थित शेयर बाजार में भी सुनाई दे रही होकर, उसमें भी चिनी कंपनियों के शेयर्स में बड़े पैमाने पर गिरावट आई है।

तीन दिनों की कालावधि में ही चिनी कंपनियों का तकरीबन २०० अरब डॉलर्स से अधिक नुकसान हुआ बताया जाता है। फरवरी महीने से जारी इस गिरावट को मद्देनजर रखें, तो चिनी कंपनियों का मूल्य लगभग एक ट्रिलियन डॉलर्स से गिरा होने का दावा प्रसार माध्यम और विश्लेषकों ने किया है। वहीं, पिछले तीन दिनों में हुई गिरावट यह सन २००८ के बाद की सबसे बड़ी गिरावट साबित हुई है। गिरावट हुई कंपनियों में ‘अलिबाबा’, ‘दिदी’, ‘टेन्सेंट’, ‘मेटुआन’, ‘जेडी डॉट कॉम’ और ‘बायडु’ इन जैसीं शीर्ष कंपनियों का समावेश है। इस गिरावट की पृष्ठभूमि पर अमरिकी विश्लेषकों ने, आनेवाले समय में चिनी कंपनियों में निवेश करते समय एतिहाद बरतें, ऐसी सलाह अमरिकी निवेशकों को दी है।

कुछ दिन पहले, चीन की अग्रसर कंपनियों द्वारा कैपिटल के लिए अमरिकी शेयर बाजारों में किया जानेवाला पंजीकरण रोकने के लिए चीन की सत्ताधारी हुकूमत ने ज़ोरदार गतिविधियाँ शुरू कीं हैं, ऐसी खबर सामने आई थी। इसके पीछे अमरीका के निवेश क्षेत्र को झटका देकर, अधिक से अधिक विदेशी निवेशकों का रुझान अपनी ओर करने का चीन का उद्देश्य बताया जाता था। इस पृष्ठभूमि पर, पिछले तीन दिनों में चिनी कंपनियों के शेयर में हुई रिकार्ड गिरावट गौरतलब साबित होती है।

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