लीबिया में जारी सत्तासंघर्ष में बागियों की फौज़ पीछे हटने के लिए मज़बूर

त्रिपोली – राजधानी त्रिपोली से बागियों को खदेड़ देने के बाद लीबिया की सेना ने शुक्रवार के दिन तरहुन शहर पर भी कब्ज़ा किया हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ का समर्थन प्राप्त होनेवाली लीबियन सरकार को मिली यह बड़ी जीत समझी जा रही है। वहीं, पिछले १४ महीनों से लीबिया की राजधानी त्रिपोली पर कब्ज़ा करने के लिए घमासान संघर्ष करनेवाले बागी लष्करी नेता हफ्तार के लिए यह काफी बड़ा झटका साबित होता है। तरहुन में प्राप्त हुई जीत निर्णायक होने का दावा करके लीबियन सरकार और सरकार समर्थक गुट जल्लोश कर रहे हैं। लेकिन, लीबिया के पूर्वीय एवं दक्षिणी ओर के, र्इंधनप्रचुर क्षेत्र पर अभी भी बागी नेता हफ्तार का ही नियंत्रण है। इस वज़ह से, यह संघर्ष इतनी जल्दी ख़त्म नहीं होगा, यह दावा कुछ विश्‍लेषक कर रहे हैं।

लीबिया

लीबिया में संयुक्त राष्ट्रसंघ का समर्थन प्राप्त हुई ‘गव्हर्नमेंट ऑफ नैशनल अकोर्ड’ सत्ता की बागड़ोर संभाल रही है। लेकिन लीबिया के सेनाप्रमुख जनरल हफ्तार ने इस सरकार को चुनौती देकर लष्करी बगावत की। संयुक्त अरब अमीरात और इजिप्ट का समर्थन प्राप्त करनेवाले हफ्तार के पीछे रशिया ने भी अपना समर्थन खड़ा किया था। खाड़ी देशों में सक्रिय होनेवाला चरमपंथी संगठन ‘इस्लामी ब्रदरहूड’ भी हफ्तार के समर्थन में खड़ा होने का दावा किया जा रहा है। इसके बलबूते पर हफ्तार ने, लीबियन सेना के एक बड़े गुट की सहायता से, संयुक्त राष्ट्रसंघ के समर्थन में खड़ी सरकार को चुनौती दी थी।

लीबिया के दक्षिणी एवं पूर्वीय क्षेत्र पर हफ्तार और उनके सहयोगियों ने वर्चस्व स्थापित किया था। इसके बाद लीबिया की राजधानी त्रिपोली की दिशा में हफ्तार के बागी सहयोगियों ने आगे बढ़ना शुरू किया था और पिछले १४ महीनों से राजधानी त्रिपोली पर कब्ज़ा करने के लिए इन बागियों ने भयंकर संघर्ष शुरू रखा था। हफ्तार के पक्ष में रशिया के कान्ट्रैक्ट सैनिक लड़ रहे होने के आरोप भी हुए थे। वहीं, लीबियन सरकार की रक्षा करने के लिए तुर्की ने लष्करी हस्तक्षेप किया होने की बात भी सामने आयी थी। लेकिन, अब इस संघर्ष का पलड़ा पलट चुका हैं और राजधानी त्रिपोली से बागियों को खदेड़ देने में लीबियन सेना और समर्थक गुट को कामयाबी प्राप्त हुई है।

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इतना ही नहीं, बल्कि शुक्रवार के दिन लीबिया के तरहुन शहर पर भी लीबियन सेना ने कब्ज़ा किया है। तरहुन का इस्तेमाल करके ही हफ्तार समर्थक त्रिपोली पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन, अब इन बागियों को वहाँ से पीछे हटना पड़ा है और इससे लीबियन सरकार को काफ़ी बड़ी जीत हासिल होने की बात समझी जा रही है। राजधानी त्रिपोली में इस जीत पर जल्लोष शुरू हुआ है। आनेवाले समय में लीबिया में हुई बगावत पूरी तरह से तोड़ दी जाएगी, ऐसी घोषणाएँ लीबियन सरकार कर रही है। लेकिन, यह बात इतनी आसान नहीं है, इस ओर भी कुछ विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। लीबिया के पूर्वीय एवं र्इंधन से भरपूर दक्षिणी ओर के क्षेत्र पर अभी भी हफ्तार का नियंत्रण है। इस क्षेत्र में बागियों के साथ संघर्ष करना लीबियन सरकार के लिए कठिन होगा। हफ्तार के समर्थन में खड़ी रशिया ऐसा होने नहीं देगी, ऐसा आंतर्राष्ट्रीय वृत्तसंस्थाएँ कह रही हैं। इस वज़ह से लीबिया में जारी रक्तरंजित सत्ता संघर्ष नज़दिकी भविष्य में थमने की संभावना नहीं है। बल्कि आनेवाले दिनों में यह संघर्ष और भी तीव्र होगा, ऐसा वृत्तसंस्थाओं का कहना है।

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