पुतिन सच में तीसरा विश्वयुद्ध छेड़ेंगे – ब्रिटन के रक्षा मंत्री विल्यमसन का इशारा

लंडन: ‘ब्रिटन में भूतपूर्व रशियन जासूस पर हुआ हमला यह युद्ध का नया कालखंड शुरू हुआ है, ऐसा दिखा रहा है और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन की ऐसी कार्रवाइयों की वजह से तीसरा विश्वयुद्ध भडक सकता है’, ऐसा इशारा ब्रिटन के रक्षामंत्री गेविन विल्यमसन ने दिया है। रशिया सिर्फ पश्चिमी देशों के लिए नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है और इस वजह से दुनिया अधिक अँधेरे की तरफ धकेली जा रही है, ऐसा विल्यमसन ने कहा है। रशिया की तरफ से बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर ब्रिटन के रक्षा खर्च मे ११२ करोड़ डॉलर्स की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी की गई है, ऐसा रक्षामंत्री ने घोषित किया है।

ब्रिटन के रक्षामंत्री विल्यमसन ने एक ब्रिटिश दैनिक में लिखे लेख में नए संघर्ष का इशारा देते हुए रशिया को लक्ष्य किया है। ‘रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन दीर्घ दूरी के मिसाइल और और परमाणु में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। उसी समय रशिया की तरफ से साइबर क्षेत्र में बेधड़क हमले किए जा रहे हैं। ब्रिटन में भूतपूर्व रशियन जासूस पर हुआ हमला दुसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में हुआ पहला ही हमला है, यह भुला नहीं जा सकता है। यह घटना रशियन राजवट ने ब्रिटन के खिलाफ की अवैध और नफ़रत वाली बात कर्रवाई है और उसने निष्पाप लोगों की जान खतरे में आई थी’, इन शब्दों में ब्रिटिश रक्षामंत्री ने रशिया पर घनघोर टीका की है।

विल्यमसन ने अपने लेख में अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर विविध देशों की तरफ से संभव खतरे और वैश्विक अस्थिरता का भी उल्लेख किया है। उसमें अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, चीन की तरफ से महासत्ता बनने के लिए शुरू आक्रामक गतिविधियाँ, ईरान की परमाणु सज्ज होने की महत्वाकांक्षा और खाड़ी में बढ़ता हस्तक्षेप और उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम साथ ही बढ़ते साइबर हमले इनका समावेश है, ऐसा ब्रिटिश रक्षामंत्री ने कहा है। इन सभी घटकों के साथ साथ रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन और उनकी तरफ से चल रही कार्रवाइयां दुनिया को संभव खतरों में से एक है , ऐसा ब्रिटिश रक्षामंत्री ने इशारा दिया है।

रशियन राजवट की तरफ से संभव खतरों के बारे में किसी को भी आशंका होगी तो ब्रिटन में भूतपूर्व रशियन जासूस पर हुए विषप्रयोग की घटना और उसे ब्रिटन के रक्षा दल की तरफ से दिया गया प्रतिसाद इस बात की तरफ देखा जाए, ऐसा ताना भी ब्रिटिश रक्षामंत्री ने मारा है। रशिया की आक्रामकता की वजह से ब्रेक्झिट के बाद ब्रिटन के रक्षादलों के सामने कठोर चुनौती खड़ी हुई है, इसका एहसास रक्षामंत्री विल्यमसन ने कराया है। इस खतरे का सामना करने के लिए ब्रिटन ने अपनी रक्षा लागत में ११२ करोड़ डॉलर्स से अधिक बढ़ोत्तरी की है, इस बात को विल्यमसन ने सामने लाया है।

अतिरिक्त रक्षानिधि का इस्तेमाल नई परमाणु सज्ज पनडुब्बी निर्माण करने के लिए और ‘हाइब्रिड वॉरफेअर’ की वजह से सामने आई नई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए किया जाएगा, ऐसा रक्षामंत्री ने दावा किया है।

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