भारत के प्रधानमंत्री को प्राप्त हुए प्रतिसाद से पाकिस्तान परेशान

वॉशिंगटन/इस्लामाबाद – वर्ष १९७१ की युद्ध में पाकिस्तान को सहायता देने के लिए अमरिका की ‘सेवन्थ फ्लिट’ पहुंचने की तैयारी में थी| लेकिन, पाकिस्तान को सही समय पर यह मदद प्राप्त नही हुई और इस युद्ध में पाकिस्तान को बडी हार का सामना करना पडा था| अब भी अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने का वादा कर रहे है| इसकी स्थिति भी ‘सेवन्थ फ्लिट’ तरह ही होगी, यह प्रतिक्रिया बडी निराशा के साथ पाकिस्तान के नेता दर्ज कर रहे है| पाकिस्तान की इस स्थिति के लिए प्रधानमंत्री इम्रान खान जिम्मेदार है, यह आरोप भी यह नेता कर रहे है|

अमरिका के टेक्सास प्रांत में ह्यूस्टन शहर में हुए कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प भी शामिल हुए थे| इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के विरोध में निर्णायक कार्रवाई करने का अवसर होने का ऐलान किया| इसके बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने भी इम्रान खान समेत बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य आक्रामक था, यह स्वीकार किया| साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य पर उपस्थित ५९ हजार लोगों ने जोरदार प्रतिसाद दिया, इस ओर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ध्यान आकर्षित किया| अगल शब्दों में पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद के विरोध में प्रधानमंत्री मोदी को भारतीयों का पूरा समर्थन होने की बात पर ट्रम्प ने इम्रान खान समेत पाकिस्तानी पत्रकारों का भी ध्यान आकर्षित किया|

हम कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए तैयार है, फिर भी भारत की इच्छा नही होती तबतक मध्यस्थता करना मुमकिन नही होगा, इसका एहसास राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को कराया| ट्रम्प और इम्रान खान की भेंट की ओर नजर रखकर बैठें पाकिस्तान की अब बडी निरासा हुई है| एक ओर भारत के प्रधानमंत्री का अमरिका में बडे जोरशोर के साथ स्वागत होता है, उनके कार्यक्रम के लिए अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष उपस्थित होते है| वही, दुसरी ओर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए अमरिका का छोटा अधिकारी भी पहुंचता नही, यह पाकिस्तान के लिए राष्ट्रीय अपमान है, यह आलोचना करके पाकिस्तान के विपक्षी नेता, माध्यम और विश्‍लेषक आलोचना कर रहे है|

इसके अलावा ट्रम्प के सामने ही प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के विरोध में निर्णायक कार्रवाई करने का वक्तव्य किया| इसका मतलब वह पाकिस्तान पर हमलां करने की चेतावनी दे रहे है, ऐसा चुछ पाकिस्तानी विश्‍लेषक कह रहे है| ट्रम्प ने इस विरोध नही किया है, यह बात सूचक बनती है और इसके आगे भारत जो भी कुछ करेगा, उसके लिए अमरिका का समर्थन रहेगा, यह संदेश राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प दे रहे है, ऐसा इन पाकिस्तानी विश्‍लेषकों का दावा है| ह्यूस्टन के कार्यक्रम के बाद काफी समय तक यह जानकारी दबाकर रखनेवाले पाकिस्तानी माध्यमों को इस कार्यक्रम को बडी कामयाबी प्राप्त होने से इससे जुडी खबरें देने के लिए पाकिस्तानी माध्यम विवश हुए थे|

पश्‍चिमी माध्यमों ने ह्यूस्टन के कार्यक्रम को बडी प्रसिद्ध दी थी| वही, पाकिस्तान के समाचार पत्र इस कार्यक्रम के सभागृह से बाहर हो रहे प्रदर्शनों को ही प्रसिद्धी दे रहे थे| लेकिन, पाकिस्तानी माध्यमों ने कितना भी ब्लैक आउट किया तो भी उससे फरक नही होता, ऐसा पाकिस्तान के विपक्षी नेताने कहा है| साथ ही माध्यमों ने सरकार की हा में हा मिलाए बिना जनता को सच्चाई बताए, यह इशारा इन नेताओं ने दिया है| इसके बाद पाकिस्तानी समाचार चैनलों ने ह्यूस्टन के कार्यक्रम पर बातचीत शुरू की है|

इस विशाल कार्यक्रम के वजह से भारत ने अमरिका पर बनाया प्रभाव देखा गया है| अफगानिस्तान से सेना हटाने के बाद अमरिका को पाकिस्तान के सहयोग की आवश्यकता होगी भी, लेकिन किसी भी स्थिति में अमरिका भारत के विरोध में नही जाएगी, इस विषय का पूरा ज्ञान ह्यूस्टन के कार्यक्रम सें प्राप्त हुआ है, यह दावे कुछ पाकिस्तानी चैनलों के एंकर्स कर रहे थे|

भारत युद्ध की भाषा कर रहा है, ऐसे में भी भारत का सामना करने की तैयारी तुमची तैयारी है क्या, यह सवाल पाकिस्तान के न्यूज एंकर्स बार बार कर रहे है| इसी बीच भारत के विरोध में कोई भी देश पाकिस्तान की सहायता कर सकेगा क्या, एवं पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर इन हमलों का क्या असर होगा इस पर भी पाकिस्तानी चैनलों पर बातचीत हो रही है|

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