राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के नेतृत्व मे चीन डोकलाम जैसी समस्या का सीधा सामना करेगा- चीनी अभ्यासक का इशारा

बीजिंग: हिंद महासागर से पॅसेफिक महासागर क्षेत्र तक अपना वर्चस्व दिखाने की महत्वकांक्षा होनेवाले चीन को रोकने के लिए भारत अमरिका, जापान और ऑस्ट्रेलियाने सहयोग शुरू किया है। फिलिपाईन्स की राजधानी मनीला में इन ४ देशों की बैठक हुई थी। इस पर चीन से अपेक्षित प्रतिक्रिया आयी है। चीन के विरोध में भारत का उपयोग करने का प्रयत्न यह एक जाल होकर, उसमें फसना भारत के लिए होशियारी नहीं होगी, ऐसा चीन के अभ्यासक युवान पेंगने सूचित किया है। इतना ही नहीं, चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग जल्द ही डोकलाम जैसे समस्याओं का सीधा सामना करेंगे एवं चीन के हितसंबंध संभालेंगे ऐसा इशारा पेंग ने दिया है।

सामना

‘चाइनीज इंस्टिट्यूट ऑफ कंटेंपरेरी इंटरनॅशनल रिलेशंस’ इस सरकार के अभ्यास गट के उपाध्यक्ष ऐसी पहचान होनेवाले युवानपेंग ने अपने देश की भूमिका प्रस्तुत करने वाले विधान किए हैं। ५ वर्षों में एक बार होनेवाले चीन के सत्ताधारी कम्युनिस्ट पक्ष का अधिवेशन हालही में हुआ था। इस अधिवेशन के बाद राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की कारकीर्दगी का दूसरा सत्र शुरू हुआ है और वह माओ इनके बाद चीन के सबसे शक्तिशाली राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर पहचाने गए हैं। इस पर ध्यान केंद्रित करते हुए अब राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के नेतृत्व में चीन डोकलाम जैसे विवाद का सीधा सामना करेगा, ऐसा पेंग ने कहा है।

डोकलाम तथा साउथ चाइना सी क्षेत्र के विवाद के बारे में सीधे एवं सुस्पष्ट भूमिका लेकर चीन अपने हित संबंधों की रक्षा करेगा, ऐसा इशारा पेंग ने दिया है।

साथ ही, भारत,अमरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन देशों के सहयोग के बारे में बोलते हुए पेंग में सूचक उद्गार निकाले हैं। अमरिका जैसा देश चीन के विरोध में भारत का उपयोग कर रहा है। भारत का महत्व बढ़ाने के लिए अमरिका एवं अन्य देश प्रयत्न कर रहे हैं। पर यह पाश्चिमात्य देशों की बीमार मनोवृति का लक्षण है। यह एक जाल होकर भारत इस जाल में न फंसे, ऐसा पेंग ने सूचित किया है। आज तक भारत ने अमरिका एवं चीन के संबंधों में समतोल रखने का प्रयत्न किया था। यह समतोल छोड़कर भारत चीन विरोधी प्रयत्नों का भाग अगर बना, तो वह भारत के लिए हित की बात नहीं होगी। भारत के चतुर राजनीतिक नेताओं को उसका एहसास है, ऐसी टिप्पणी पेंग ने की है।

पेंग ने यह इशारा देते हुए, चीन के सरकारी दैनिक ग्लोबल टाइम्सने भी भारतीय माध्यमों पर आलोचना की है। अमरिका ने हिंद महासागर एवं पॅसेफिक महासागर क्षेत्र का ‘इंडो पॅसेफिक’ ऐसा उल्लेख करने के बाद भारतीय माध्यम खुश होते दिखाई दे रहे है। भारतीय माध्यमों को चीन से बराबरी करने का ख्वाब दिखाई देने लगे हैं, ऐसी कड़ी आलोचना ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय लेख में कहा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.