‘ब्रेक्जिट’ के मुद्दे पर ब्रिटेन में बनी सियासी दरार की वजह से स्कॉटलैंड आजादी की राह का चयन करने के लिए विवश होगा – ‘फर्स्ट’ मिनिस्टर’ निकोला स्टर्जन की चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरलंदन – ब्रिटेन की संसदीय व्यवस्था बिखरी है और इस वजह से स्कॉटलैंड को भविष्य का स्वयं निर्णय करना जरूरी होगा, इन शब्दों में स्कॉटलैंड की ‘फर्स्ट मिनिस्टर’ निकोला स्टर्जन इन्होंने ‘स्वतंत्र स्कॉटलैंड’ के लिए अंतिम लडाई शुरू करने के लिए संदेश दिया| साथ ही स्कॉटलैंड आजाद होता है तो ‘ब्रिटीश पाऊंड’ चलन रद्द करके नए चलन का स्वीकार किया जाएगा, यह संकेत भी स्टर्जन इन्होंने दिए| ब्रिटेन ने यूरोपीय महासंघ से बाहर होेने का निर्णय करनेपर स्टर्जन ने लगातार ‘स्वतंत्र स्कॉटलैंड’ के लिए नए सार्वमत की मांग रखी है और उनके नए वक्तव्य की वजह से इस दिशा में अंतिम गतिविधियां शुरू होती दिख रही है|

पिछले सप्ताह में स्कॉटलैंड की सत्तापक्ष ‘स्कॉटिश नैशनल पार्टी’ की बैठक हुई| इस दौरान ‘फर्स्ट मिनिस्टर’ निकोला स्टर्जन ने फिर एक बार स्कॉटलैंड की आजादी का नारा देकर सार्वमत लेने की मांग रखी| इसके लिए उन्होंने ‘ब्रेक्जिट’ के मुद्दे पर ब्रिटेन की सियासत में पडी दरार की ओर ध्यान आकर्षित किया है|

‘पिछले तीन वर्षों से ब्रिटेन की सांसद में दरार पडी है और स्कॉटलैंड के लिए ब्रिटेन की सियासी नेताओं के पास समय बचा नही है| इस वजह से अब हमें ही स्कॉटलैंड की आजादी के लिए प्राप्त हो रहे समर्थन में तेजी से बढोतरी कैसे मुमकिन होगी, इस ओर ध्यान केंद्रीत करना होगा| स्कॉटलैंड की आजादी का विकल्प चुनने के लिए ब्रिटीश सरकार किसी भी तरह से अडंगा नही करेगी, इसका ध्यान रखना होगा’, इन शब्दों में ‘फर्स्ट मिनिस्टर’ निकोला स्टर्जन इन्होंने स्कॉटलैंड की आजादी के लिए दुबारा सार्वमत लेने की तैयारी करने का ऐलान किया|

आजाद देश के तौर आगे जाने के लिए स्कॉटलैंड के पास बडी तादाद में स्रोत और क्षमता मौजूद होने का दावा भी स्टर्जन इन्होंने किया| आर्थिक स्वतंत्रता के बल पर देश को कैसे आगे ले जाना मुमकिन यह, बात स्कॉटलैंड पूरी दुनिया को दिखाएगा यह भरोसा ‘फर्स्ट मिनिस्टर’ स्टर्जन ने व्यक्त किया| स्वतंत्र स्कॉटलैंड ‘ब्रिटीश पौंड’ चन के तौर पर इस्तेमाल नही करेगा| यह चलन रद्द करके नए चलन का स्वीकार करने के संकेत भी उन्होंने दिए| स्कॉटलैंड की आजादी के लिए वर्ष २०२१ में सार्वमत लेने का प्लैन है और इसके लिए जरूरी विधेयक मई महिने में रखा जाएगा, ऐसा स्टर्जन ने कहा है|

‘फर्स्ट मिनिस्टर’ निकोला स्टर्जन ने फिर एक बाद आजादी और सार्वमत का मुद्दा आगे रखा है और बिटीश सरकार के सामने समस्या खडी की है| ‘ब्रेक्जिट’ के मुद्दे पर सहमति ना होने से ब्रिटीश संसद फिलहाल आलोचना का केंद्र साबित हो रही है| ‘ब्रेक्जिट’ के किसी भी विकल्प पर सहमति ना होने से प्रधानमंत्री थेरेसा मे समस्या से घिर चुकी है और उन्होंने विपक्षी दलों के साथ बातचीत भी शुरू की है| ऐसे में यूरोपीय महासंघ ने इसके आगे समझौते में किसी भी प्रकार का बदलाव ना करने की बात स्पष्ट की है| और साथ ही समझौते में बदलाव करने के सभी विकल्प बंद किए है|

ब्रेक्जिट’ पर बनी अनिश्‍चितता की वजह से ब्रिटीश जनता में संभ्रम और नाराजगी का माहौल है और इसी में से फिर से सेपरेशन की मांग को बल प्राप्त होता दिख रहा है| इसके पहले वर्ष २०१४ में स्कॉटिश जनता ने आजादी का विकल्प ठुकराया था| लेकिन, वर्ष २०१६ में ‘ब्रेक्जिट’ संबंधी हुए सार्वमत के दौरान यूरोपीय महासंघ में बरकरार रहने का विकल्प चुनने से स्कॉटलैंड और अन्य ब्रिटेन में बना मतभेद दुबारा सामने आए थे| कुछ दिन पहले एक सर्वे में स्कॉटलैंड के लिए सार्वमत लेने के लिए ४९ प्रतिशत नागरिक तैयार होने की जानकारी सामने आयी थी|

ऐसी पृष्ठभूमि पर स्टर्जन ने सार्वमत और आजादी की मांग करने से महासंघ में आजादी की मांग रहे गुट को फिर से बल प्राप्त होता दिख रहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.