सार्वजनिक क्षेत्र की १३ बैंक मुनाफे में – केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन का दावा

नई दिल्ली – अनुत्पादित कर्ज के भार के नीचें दबें सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों में सुधार करने के लिए हो रही सरकार की कोशिशों का कामयाबी प्राप्त हो रही है और इससे छह महीनों में १३ बैंकों को मुनाफा होने का दावा केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने किया| शनिवार के दिन राजधानी नई दिल्ली में सार्वजनिक बैंकों के साथ हुई बैठक के बाद अर्थमंत्री ने यह जानकारी प्रदान की| साथ ही देश के बैंकों ने सरकारी यंत्रणाओं से डरने की जरूरत नही है, यह कहकर दबाव के बिना काम करने की सलाह भी सीतारामन ने दी

पिछले कुछ महीनों से भारतीय अर्थव्यवस्था की गति में गिरावट हुई है| इसमें बैंकिंग क्षेत्र की खराब स्थिति भी एक कारण समझा जा रहा है| डुंबे हुए कर्ज की भारी मात्रा भारतीय बैंकों के सामने खडी सबसे बडी समस्या साबित हो रही है| केंद्र सरकार ने इस विषय में कई सुधार एवं उपाय घोषित किए थे| पर, इसका सामने आ रहा असर उम्मीद के अनुसार नही है| इस पृष्ठभूमि पर केंद्रीय अर्थमंत्री ने शनिवार के दिन सरकारी बैंकों के वरिष्ठ अफसरों से बैठक की| इस दौरान अर्थमंत्री सीतारामन ने कुछ अहम निर्णय भी घोषित किए|

भारत में बैंकों को पिछले कुछ समय में काफी खराब स्थिति का सामना करना पडा है| सरकारी जांच यंत्रणा एवं कई मामलों की वजह से बैंकों की निर्णय क्षमता पर असर होता दिखाई दिया है| इस वजह से इस मुद्दे पर सीबीआय समेत अन्य यंत्रणाओं के साथ संवाद करके कुछ निर्णय किए गए है, यह बात केंद्रीत अर्थमंत्री ने स्पष्ट की| बैंकों ने इसके आगे सीबीआय, ‘कैगएव केंद्रीय दक्षता आयोग जैसे यंत्रणा का डर बेवजह रखने की जरूरत नही है, इन शब्दों में वित्तमंत्री सीतारामन ने बैंकों को राहत दी|

इस बैठक के बाद हुई वार्तापरिषद में सीतारामन ने ऑनलाईन व्यवहार अधिक आसान करने के लिए एमडीआररद्द करने का ऐलान किया| ५० करोड रुपये एवं उससे अधिक व्यवहार करनेवाली कंपनियों को १ जनवरी, २०२० से ग्राहक एवं छोटे व्यापारियों से एमडीआरशुल्क पाना मुमकिन नही रहेगा, यह बात केंद्रीय अर्थमंत्री ने स्पष्ट की| ‘रुपे डेबिट कार्डऔर यूपीआयका इस्तेमाल करनेवालों लो कॉस्ट पेमेंट मोडकी सुविधा उपलब्ध करके देने की जिम्मेदारी संबंधित कंपनियों की रहेगी, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया|

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