….तो सिरिया में पुन: लड़ाक़ू विमान तैनात करने की पुतिन की चेतावनी

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सिरिया में चल रहे संघर्ष में से रशियन लष्कर हालाँकि बाहर निकला है, मग़र फिर भी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने यह चेतावनी दी है कि ‘चंद कुछ घण्टों में रशिया सिरिया में लड़ाक़ू विमान पुन: तैनात कर सकता है और यदि सिरिया में अस्साद की सरकार ख़तरे में पड़ गयी, तो रशिया का लष्कर कुछ घंटों में ही सिरिया में दाख़िल हो सकता है’। यह घोषणा करके – ‘हमने अस्साद सरकार से मुँह नहीं फ़ेरा है’ यह संदेश ही मानो रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दिया है।

सिरिया से बाहर निकलने के रशिया के निर्णय के बाद कुछ विश्लेषकों ने यह दावा किया था कि राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अस्साद सरकार को रहनेवाला समर्थन पीछे ले लिया है। सिरियास्थित अपने हितसंबंधों को सुरक्षित करने के बाद रशिया ने इस संघर्ष से बाहर निकलने का निर्णय लिया, ऐसा ब्रिटन के कुछ विश्लेषकों तथा अख़बारों ने कहा था। अस्साद सरकार पर दबाव डालकर सिरिया में स्थित्यंतर कराने की पुतिन की यह कोशिश थी, ऐसा इन विश्लेषकों का कहना था। रशिया के लड़ाक़ू विमान चंद दो दिनों में ही सिरिया से अपने देश वापस लौट गये होने के कारण विश्लेषकों के इस दावे की पुष्टि हो रही थी।meet1

लेकिन तीन दिन बाद ही राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने – ‘रशिया सिरिया की अस्साद सरकार के साथ है’ यह घोषित कर, इन दावों को झूठा साबित कर दिया है। ‘रशिया ने यह लक्ष्य निर्धारित किया था कि सिरिया में थोड़ीबहुत स्थिरता स्थापित कर शांतिचर्चा के लिए आवश्यक परिस्थिति का निर्माण करना। रशियन लड़ाक़ू विमानों के हमलों के कारण शांतिचर्चा के लिए आवश्यक परिस्थिति निर्माण हुई है। साथ ही, इस संघर्ष के कारण रशिया और अमरीका में भी सकारात्मक सहयोग प्रस्थापित हुआ है’ यह दावा भी पुतिन ने किया। उसके बाद सिरियन राष्ट्राध्यक्ष अस्साद भी सिरियाविषयक चर्चा के लिए तैयार थे। इसलिए अस्साद के साथ चर्चा करने के बाद ही रशिया ने सिरिया से बाहर निकलने की घोषणा की, यह पुतिन ने स्पष्ट किया।

सिरिया से रशिया का बाहर निकलना, यह स्थायी स्वरूप में न होने की याद भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने इस समय दिलायी। साथ ही, सिरिया में लष्करी दख़लअंदाज़ी करना रशिया को पसंद नहीं है, मग़र यदि वैसी ही परिस्थिति निर्माण हुई, तो रशिया को फिर से यह फ़ैसला करना पड़ेगा और सिरियन सरकार ने लष्करी सहायता की माँग की, तो रशिया फिर से सिरिया में लड़ाक़ू विमान तैनात कर सकता है, ऐसा पुतिन ने ज़ोर देकर कहा। चंद कुछ ही घंटों में रशिया के विमान सिरिया में आ सकते हैं और अपनी सारी ताकत लगाकर रशिया फिर से संघर्ष में उतर सकता है, ऐसी चेतावनी पुतिन ने इस समय दी।

लेकिन सिरिया की अस्साद सरकार एवं विरोधक शांतिचर्चा द्वारा इस मसले का हल निकालने की कोशिश करें, ऐसा आवाहन पुतिन ने किया। साथ ही, इसके आगे भी रशिया की ओर से सिरिया को लष्करी तथा गोपनीय जानकारी का सहयोग जारी ही रहेगा, ऐसी घोषणा भी पुतिन ने की। पिछले पाँच महीनों से रशिया ने सिरिया में की हुई लष्करी कार्रवाई पर कुल मिलाकर ४८ करोड़ डॉलर्स का खर्चा हुआ होने की जानकारी भी पुतिन ने इस समय दी।

साथ ही, रशिया के सिरियास्थित तारतूस एवं लताकिया इलाक़े के लष्करी अड्डे रशिया के ही कब्ज़े में रहेंगे और सिरिया के संघर्ष के समय तैनात की हुई ‘एस-३००’ यह हवाई सुरक्षा यंत्रणा इसके आगे भी सिरिया में ही तैनात रहेगी, ऐसी महत्त्वपूर्ण घोषणा पुतिन ने इस समय की।

इसीके साथ, तुर्की द्वारा कुर्दों पर की जा रही कार्रवाई इस मसले को और भी पेचींदा बना रही है। कुर्दों पर तुर्की द्वारा की जा रही यह कार्रवाई तुरंत ही बंद की जाये, ऐसा आवाहन रशिया ने किया है; वहीं, तुर्की ने भी युरोपीय महासंघ पर, वह कुर्द बाग़ियों की सहायता कर रहा होने का आरोप किया है।

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