पाकिस्तान ‘एफएटीएफ’ की ‘ग्रे लिस्ट’ में ही रहेगा

ब्रुसेल्स/वॉशिंग्टन – ‘फायनान्शियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान का समावेश ‘ग्रे लिस्ट’ में कायम रखने का निर्णय किया है। ‘लश्‍कर ए तोयबा’ और ‘जैश ए मोहम्मद’ जैसे आतंकी संघटनों को हो रही आर्थिक सहायता रोकने के लिए पाकिस्तान ने पर्याप्त कोशिश नहीं की है, यह आरोप रखकर ‘एफएटीएफ’ ने यह निर्णय घोषित किया। साथ ही, अमरिकी काँग्रेस की एक रिपोर्ट में, पाकिस्तान अभी भी आतंकियों का स्वर्ग होने का गंभीर आरोप किया गया है।Pakistan FTF

एफएटीएफ’ ने आतंकियों को हो रही आर्थिक सहायता रोकने के लिए पाकिस्तान को पर्याप्त समय प्रदान किया था। लेकिन, इस मोरचे पर पाकिस्तान संतोषजनक काम नहीं कर सका है। ‘लश्‍कर-ए-तोयबा’ और ‘जैश-ए-मोहम्मद’ ये आतंकी संगठन अभी भी पाकिस्तान से अपने आर्थिक व्यवहार ठीक से चला रहे हैं। इस ओर ध्यान आकर्षित करके पाकिस्तान का समावेश ‘ग्रे लिस्ट’ में कायम रखने का निर्णय ‘एफएटीएफ’ ने घोषित किया। इस वज़ह से ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान ने की हुई कोशिश बेकार साबित हुई है। डाँवाडोल हुई अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए, आंतर्राष्ट्रीय वित्तसंस्था एवं विदेशी निवेशकों पर निर्भर हुए पाकिस्तान के लिए यह काफ़ी बड़ा झटका साबित होता है।

इसी बीच, अमरिकी विदेश मंत्रालय से आतंकवाद से संबंधित जारी हो रही वार्षिक रिपोर्ट में पाकिस्तान को फटकार लगाई गई है। पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों को रोकने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी यह देश आतंकियों के लिए स्वर्ग बना है, ऐसी टिप्पणी इस रिपोर्ट में की गई है।

‘एफएटीएफ’ का निर्णय और अमरिकी विदेश मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट, ऐसे दो तमाचे पाकिस्तान को एक ही दिन में लगे हैं। दलदल में फ़ँसी अर्थव्यवस्था को उससे बाहर निकालने के लिए पाकिस्तान को आंतर्राष्ट्रीय वित्तसंस्थाओं के साथ ही, अमरीका जैसी महासत्ता की सहायता की बेहद ज़रूरत हैं। लेकिन, आतंकवाद को ही राष्ट्रीय नीति बनानेवाले पाकिस्तान को, आनेवाले समय में यह सहायता प्राप्त होने की संभावना लगभग ख़त्म होती दिखाई दे रही है।

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