कट्टरपंथी और वामपंथी विचारधारा फ्रेंच समाज को निगल रही है – फ्रान्स की उच्च शिक्षामंत्री की चेतावनी

पॅरिस – ‘कट्टरवाद तथा चरमसीमा की वामपंथी विचारधारा फ्रेंच समाज को पूरी तरह निगलती चली जा रही है। इससे विश्वविद्यालय भी सुरक्षित नहीं रहे हैं’, ऐसी चेतावनी फ्रान्स की उच्च शिक्षामंत्री फ्रेडरिक विदाल ने दी। इस कारण फ्रेंच विश्वविद्यालयों में संशोधक, समाज का विभाजन करने की दृष्टि से ही हर एक बात की ओर देखने लगे हैं, ऐसा बताकर, इसकी गहरी जांच करने के आदेश जल्द ही दिए जाएंगे, ऐसी लक्षणीय घोषणा फ्रेडरिक विदाल ने की। मंगलवार को फ्रान्स की संसद ने इस्लामी कट्टरपंथिय और विघटनवादियों के विरोध में होनेवाले विधेयक को मंजुरी दी थी। उसके बाद विदाल ने की हुुई घोषणा यही दर्शा रही है कि फ्रेंच सरकार इस चुनौती की ओर बड़ी ही गंभीरता से देख रही है।

french-leftismपिछले कुछ सालों में फ्रान्स में कट्टरपंथियों द्वारा किए जानेवाले आतंकी हमले बढ़े हैं। इन हमलों की पृष्ठभूमि पर, कट्टरवादियों का प्रभाव और फ्रेंच मूल्य तथा समाज को उनसे होनेवाला खतरा प्रकर्षपूर्वक सामने आया था। कुछ महीने पहले एक फ्रेंच अध्यापक की हुई हत्या और उसकी सुनाई दीं हुईं गुंजों के बाद फ्रेंच सरकार ने इस मुद्दे को अधिक गंभीरता से लेने की शुरुआत की। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युएल मॅक्रॉन के साथ वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा किए जाने वाले बयान इसकी पुष्टि करने वाले साबित होते हैं।

फ्रान्स की उच्च शिक्षामंत्री फ्रेडरिक विदाल ने ‘सीन्यूज टेलिव्हिजन’ इस न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में, फ्रेंच समाज के साथ शिक्षासंस्थाओं में भी बढ़ रहे कट्टरवाद और वामपंथी विचारधारा के बढ़ते खतरे पर गौर फरमाया। फ्रान्स समेत युरोप की सबसे बड़ी संशोधन संस्था के रूप में जाने जानेवाले ‘नॅशनल सेंटर फॉर सायंटिफिक रिसर्च’ (सीएनआरएस) के माध्यम से इस मामले में तहकिक़ात करने की घोषणा भी उच्च शिक्षा मंत्री ने की है। शैक्षणिक संशोधन और आंदोलन तथा मत व्यक्त करना, इनमें होनेवाला फर्क तहकिक़ात के द्वारा तय किया जाएगा, ऐसा दावा विदाल ने किया।

विदाल का बयान और संसद में की हुई घोषणा की, अध्यापकों तथा संशोधनों के कुछ गुटों द्वारा आलोचना की जा रही है। लेकिन सत्ताधारी पार्टी के सदस्य और दक्षिणपंथी विचारधारा के नेताओं ने, उच्च शिक्षा मंत्री की घोषणा का स्वागत किया है। कुछ महीने पहले सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों ने, शिक्षा संस्थाओं में विचारधारा के नाम पर होने वाली अफरा-तफरी की तहकिक़ात करने की मांग भी की थी। विदाल से पहले फ्रान्स की शिक्षामंत्री जीन मिशेल ब्लँके ने भी कट्टरवादी वामपंथी विचारधारा की जमकर आलोचना की थी। यह विचारधारा फ्रेंच शिक्षा संस्थाओं में अनर्थ करवा रही है, ऐसा ब्लँकर ने कहा था।

कुछ दिन पहले फ्रान्स के १०० से भी अधिक विचारकों ने एक खुला पत्र जारी किया होकर, अमरीका से आनेवाली पाखंडी वामपंथी विचारधारा और बहिष्कार की संस्कृति फ्रान्स के अस्तित्व के लिए खतरा साबित हो सकती है, ऐसा जताया था। राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन ने भी यह चेतावनी दी थी कि कट्टरतावाद और विघटनवाद फ्रान्स में कदापि बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। फ्रान्स से पहले जर्मनी और ब्रिटन में भी कट्टरपंथी तथा वामपंथी विचारधारा के विरोध में प्रतिक्रियाएं आने लगीं हैं। अमरीका में हुए ‘ब्लॅक लाईव्हज् मॅटर’ के प्रदर्शनों को समर्थन देने के लिए ब्रिटेन में जो आंदोलन हुआ, वह पूरा मामला भयानक था और हम कभी भी उसका समर्थन नहीं कर सकते, ऐसा ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने जताया था।

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