जर्मनी में शरणार्थियों के खिलाफ ‘पिगिडा’ के तीव्र प्रदर्शन

जर्मनी की चांसेलर अँजेला मर्केल शरणार्थियों को यूरोप में शामिल करने का आवाहन कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ उनके ही देश में शरणार्थियों को बडी मात्रा में विरोध हो रहा है| सोमवार को ‘पिगिडा’ नामक आक्रामक गुट द्वारा जर्मनी के विभिन्न शहरों में शरणार्थियों के खिलाफ तीव्र प्रदर्शन किये गये| इन प्रदर्शनों में करीब २५ हजार से अधिक निदर्शक शामिल हुए थे| इस प्रदर्शन के चलते जर्मनी के अखबार ने दावा किया है कि, सत्ताधारी दल द्वारा देश की पूर्व सरहद पर ‘बर्लिन वॉल’ की तरह बॉंडा डालने की छिपी योजना बनायी गयी है|

कई महीनें पहले जर्मनी की चांसेलर मर्केल ने एक बयान में कहा था कि, यूरोप में आनेवाले शरणार्थियों के लिए जर्मनी के दरवाजे खुले है| मर्केल की इस ‘ओपन डोअर’ नीति के बाद यूरोप और जर्मनी में शरणार्थियों की बाढ आ गयी है| अन्य यूरोपीय देशों द्वारा मर्केल की इस नीति की काफी तीखी आलोचना की गयी है| पिछले कुछ हफ्तों से जर्मनी के विभिन्न राजकीय दल तथा संगठनों ने भी शरणार्थियों के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है|

‘अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ और ‘पिगिडा’ जैसे आक्रामक विचारधारावाले गुटों द्वारा देश में प्रदर्शन भी शुरु हो गये है| इन गुटों ने शरणार्थियों को जर्मनी में पनाह देने की नीति का विरोध दर्शाया है| ‘पिगिडा’द्वारा देश के कई शहरों में निदर्शन की चेतावनी भी दी गयी थी| इसी चेतावनी के चलते सोमवार को ड्रेस्डेन, म्युनिक, हॅनोव्हरसमेत कई शहरों में शरणार्थियों के खिलाफ प्रदर्शन हुए| इन प्रदर्शनों में हजारों लोग शामिल हुए थे| निदर्शकों ने जोरदार आवाज उठाते हुए चांसेलर मर्केल से सत्ता छोडने की मांग की है|

Pegida Protests 1शरणार्थियों के मसले पर जर्मनी में डर का माहौल पैदा हुआ है| इस माहौल का फायदा ‘पिगिडा’ और कई आक्रामक तथा राष्ट्रवादी गुट उठा रहे है| ‘पिगिडा’ जैसे गुटों द्वारा हो रहे प्रदर्शनों में आम नागरिकों का शामिल होना, देश के राजनैतिक दलों के लिए चिंता का विषय बन चुका है| कुछ दिन पहले कोलोन शहर में हेन्रीट रेकर नामक जर्मन नेता पर हुआ हमला शरणार्थियों के मसले पर बिगडते माहौल की पुष्टि करनेवाला बताया जाता है|

‘पिगिडा’ के प्रदर्शनों में बढती उपस्थिती, रेकर पर हुआ हमला जैसे घटनाओं के चलते, देश के सत्ताधारी दल के सदस्यों ने भी नाराजी जतानी शुरु कर दी है| चांसेलर मर्केल के सत्ताधारी दल के सदस्यों ने चेतावनी दी है कि, अब शरणार्थियों को रोकने के लिए बडे कदम उठाने की जरुरत है| कई सदस्यों ने इस मामले में एक खुला खत भी लिखा है| वहीं दूसरी ओर १०० से अधिक सदस्यों द्वारा देश की सरहद पर बॉंडा डालने की गुप्त योजना तैयार की गयी है|
जर्मनी के ‘बिल्ड’ नामक अखबार ने यह खबर प्रकाशित की है| खबर के अनुसार सत्ताधारी दल के करीब १८८ सदस्यों द्वारा छिपी योजना का प्रस्ताव रखा गया है| प्रस्ताव के अनुसार शरणार्थियों के प्रवाह को रोकने के लिए पूर्व सरहद पर बॉंडा डालने की योजना है| ‘बिल्ड’ द्वारा प्रकाशित इस खबर में इसकी तुलना शीतयुद्धकालिन ‘बर्लिन वॉल’ से की गई है|

जर्मनी के चांसेलर मर्केल ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि, शरणार्थियों को दीवार या बॉंडा डालने से रोका नही जा सकता| उन्होंने ऐसी चेतावनी देते हुए पूर्व यूरोपीय देशों की तीव्र आलोचना की थी| लेकिन अब जर्मनी के सत्ताधारी सदस्यों द्वारा बॉंडा डालने जैसी योजना को बढावा दिया जा रहा है| ऐसे समय में चांसेलर मर्केल की कारवाई पर यूरोपीय देशों की नजरें टिकी हुई है|

इस दौरान यूरोपीय संघ द्वारा तुर्की के सामने रखी गयी योजना की तीव्र आलोचना हो रही है| तुर्की के प्रधानमंत्री अहमत दावुतोग्लु ने आक्रामक दावा करते हुए बताया कि, उनका देश शरणार्थियों के लिए ‘कॉन्सन्ट्रेशन कैंप’ नही बनेगा| यूरोपीय संघ ने तुर्की को दिये प्रस्ताव में करीब तीन अरब यूरो की आर्थिक सहायता, व्हिसा में छूट तथा यूरोपीय संघ के सदस्यत्व की शर्तें रखी गयी थी| इस के बदले तुर्की पर शरणार्थियों को रोकने की जिम्मेदारी दी गयी थी| जर्मन चांसेलर मर्केल ने इस प्रस्ताव के लिए तुर्की की खास भेंट भी दी थी|

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