रशियन ‘हायपरसोनिक मिसाइल डिफेन्स’, ‘एरोस्पेस फोर्स’ पर ध्यान केंद्रीत करें – राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के रक्षादल को आदेश

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमास्को – अमेरिका ने किया ‘स्पेस फोर्स’ का निर्माण और उसे ‘कॉम्बॅट कमांड’ का दर्जा देने की पृष्ठभूमि पर अब रशिया ने भी अंतरिक्ष में अपनी क्षमता बढाने के लिए तेजी से गतिविधियां बढाई है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इन्होंने रक्षादल का हिस्सा होनेवाले ‘एरोस्पेस फोर्सेस’ पर अधिक ध्यान केंद्रीत करके इस क्षेत्र का विकास करने पर जोर देने के आदेश जारी किए है| इन आदेशों में उन्होंने दुनिया के अन्य देशों के पहले ‘हायपरसोनिक मिसाइल डिफेन्स’ सिस्टिम’ तैयार करने के लिए भी कहा है|

मंगलवार के दिन रशिया के रक्षा क्षेत्र से जुडे कई विभागों की बैठक आयोजित की गई थी| राष्ट्राध्यक्ष पुतिन इनकी अध्यक्षता में हुई इस बैठक में रक्षादलों की क्षमता, भविष्य के प्लैन, अलग अलग रक्षा यंत्रणाओं की उपलब्धता एवं तैनाती के मुद्दों पर बातचीत हुई| इस दौरान भविष्य की परियोजनाओं पर बोलते समय पुतिन ने ‘रशियन एरोस्पेस फोर्सेस’ का विकास करने के लिए अधिक ध्यान देने के आदेश दिए|

रशिया ने वर्ष २०१५ में ‘रशियन एअरफोर्स’ और ‘रशियन एरोस्पेस डिफेन्स फोर्सेस’ को एक करके ‘रशियन एरोस्पेस फोर्सेस’ का गठन किया था| हवाई क्षेत्र एवं अंतरिक्ष क्षेत्र की मुहीमों को एक दुसरे से होनेवाला संबंध और उनकी बढती अहमियत पर ध्यान देकर यह निर्णय किया गया था| लेकिन, लष्कर और नौसेना की तुलना में पिछले कुछ वर्षों में इस विभाग के विकास पर विशेष ध्यान नही दिया गया है, यह बात सामने आ रही है| लेकिन, अमरिका ने ‘आईएनएफ’ जैसे समझौते से की वापसी और ‘अंतरिक्ष’ क्षेत्र का लष्करीकरण करने पर दिया जोर ध्यान में रखकर ‘रशियन एरोस्पेस?फोर्सेस’ की परियोजनाओं पर ध्यान देने के आदेश पुतिन ने इस बैठक के दौरान दिए|

‘रशियन एरोस्पेस फोर्सेस’ की संभावित परियोजनाओं में ‘हायपरसोनिक मिसाइल डिफेन्स सिस्टिम’ पर विशेष ध्यान देने की चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन इन्होंने दी| रशिया ने हायपरसोनिक मिसाइल और अन्य यंत्रणा विकसित करने में सफलता प्राप्त की है, इस ओर ध्यान आकर्षित करके अन्य देश भी यह सफलता प्राप्त करने के लिए जोरों से कोशिश कर रहे है, यह एहसास भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दिलाया| अन्य देशों ने ‘हायपरसोनिक मिसाइल’ विकसित करके उन्हें ‘कॉम्बॅट अलर्ट’ पर तैनात करने से पहले ही उन्हें रोकने के लिए हमारे पास यंत्रणा तैयार रहे, ऐसा पुतिन ने अपने आदेश में कहा है|

फिलहाल रशिया के अलावा अमरिका और चीन इन दो देशों ने ही हायपरसोनिक मिसाइल विकसित करने में सफलता प्राप्त की है, यह कहा जा रहा है| पुतिन इन्होंने किसी भी देश का जिक्र किया नही है, लेकिन उनका रोक अमरिका से विकसित किए जा रहे मिसाइलों की ओर होने की बात स्पष्ट हुई है| पिछले वर्ष में रशिया ने नए नए मिसाइल का निर्माण करने के दावे किए जा रहे है और उनमें से कुछ मिसाइल दुश्मनों की ‘मिसाइल डिफेन्स’ यंत्रणा को चकमा दे सकते है, यह दावा पुतिन इन्होंने किया था| इस पृष्ठभूमि पर अमरिका जैसे देश ने निर्माण किए हायपरसोनिक मिसाइल रशिया के विरोध में तैनात हो सकते है, इसका एहसास रखकर ही पुतिन इन्होंने ‘हायपरसोनिक मिसाइल डिफेन्स सिस्टिम’ विकसित करने के आदेश दिए दिख रहे है|

नासा की ‘मून मिशन’ के लिए डेढ अरब डॉलर्स का प्रावधान – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की घोषणा

वॉशिंगटन – अपने कार्यकाल में अमरिकी अंतरिक्ष संस्था ‘नासा’ को फिर से अहमियत देने की कोशिश शुरू है और इसमें मून मिशन के साथ मंगल मुहीम का समावेश है| इन मुहीमों के लिए नासा को वर्ष २०२० में अतिरिक्त १.६ अरब डॉलर्स देने का ऐलान अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने किया|

नासा ने वर्ष २०२४ में फिर से चांद पर अंतरिक्ष यात्री भेजने का प्लैन किया है और इसके लिए अलग अलग योजना एवं परिक्षण शुरू है| इस मुहीम में अमरिका की नीजि अंतरिक्ष कंपनीयों का भी सहभाग रहेगा, यह संकेत नासा से दिए गए है| वर्ष २०२० में चांद पर एक अहम मुहीम शुरू करने के संकेत नासा ने दिए है| वर्ष २०२० में चांद पर एक अहम मुहीम करने की महत्वाकांक्षी घोषणा उप-राष्ट्राध्यक्ष माईक पेन्स इन्होंने दो महीने पहले की थी| इस पृष्ठभूमि पर अतिरिक्त आर्थिक प्रावधान करना ध्यान आकर्षित कर रहा है|

 

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