‘रफाएल’ खरीद प्रक्रिया की जांच आवश्यक नही – सर्वोच्च न्यायालय

नई दिल्ली – फ्रान्स से लडाकू ‘रफाएल’ विमानों खरीदी करने की प्रक्रिया में गैरव्यवहार हुआ नही है, यह सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है| साथ ही ५८,००० करोड रुपयों के इस समझौते की जांच करने के विषय पर दाखिल की गई सभी याचिका सर्वोच्च न्यायालय ने ठुकराई है| इस के पहले हुई सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘रफाएल’ विमानों की किंमत की जानकारी सामने रखने के आदेश केंद्र सरकार को किए थे|

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पिछले कुछ महीनों से रफाएल विमानों की खरीद में गडबडी हुई है, यह आरोप हो रहे थे| फ्रान्स से ३६ विमाने अधिक दामों में खरीदे जा रहे है, यह दावा किया गया था| इस पूरे खरीदी के समझौते की न्यायालयिन जांच हो, यह मांग लगातार की जा रही थी| रफाएल की जांच को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में कई याचिका भी दाखिल की गई थी| उसके बाद न्यायालय ने केंद्र सरकार को जानकारी रखने को कहा था|

केंद्र सरकार ने रखी जानकारी और अन्य सबुतों को ध्यान में रखकर सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार के दिन रफाएल के मामले में सुनवाई की| मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई इनके अध्यक्षता की अदालत ने इस मामले पर निर्णय देते वक्त कहा की, इस व्यवहार में किसी भी नीजि कंपनी को गैर तरीके से पसंती देने के पुख्ता सबुत दिख नही रहे है| लडाकू विमानों की तोल करना न्यायालय का काम नही है, इन शब्दों में सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका कर्ताओं को स्पष्ट किया|

देश की सुरक्षा के लिए लडाकू विमानों की काफी जरूरत है और इसके अलावा देश की सुरक्षा बरकरार रखना मुमकिन नही, इस ओर भी न्यायालय ने ध्यान आकर्षित किया| लडाकू विमानों की खरीदी की प्रक्रिया में गडबडी होने के कोई भी सबुत नही है, यह भी मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया है| समझौते में शामिल दोनों बाजू से विमानों की खरीदी के संबंधी सभी मुद्दे स्पष्ट किये है, यह भी सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है|

रफाएल की किमत और उसका सभी ब्योरा स्पष्ट हुआ तो यह विमान कौनसे शस्त्रों से लैस होगा इसकी जानकारी पाकिस्तान और चीन को प्राप्त हो सकेगी, यह बताकर केंद्र सरकारने यह जानकारी रखने से इन्कार किया था|

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