पाकिस्तानी नौसेना का ‘सबमरिन फोर्स’ का सपना डूबा

इस्लामाबाद – चीन से प्राप्त हो रही पनडुब्बियों की सहायता से अरब सागर में ‘सबमरिन फोर्स’ खड़ी करने का पाकिस्तान ने सपना डूबने के संकेत प्राप्त हुए हैं। पाकिस्तान की नौसेना के प्रमुख ऐडमिरल एम.अमजद खान नियाज़ी ने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान चीन के सहयोग से पाकिस्तानी नौसेना का आधुनिकीकरण तेज़ी से शुरू होने का दावा किया था। लेकिन, पाकिस्तान के लिए चीन तैयार कर रही पनडुब्बियों के लिए इंजन देने के लिए जर्मनी ने इन्कार किया है, ऐसा कहा जा रहा है।

कुछ वर्ष पहले पाकिस्तानी नौसेना की स्थिति काफी खराब होने की खबरें स्थानीय एवं विदेशी माध्यमों में प्रसिद्ध हुई थीं। पाकिस्तान के बेड़े में मौजूद पनडुब्बियों में से मात्र एक ही पनडुब्बी कार्यरत होने की बात कही जा रही थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मज़ाक का मुद्दा बनने के बाद पाकिस्तान की सरकार ने चीन एवं तुर्की से पनडुब्बियां और अन्य युद्धपोत प्राप्त करने के लिए गतिविधियां शुरू की थीं। वर्ष २०१५ में पाकिस्तान ने चीन के साथ आठ पनडुब्बियां प्राप्त करने के लिए समझौता किया था।

इस समझौते के अनुसार चार पनडुब्बियों का निर्माण चीन में और अन्य चार का निर्माण पाकिस्तान में होना है। इसकी प्राथमिक तैयारी शुरू होने के दावे भी दोनों देशों ने किए हैं। पहली दो पनडुब्बियां २०२२ के अप्रैल और अक्तुबर में प्राप्त होंगी, ऐसा समझौते में तय हुआ था। लेकिन, अब यह संभावना कम हुई है और अपनी नौसेना को प्रगत पनडुब्बियों से सज्जित करने की पाकिस्तान की महत्वाकांक्षा टूट गई है, ऐसा समझा जा रहा है।

पाकिस्तान के लिए चीन निर्माण कर रहे इन पनडुब्बियों के लिए आवश्‍यक डीज़ल इंजन की जर्मनी से खरीद होने थी। लेकिन, जर्मन कंपनी ने अभी तक यह इंजन निर्यात करने की तैयारी नहीं दिखाई है। चीन ने पाकिस्तान के लिए तैयार हो रही पनडुब्बियों के लिए चीन में बने इंजन देने की तैयारी भी दिखाई है। लेकिन, पाकिस्तानी नौसेना ने प्रगत जर्मन इंजन्स की माँग ड़टकर आगे रखी है और इस माँग से पीछे हटने को इन्कार किया है। इस वजह से नौसेना के लिए प्रगत पनडुब्बियों का बेड़ा तैयार करने की पाकिस्तान की योजना अभी लटकती हुई दिख रही है।

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