हवाई सुरक्षा यंत्रणा को चकमा दे सके ऐसे रशिया के ‘आत्मघाती’ ड्रोन्स तैनाती के लिए तैयार

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमास्को – पिछले वर्ष में अपने शस्त्र सामर्थ्य की पहचान दुनिया को दिलानेवाले रशिया ने कामिकाझे ड्रोन प्रदर्शित किया है| शत्रु की हवाई सुरक्षा यंत्रणा को चकमा देनेवाले यह ड्रोन आत्मघाती होने का दावा रशियन यंत्रणा कर रही है| राइफल्स के निर्माण में भी दुनिया में प्रसिद्ध होनेवाले कैलेशनिकोव्ह कंपनी ने इस आत्मघाती ड्रोन का निर्माण किया है और जल्द ही यह ड्रोन रशिया के लष्कर में तैनात होने वाले हैं|

पिछले वर्ष दुबई के आयडेक्स अंतरराष्ट्रीय शस्त्र प्रदर्शन कार्यक्रम में रशिया ने सबसे पहले कैलेशनिकोव्ह ड्रोन दुनिया के सामने लाया था| केवायबी यह इस ड्रोन का नाम होकर लगभग ३० मिनट तक यह ड्रोन उड़ान कर सकते हैं| १३० किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यह ड्रोन ३ किलोग्राम वजन के विस्फोटक ले जा सकता हैं| अपने नियोजित जगह लैंड होते समय अथवा गिरने से इस ड्रोन से बहुत बड़ा विस्फोट हो सकता है| जिसकी वजह से यह ड्रोन सटिक, परिणामकारक और हवाई सुरक्षा योजना के लिए बहुत बड़ी चुनौती होने का दावा रशिया के लष्करी विश्‍लेषक कर रहे हैं|

गहरे जंगल में छिपे शत्रु एवं आतंकवादियों को लक्ष्य करने के लिए क्यूब ड्रोन सहायक होंगे, ऐसा कैलेशनिकोव्ह कंपनी का कहना है| लो ऍण्ड हाई एल्टीट्यूड उड़ान के परीक्षण में भी यह ड्रोन खरा उतरा है| जिसकी वजह से पहाड़ और खाई में घूमते समय ह ड्रोन रडार यंत्रणा को चकमा दे सकते हैं, ऐसा दावा इस कंपनी से संबंधित पदाधिकारियों ने किया है| कैलेशनिकोव्हश कंपनी ने इस ड्रोन की उड़ान का और हमले का एक वीडियो भी प्रसिद्ध किया है|

पिछले कई दशकों से रशिया के कैलेशनिकोव्ह कंपनी के एके४७ राइफल्स को दुनिया भर में बहुत बड़ी मांग हो रही है| राइफल्स के निर्माण में बड़े बदलाव होने के बाद भी एके४७ के मांग में फर्क नहीं हुआ है| वजन में हल्के, चलाने में आसान, सस्ते और मरम्मत के लिए सरल होनेवाली इस राइफल्स का उपयोग कई देशों के लष्कर से आतंकवादी संगठनों तक कर रहे है| जिसकी वजह से कैलेशनिकोव्ह कंपनी ने तैयार की आत्मघाती ड्रोन की दुनिया भर से बहुत बड़ी मांग होने की आशंका जताई जा रही है| दुनिया के शस्त्र प्रदर्शन में इस ड्रोन की बहुत बड़ी चर्चा हुई थी|

दौरान रशिया की तरह इस्राइल के लष्कर में भी आत्मघाती हैरोप ड्रोन का उपयोग किया था| कुछ दिनों पहले इस्राइल ने यह ड्रोन भारत को देने के संबंध में करार भी किया था| इस पृष्ठभूमि पर भारत इस्राइल से १५ हैरोप ड्रोन की खरीदी करने वाला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.