पैलेस्टाईन, तुर्की और ईरान ने ट्रम्प का प्रस्ताव ठुकराया

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरअमान/अंकारा/तेहरान: अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने पैलेस्टाईन के लिए घोषित किए ‘डील ऑफ द सेंच्युरी’ के बाद पैलेस्टाईन में सभी गुट एक हुए है| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प यह ऐलान कर रहे थे तभी एक भी पैलेस्टिनी नेता उनके साथ नही था| इस वजह से ट्रम्प ने यह ऐलान करके पुरे पैलेस्टिनीयों को एक किया है| यह दावा खाडी क्षेत्र के माध्यम कर रहे है| साथ ही तुर्की, ईरान इन देशों ने भी अमरिका की इस योजना पर कडी आलोचना की है और अमरिका ने उम्मीद के अनुसार इस्रायल का ही पक्ष लिया है, ऐसी कडी आलोचना भी की है|

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने यह प्रस्ताव घोषित करने से पहले ही पैलेस्टिनी नेताओं ने यह प्रस्ताव ठुकराया था| वेस्ट बैंक में प्रशासन संभाल रहे पैलेस्टीनी राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास ने इस बारे में आयोजित किए बैठक में पैलेस्टिनीयों के सभी गुट शामिल हुए थे| हमास और फताह इन पैलेस्टिनीयों को दोनों प्रमुख संगठनों समेत अन्य गुट भी इस बैठक में शामिल हुए थे| इसका पुरा ब्यौरा अभी सामने नही आया है| पर, इस बैठक में अमरिका का यह प्रस्ताव ठुकराने पर सहमति होने की जानकारी माध्यमों ने दी है|

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने अमरिका का प्रस्ताव इस्रायल के पैलेस्टाईन पर किए कब्जा अधिकृत करनेवाला होने का आरोप किया| यह प्रस्ताव स्वीकारना कभी भी मुमकिन नही है| क्यों के जेरुसलम यह इस्लाम धर्मियों का पावन स्थल है, इस मुद्दे पर समझौता मुमकीन नही है, यह भी एर्दोगन ने कहा है| वही, ईरान ने यह प्रस्ताव इस्रायल के पक्ष में होने का दावा करके अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष पर आलोचना की है| पैलेस्टिनीयों की भूमि का बटवारां करना काफी घातक होगा, यह इशारा जॉर्डन ने दिया है|

कतार ने वर्ष १९६७ के युद्ध से पहले पैलेस्टाईन के हाथ में थी उतनी ही जमीन प्राप्त होनी चाहिए, यह मांग रखी| पैलेस्टिनीयों को उन्हीं की जमीन में शरणार्थि करने की योजना को हमारा विरोध रहेगा, यह बात कतार ने स्पष्ट की| अमरिका के इस प्रस्ताव का ठिक से अध्ययन करके उसके बाद ही पैलेस्टाईन इस पर निर्णय करें, यह निवेदन इजिप्ट ने किया है| सौदी अरब ने भी इस्रायल और पैलेस्टाईन सीधे बातचीत करें, यह मांग की है| बातचीत के बिना इस्रायल और पैलेस्टाईन की समस्या का हल निकालना मुमकिन नही, यह बयान संयुक्त अरब अमिराती ने किया है|

फ्रान्स ने अमरिका के इस प्रस्ताव पर बडी सावधानी से प्रतिक्रिया दर्ज की है| इस पर विचार करने के बाद ही अपनी भूमिका रखेंगे, ऐसा फ्रान्स ने कहा है| उसी समय द्विराष्ट्रवाद की कल्पना के अनुसार इस समस्या का हल निकल सकता है, यह दावा फ्रान्स ने किया है| ब्रिटेन ने अमरिका का प्रस्ताव सकारात्मक होने की बात कहकर इस प्रस्ताव का स्वागत किया है| भारत ने इस्रायल और पैलेस्टाईन के मसले का हल बातचीत से निकलें, यह उम्मीद जताई है|

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