शरणार्थियों के मुद्दे पर दबाव बना तो यूरोपीय महासंघ के टुकडे होना मुमकिन – हंगेरी के प्रधानमंत्री का इशारा

Third World Warबुडापेस्ट: यूरोपीय महासंघ ने सदस्य देशों को मुक्त रखा और इस्लामीकरण के लिए जबरदस्ती नहीं की तो यूरोप स्वतंत्र देशों के समूह के रूप पर टिक सकता है| पर अगर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने शरणार्थियों के बारे में किया करार या यूरोपियन कमीशन का निर्णय लादकर उनके धारणाओं की चौखट में फसाया तो, यूरोपीय महासंघ के टुकड़े होने से कोई भी नहीं रोक सकता, ऐसे कड़े शब्दों में हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर और्बन ने चेतावनी दी है|

और्बन ने लगातार महासंघ के शरणार्थियों के धारणाओं के विरोध में आक्रामक भूमिका ली है और कुछ दिनों पहले यूरोप में सन २०१५ में निर्माण हुए शरणार्थियों के संकट की पुनरावृत्ति होने का खतरा होने की बात सूचित की है|

शरणार्थियों, मुद्दे, दबाव बना, यूरोपीय महासंघ, टुकडे होना, मुमकिन, हंगेरी, प्रधानमंत्री, इशाराआनेवाले मई महीने में यूरोपीय संसद के चुनाव होनेवाले हैं और इस चुनाव में भी शरणार्थियों के घुसपैठ का मुद्दा ऊपर आ रहा है| सन २०१५ में जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने किए निर्णय के अनुसार यूरोप में शरणार्थियों के झुंड आने शुरू हुए और उसके तीव्र परिणाम सामने आने लगे हैं| यूरोप में घुसे हुए लाखों गैरकानूनी शरणार्थियों के विरोध में अनेक यूरोपीय देशों में असंतोष की भावना होकर उसकी राजनैतिक प्रतिक्रिया उमड़ रही है|

शरणार्थियों के विरोध करनेवाले देशों में हंगेरी एवं पोलैंड यह दो देश अग्रणी पर होकर, उन्हें अब अन्य यूरोपीय देशों से समर्थन मिलने लगा है| जिसमें ऑस्ट्रिया, नेदरलैंड, डेनमार्क, स्वीडन जैसे देशों का समावेश होकर जर्मनी जैसे देश ने भी धारणाओं में बदलाव करना शुरू किया है| हंगेरी के प्रधानमंत्री और्बन ने शरणार्थियों के झुंड यह एक विशिष्ट वर्ग का षडयंत्र होने का दावा किया है और जिसकी वजह से यूरोप का सामाजिक एवं धार्मिक चित्र बदल रहा है, ऐसा डर व्यक्त किया है|

दौरान शरणार्थियों के मुद्दे पर आनेवाले मई महीने में होनेवाले चुनाव में हंगेरी, पोलैंड में सत्ताधारी पक्ष से संबंधित संगठन करेगा, ऐसे संकेत सूत्रों ने दिया है|

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