सौदी अरब की यात्रा में भारतीय प्रधानमंत्री ने की संयुक्त राष्ट्रसंघ की आलोचना

नई दिल्ली/रियाध – अगले पांच वर्षों में भारत पांच ट्रिलियन डॉलर्स की अर्थव्यवस्था होगी| बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में भारत पांच वर्ष में १.५ ट्रिलियन डॉलर्स का निवेष करेगा| इसका लाभ सौदी अरब के निवेषक उठा सकेंगे, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है| अपनी सौदी अरब की यात्रा के दौरान ‘फ्युचर इन्व्हेस्टमेंट इनिशिएटिव्ह’ (एफआईआई) को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री मोदी ने यह निवेदन किया| इसी बीच संयुक्त राष्ट्रसंघ जैसी बडी संगठना ताकदवर देशों से सीर्फ औजार की तरह इस्तेमाल हो रही है, इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में फटकार लगाई|

सोमवार के दिन प्रधानमंत्री मोदी सौदी अरब पहुंचे थे| उनके इस यात्रा के लिए पाकिस्तान ने अपनी हवाई सीमा खुली करने से इन्कार किया था| इस पर भारत में कडी प्रतिक्रिया दर्ज हो रही है| पर, प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में भारत और सौदी के बीच देखी गई सहयोग की निती से पाकिस्तान की निराशा और भी बढेगी, यह दिख रहा है| खास तौर पर प्रधानमंत्री मोदी और सौदी के राजा मोहम्मद बिन अब्दुलअझिज बिन सलमान एवं क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान के साथ प्रधानमंत्री मोदी की हुई बातचीत में कश्मीर का जरा भी जिक्र नही हुआ| साथ ही किसी देश के अंदरुनी मसले में अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हस्तक्षेप करना नही चाहिए, यह सूचक विधान दोनों देशों के संयुक्त निवेदन में रखा गया| 

यह बात पाकिस्तान की चिंता और भी बढानेवाली साबित हो सकती है| साथ ही ‘डावोस ऑफ डेझर्ट’ यानी की रेगिस्तान के डावोस के नाम से जाने जा रहे सौदी अरब के ‘एफआईआई’ के सामने प्रधानमंत्री मोदी ने निवेष का आकर्षक विकल्प सामने रखें|

अगले पांच वर्षों में भारत पांच ट्रिलियन डॉलर्स की अर्थव्यवस्था होगी| वर्तमान के समय में तकनीक और बुनियादी सुविधाओं का क्षेत्र तेजीसे प्रगति कर रहा है| भारत अगले पांच वर्षों में अपने बुनियादी सुविधा के क्षेत्र में करीबन १.५ ट्रिलियन डॉलर्स का निवेष करने की तैयारी में है| यह सौदी के लिए निवेष करने का बडा अवसर हो सकता है, यह भी प्रधानमंत्री ने आगे कहा|

सौदी अरब यह भारत का चौथे क्रमांक का व्यापारी भागीदार देश है| वर्ष २०१७-१८ के दौरान दोनों देशों का व्यापार २७.४८ अरब डॉलर्स था| इसमें बडी बढोतरी करने का निर्णय दोनों देशों ने किया है और पिछले महीने में ही सौदी अरब ने भारत में करीबन १०० अरब डॉलर्स निवेष करने का ऐलान किया था| प्रधानमंत्री मोदी की इस सौदी यात्रा से दोनों देशों का सहयोग और भी बढने की बात दिखाई दे रही है| इसी बीच ‘एफआईआई’ को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री मोदी ने यह आलोचना की है की, ‘संयुक्त राष्ट्रसंघ का इस्तेमाल ताकदवर देश औजार की तरह कर रहे है|

कुल ७० वर्ष पहले गठित हुए संयुक्त राष्ट्रसंघ में सुधार करने की बडी जरूरत है| सुधार के बिना संयुक्त राष्ट्रसंघ अपना प्रभाव खो बैठा है, यह फटकार भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान लगाई| साथ ही ताकदवर देशों ने राष्ट्रसंघ को प्रभावी संगठन होने नही दिया| इसी वजह से यह संगठन किसी भी समस्या का हल निकाल नही सकी है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा| इससे पहले भी भारत ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में सुधार नही हुआ तो यह संगठन अपनी विश्‍वासार्हता खो बैठेगी, यह चेतावनी दी थी|

संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परीषद में पांच देश स्थायि सदस्य है| यह देश अपने ही हितसंबंधों को सबसे अधिक प्राथमिकता देते है| वर्तमान समय में हुए बदलाव में दुनिया का प्रतिबिंब संयुक्त राष्ट्रसंघ में नही दिखता| १.३ अरब जनसंख्या का भारत जैसा प्रभावी देश संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद का स्थायि सदस्य नही है, यह बात राष्ट्रसंघ की विश्‍वासार्हता बढानेवाली नही है, यह भारत का कहना है| पर, भारत को यह सदस्यता प्रदान करने के लिए जरूरी सुधार करने में इन ताकदवर देशों को रुचि नही है| इस वजह से प्रमुख देशों ने भारत की स्थायि सदस्यता का समर्थन करने के बावजूद संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुधार का कार्यक्रम आगे बढ नही सका है|

इसपर अब भारत से प्रतिक्रिया दर्ज हो रही है और प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्रसंघ पर की हुई आलोचना यही बात नए से रेखांकित कर रही है|

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