मुल्ला बरादर और हक्कानी नेटवर्क के सत्तासंघर्ष ने ड़ाली तालिबान में दरार

मुल्ला बरादर

लंदन/काबुल – सरकार गठन करने के मुद्दे पर तालिबान में दरार निर्माण होने की बात अब सारे विश्‍व में फैल चुकी है। पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी गुट हक्कानी नेटवर्क के वर्चस्व वाली अफ़गानिस्तान की प्रस्तावित सरकार से मुल्ला बरादर ने अलग होने का निर्णय किया है। इसी कारण बीते कुछ दिनों से मुल्ला बरादर और उसके समर्थक तालिबान से दूर रहे, यह दावा अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था कर रही है। सरकार के गठन से पहले से तालिबान में पड़ी यह दरार तालिबान के लिए बड़ी चुनौती है और इसकी वजह से अब अफ़गानिस्तान में तालिबान के ही दो गुटों में तीव्र संघर्ष भड़कने की कड़ी संभावना सामने आ रही है।

मुल्ला बरादरसरकार के गठन का बीते हफ्ते ऐलान करने के साथ ही तालिबान में दरार निर्माण होने की खबरें प्राप्त होने लगीं थी। राजधानी काबुल में राष्ट्राध्यक्ष के निवास में मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और हक्कानी नेटवर्क के खलिल उर-रहमान हक्कानी के बीच मारपीट हुई। इस दौरान गंभीररूप से घायल होने से बरादर की मौत की खबरें प्रसिद्ध हुईं थी। इसी बीच बीते दस दिनों में काबुल में हुई अलग अलग बैठकों में मुल्ला बरादर और उसके करिबियों की अनुपस्थिति ध्यान आकर्षित करनेवाली थी।

कतार के विदेशमंत्री के साथ बैठक में भी हक्कानी नेटवर्क के सभी कमांडर्स मौजूद थे। लेकिन, इनमें बरादर का समावेश नहीं था। इस वजह से बरादर के मारे जाने के दावों को अधिक बल प्राप्त हुआ। लेकिन, तालिबान ने दो दिन पहले ही बरादर का ऑडियो जारी करके तालिबान का सह-संस्थापक और दूसरे क्रमांक का नेता जीवित होने का ऐलान किया। साथ ही हमारे बीच किसी भी तरह के मतभेद ना होने का बयान भी तालिबान के प्रवक्ता ने किया था। लेकिन, बीते हफ्ते सरकार के गठन के मुद्दे पर मुल्ला बरादर और खलिल हक्कानी के बीच तीव्र विवाद होने की बात अब स्पष्ट रूप से सामने आ रही है।

राष्ट्राध्यक्ष के निवास स्थान में ही बरादर और खलिल का विवाद हो रहा था तभी उनके समर्थकों के बीच भी संघर्ष भड़का था, ऐसा तालिबान के सूत्र ने कहा है। इस संघर्ष के बाद गुस्से से आगबबुला हुआ मुल्ला बरादर अपने सहयोगी और समर्थकों के साथ काबुल छोड़कर कंदहार पहुँचा। बीते हफ्ते से बरादर कंदहार में ही है और उसने काबुल से संपर्क तोड़ दिया है। साथ ही बरादर ने तालिबान की बैठकों पर बहिष्कार ड़ालने के दावे किए जा रहे हैं।

मुल्ला बरादरइस सरकार के गठन से दूर हुए बरादर ने अमरीका से संपर्क करने की बात भी आ रही है। अफ़गानिस्तान की प्रस्तावित सरकार दोहा समझौते का पालन नहीं करेगी, यह आरोप बरादर ने लगाया है, ऐसा कुछ माध्यमों का कहना है। बीते कुछ वर्षों से मुल्ला बरादर ही दोहा में हुई बातचीत में तलिबान का नेतृत्व कर रहा था और वह अमरिकी नेताओं के साथ भी संपर्क बनाए हुए था। इस वजह से बरादर के गुट का तालिबान से ऐसे दूर होना ध्यान आकर्षित करता है।

कंदहार प्रांत तालिबान का जन्मस्थान और सत्ताकेंद्र माना जाता है। इस प्रांत में तालिबान का मुख्य संस्थापक मुल्ला ओमर का लड़का मुल्ला याकूब के गुट का वर्चस्व है। बरादर और याकूब के ताल्लुकात बड़े अच्छे होने की बात कही जाती है। इसके साथ ही याकूब और हक्कानी नेटवर्क का बैर होने का दावा अमरिकी अध्य्यन मंड़ल ने पहले ही किया था। इन दो गुटों का बैर अफ़गानिस्तान को नए गृहयुद्ध की ओर ले जाएगा, यह इशारा अमरिकी अध्य्यन मंड़ल ने दिया था। ऐसी स्थिति में बरादर और हक्कानी नेटवर्क के सत्तासंघर्ष से तालिबान के ही दो या अधिक गुटों में संघर्ष शुरू होने की संभावना बढ़ी है।

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