प्रधानमंत्री मोदी पॅलेस्टाइन के दौरे पर जायेंगे

नई दिल्ली: इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू के भारत दौरे को महीना पूर्ण हो रहा है और अब भारत के प्रधानमंत्री पॅलेस्टाइन के दौरे पर जाने वाले हैं।१० फरवरी के रोज प्रधानमंत्री मोदी पॅलेस्टाइन के दौरे पर जाएंगे, ऐसी जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी है। इसकी वजह से भारत अपने विदेश धारणा में संतुलन कायम रखने की बात दिखाई दे रही है।

फरवरी महीने के दूसरे हफ्ते में प्रधानमंत्री संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और पॅलेस्टाइन को भेट देंगे, ऐसी जानकारी विदेश मंत्रालय के सचिव विजय गोखले ने दी है। तथा प्रधानमंत्री के इस पॅलेस्टाइन से दौरे का भारत के इस्रायल के साथ संबंधों पर परिणाम नहीं होगा, ऐसा गोखले ने स्पष्ट किया है। दोनों देशों के संबंध पर किसी भी एक मुद्दे का प्रभाव नहीं पड़ सकता, ऐसा कहकर गोखले ने आशंका झुठलाई है।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने जेरूसलेम को इस्रायल की राजधानी घोषित करने के बाद, उसके विरोध में संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ था। भारत में इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था। फिर भी भारत और इस्रायल के सहयोग पर उसका परिणाम ना होने की बात इस्रायल के प्रधानमंत्री भारत दौरे से दिखाई है। इसकी वजह से पॅलेस्टाइन भी भारत के संबंधों को इतना ही महत्व दे रहा है।

कुछ हफ्तों पहेले पाकिस्तान के पॅलेस्टाइन के राजदूत, हाफिज सईद की सभा में दाखिल हुए थे। उस समय सईद में भारत के विरोध में बकबक की थी। इसकी गंभीरता ध्यान में रखते हुए, भारत-ने पॅलेस्टाइन को निषेध जताया था।पॅलेस्टाइन ने यह गलती मानी और उसके बाद खेद व्यक्त किया था। तथा पाकिस्तान में अपने राजदूत को वापस बुलाकर पॅलेस्टाइन ने भारत के साथ संबंधों को हम महत्व दे रहे हैं, ऐसा दिखाया था।

बहुत समय बीतने के बाद भी अब तक पॅलेस्टाइन ने पाकिस्तान के लिए नए राजदूत की नियुक्ति नहीं की है। इसकी वजह से पॅलेस्टाइन पाकिस्तान से ज्यादा भारत के साथ अपने संबंधों को अधिक महत्व दे रहा है, ऐसा कहकर पाकिस्तान ने उसपर नाराजगी व्यक्त की है। तथा भारत को अधिक महत्व देनेवाले पॅलेस्टाइन का पक्ष लेकर आगे चलते हुए इस्रायल से दुश्मनी लेने में कोई अर्थ नहीं है, ऐसा दावा पाकिस्तान के पत्रकार कर रहे हैं।

पाकिस्तान के भूतपूर्व हुकुमशाह परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान इस्रायल से संबंध विकसित करें, ऐसी मांग की है।इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू भारत भेंट पर होते समय, परवेज मुशर्रफ ने वृत माध्यम को मुलाकात देकर इस बारे में अपनी भूमिका स्पष्ट की है और आगे चलकर पॅलेस्टाइन कश्मीर के बारे में पाकिस्तान का पक्ष नहीं उठाएगा, तो पाकिस्तान भी पॅलेस्टाइन पर ध्यान नहीं दे, ऐसी सलाह पाकिस्तान के कुछ पत्रकारों ने अपनी सरकार को दी है।

इस के साथ पाकिस्तान में भारत के प्रगल्भ विदेश नीति से बहुत कुछ सीखने जैसा है, ऐसा पाकिस्तान की कई विश्लेषकों का कहना है। भारत एक ही समय पर पॅलेस्टाइन एवं इस्रायल से उत्तम संबंध रखे हुए हैं। पाकिस्तानी किसी एक का पक्ष लेने की बात टाले ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

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