आतंकवाद के विरोध में जनमत सबसे अधिक अहमियत रखता है – राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल

नई दिल्ली – ‘दहशतगर्द एवं अलगाववादियों को प्रदान हो रही आर्थिक सहायता की जानकारी एवं उसके व्यवहार गोपनीय रखने में कुछ मतलब नही है| बल्कि, इस बारे में यंत्रणाओं ने अधिक पारदर्शिता दिखाकर यह जानकारी माध्यमों के जरिए दुनिया के सामने रखी चाहिए| इस वजह से पाकिस्तान जैसा देश आतंकियों की कैसे सहायता कर रहा है, यह जानकारी सामने आती रहेगी और इसके विरोध में जनमत तैयार होगा| इस तरह से जनमत तैयार करना वर्तमान समय में काफी अहमियत रखती है| दहशतगर्दों को हो रही आर्थिक सहायता रोकने के लिए एवं उनके विरोध में सबुतों के साथ कार्रवाई करने के लिए भी यह बात जरूरी है’, ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने कहा है|

‘राष्ट्रीय तपास यंत्रणा’ (एनआईए) ने नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में अजित डोवल बोल रहे थे| फ्रान्स में ‘एफएटीएफ’ की बैठक शुरू है और इस दौरान पाकिस्तान का शिष्टमंडल खुद का बचाव कर रहा है| आतंकियों को आर्थिक सहायता करनेवालों पर कडी कार्रवाई करने में पाकिस्तान को मिली नाकामयाबी का मुद्दा इस बैठक में अहम बना है| इसके लिए पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करने के संकेत भी प्राप्त हो रहे है| ऐसा हुआ तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष एवं वैश्‍विक बैंक से अल्प व्याजदरों का कर्ज नही प्राप्त हो सकेगा| अन्य देशों को भी पाकिस्तान के साथ व्यवहार शुरू रखना एवं उसे आर्थिक सहायता करने के लिए कठिनाई होगी| बिल्कुल ऐसे समय पर ही भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पाकिस्तान के आतंकी निती को लक्ष्य कर के इस देश से आतंकियों को आर्थिक सहायता प्राप्त होती है, इस ओर ध्यान आकर्षित किया|

युद्ध में हो रहा नुकसान बर्दाश्त करने से बाहर होने से आतंकवाद का इस्तेमाल करके अपना उद्देश्य प्राप्त करने की कोशिश कई देश करते है| इसमें पाकिस्तान माहीर बना है| पाकिस्तान आतंकियों की सहायता करता है, यह बात पुरी दुनिया को ज्ञात है| लेकिन, इस संबंधी न्यायालय में साबित होने वाले सबुत आर्थिक व्यवहारों के माध्यम से पेश किए जा सकते है| यह कार्रवाई ‘एफएटीएफ’ से किया जाता है और इसी लिए पाकिस्तान को ‘एफएटीएफ’ का डर सबसे ज्यादा लगता है, ऐसा डोवल ने कहा|

‘एनआईए’ यह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के विरोध में कार्रवाई करनेवाली सबसे प्रभावी संस्था है| क्यों की, ‘एनआईए’ ने आतंकी एवं अलगाववादियों को प्रदान हो रहे पैसे का स्रोत ढुंढ निकाला है और उसपर जरूरी कार्रवाई भी शुरू की है| इस वह से जम्मू-कश्मीर में आवश्यक जगह पर दबाव बना है और उसका असर भी सामने आ रहा है, इन शब्दों में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने ‘एनआईए’ की सराहना की|

आतंकियों को प्रदान हो रहे पैसों का एवं उसके लिए हो रहे आर्थिक व्यवहारों की जांच करके प्राप्त जानकारी से सबुत तैयार करने का काम ‘एनआईए’ करती है, यह भी डोवल ने कहा| यह सभी सबुत अदालत में साबित हो सकते है और आतंकियों के विरोधी कार्रवाई में यह काफी अहम बात साबित होती है, इस ओर डोवल ने ध्यान आकर्षित किया| वर्तमान समय में युद्ध का भार उठाना मुमकिन नही| क्यों की युद्ध में बडी तादाद में जीवित एवं संपत्ति का नुकसान बर्दाश्त करना होता है| इतना करके भी उम्मीद के अनुसार परिणाम प्राप्त होने का भरौसा नही रहता| इसी लिए कुछ देश आतंकवाद की ओर कम खर्च के युद्ध के तौर पर देखते है और पाकिस्तान यही कर रहा है, ऐसा दावा डोवल ने किया| साथ ही आतंकवाद का उपयोग राष्ट्रीय निती के तौर पर करनेवाले पाकिस्तान की निती पर डोवल ने कडी आलोचना की| इस वजह से आतंकियों के विरोध में प्रभावी कार्रवाई कर रही स्वतंत्र संस्था आवश्यक होने की बात डोवल ने कही है|

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