मालेगांव बमविस्फ़ोट : रघुवंशी एवं मोहन का सनसनीख़ेज़ खुलासा

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कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के आतंकवादविरोधी पथक के पूर्व प्रमुख के. पी. रघुवंशी ने मालेगांव बमविस्फ़ोट मामले में सनसनीखेज़ खुलासा किया। ‘इस मामले में सिमी एवं पाक़िस्तान का हाथ रहने के सबूत मुझे प्राप्त हुए थे। इस संदर्भ में हुई तहकिक़ात का सारा रिपोर्ट मैंने न्यायालय को सौंपा था। लेकिन ‘एनआयए’ ने यह सारी तहकिक़ात ख़ारिज़ कर दी’ ऐसी शिक़ायत रघुवंशी ने की। मैंने की हुई तहकिक़ात उचित ही थी, ऐसा जताकर रघुवंशी ने ‘मैं आज भी इस तहकिक़ात के निष्कर्ष पर अटल हूँ’ ऐसा कहा है।

pg01_k p raghuvanshi2सिमी के आतंकी रहनेवाले सफ़दर एवं कमरुद्दिन इन ‘नागोरी बंधुओं’ का नार्को टेस्ट करनेवाले बी.एम.मोहन ने, समझौता एक्स्प्रेस बमविस्फ़ोट के पीछे सिमी एवं पाक़िस्तान का हाथ होने की जानकारी दी। नागोरी बंधुओं ने नार्को परीक्षण में, ‘हम ‘समझौता एक्स्प्रेस’ में बमविस्फ़ोट कराने की तैयारी में थे’ यह बताया था, ऐसा बी. एम. मोहन ने कहा।

उसी समय, ‘समझौता’ मामले में ले. कर्नल पुरोहित के ख़िलाफ़ गवाही देनेवाले ‘कॅप्टन नितीन जोशी’ ने, ‘मुझपर दबाव डालकर पुरोहित के ख़िलाफ़ गवाही देने के लिए मुझे मजबूर किया गया’ ऐसा कहा है। वहीं, डॉ. आर. पी. सिंग ने भी, ‘मालेगांव बमविस्फ़ोट मामले में ले. कर्नल पुरोहित तथा अन्य लोगों को गुनाहगार क़रार देने के लिए अधिकारियों ने मुझपर दबाव डाला था’ ऐसी शिक़ायत की है। वहीं, ‘मालेगांव बमविस्फ़ोट’  मामले में गवाह रहनेवाले यशपाल भडाना ने भी, ‘मुझपर दबाव डालकर ले. कर्नल पुरोहित एवं अन्य लोगों के ख़िलाफ़ गवाही देने के लिए मुझे मजबूर किया गया’ ऐसा कहा है।

इस प्रकार, ‘ले. कर्नल पुरोहित को फ़ँसाने के पीछे राजनीतिक षडयंत्र था। ‘देश में ‘भगवा आतंकवाद’ उदयित हो रहा है’ ऐसा चित्र पूर्व ‘यूपीए’ सरकार खड़ा करना चाहती थी। उसीको लेकर, देश की सुरक्षा के बारे में न सोचते हुए, राजनीतिक हेतुओं को साध्य करने के लिए यह कार्रवाई की गयी’ ऐसी कड़ी आलोचना की जा रही है। पूर्व लष्करी अधिकारी एवं तहकिक़ात यंत्रणाओं के पूर्व अधिकारी भी, राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर इस मामले में राजनीति करने की अपप्रवृत्ति पर तीख़ी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं।

‘यूपीए’ सरकार के इस रवैये के कारण, भारत में ख़ूनख़राबा करानेवाले पाक़िस्तान को ‘क्लीनचिट’ मिल गयी। साथ ही, भारत में जहाल हिंदुत्ववादी आतंकी बन चुके होने की चिल्लमचिल्ली पाक़िस्तान ने शुरू कर दी। ये आतंकी ही भारत में खूनख़राबा करके उसके लिए पाक़िस्तान को ज़िम्मेदार ठहराते हैं, ऐसा आरोप जोरोंशोरों से करना पाक़िस्तान ने इसके पश्चात् शुरू किया था। अपने इन आरोपों के समर्थन में पाक़िस्तान ने हमेशा ‘मालेगांव’ एवं ‘समझौता’ बमविस्फ़ोट मामलों का प्रभावी तरीक़े से इस्तेमाल किया था।

pg01_Mohanभारत द्वारा किये जा रहे आतंकवाद के आरोपों की धार कम करने के लिए पाक़िस्तान ने ‘मालेगांव’ एवं ‘समझौता’ मामलों का इस्तेमाल किया, यह कई बार स्पष्ट हुआ था। ‘केवल पाक़िस्तान में ही नहीं, बल्कि भारत में भी आतंकवाद उदयित हो रहा है’ ऐसा प्रचार पाक़िस्तान के कट्टरपंथिय विश्लेषक करने लगे थे।

मुंबई के २६/११ आतंकवादी हमले के बाद भी, ‘इसके पीछे भारतीय आतंकियों का ही हाथ होगा’ ऐसा शक़  पाक़िस्तान के कट्टरपंथिय विश्लेषक ज़ाहिर कर रहे थे। उसके बाद भी पाक़िस्तान में से इस प्रकार के आरोप किये जाते ही रहे।

२ जनवरी को पठाणकोट के भारतीय वायुसेना के अड्डे पर हुए हमले के पीछे पाक़िस्तान के ‘जैश-ए-मोहम्मद’ इस आतंकवादी संगठन का हाथ होने के सुस्पष्ट सबूत सामने आये थे। मग़र फिर भी, ‘भारत ने ही यह हमला करवाया’ ऐसा आरोप पाकिस्तान के माध्यम करने लगे थे।

पाक़िस्तान में से किये जा रहे इन बेबुनियाद आरोपों का समर्थन करते समय, पाक़िस्तानी विश्लेषक हमेशा ‘मालेगांव’ तथा ‘समझौता’ इन मामलों का ज़ोर देकर उल्लेख करते आये हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा एवं देशहित की परवाह न करते हुए की खेली गयी इस राजनीति के गंभीर परिणाम देश को भुगतने पड़े हैं, ऐसी आलोचना भारत के पूर्व अधिकारी एवं विश्लेषकों द्वारा की जा रही है।

One Response to "मालेगांव बमविस्फ़ोट : रघुवंशी एवं मोहन का सनसनीख़ेज़ खुलासा"

  1. Sudhir Potdar   April 30, 2016 at 4:44 pm

    Truth has come to light. Now it is time to punish those who compromised nation’s security for political gain.

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