भारत ने ‘बालाकोट’ में दिए झटके से पाकिस्तान ने आतंकी अड्डे अफगानिस्तान में स्थानांतरित किए

नई दिल्ली – भारत ने बालाकोट में हवाई हमला करके दिए झटके के बाद पाकिस्तान ने आतंकियों के अड्डे अन्य जगहों पर स्थापित करने के समाचार प्रसिद्ध हुए थे| ऐसे में अब पाकिस्तान ने ‘जैश ए मोहम्मद’ और ‘लश्कर ए तोयबा’ के आतंकियों को अफगानिस्तान की जमीन पर प्रशिक्षण देना शुरू किया है| अफगानिस्तान के कुनार, नंगरहार, नुरीस्तान और कंदहार प्रांत में पाकिस्तान ने आतंकियों के अड्डे स्थानांतरित करने की जानकारी सामने आ चुकी है| इसके बाद अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास की सुरक्षा में बढोतरी करने की बात कही जा रही है|

फरवरी १४ के रोज जैश ए मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला करके ४० से अधिक सैनिकों की हत्या की थी| इसके बाद क्रोधित हुए भारत ने पाकिस्तान के ‘बालाकोट’ में हवाई हमला करके जैश के सैंकडों दहशतगर्दों को खतम किया| लेकिन, इस हमलें में अपना कुछ भी नुकसान ना होने का दावा पाकिस्तान ने किया| लेकिन, असलियत में पाकिस्तान इस हमले के झटके से अभी तक संवर नही सका है| इसी लिए पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपन हवाई सीमा अभी तक खुली नही की है| भारत दुबारा हवाई हमला नही करेगा, यह वादा मिलने तक भारत के लिए अपनी हवाई सीमा खुली नही करेंगे, यह पाकिस्तान कह रहा है|

इस वजह से अभी तक पाकिस्तान दबाव में होने की बात स्पष्ट हो रही है| लेकिन, ऐसी स्थिति में भी पाकिस्तान दहशतगर्द की राह छोडने के लिए तैयार नही है| फिलहाल ‘एफएटीएफ’ की कार्रवाई के डर से पाकिस्तान आतंकियों के विरोध में कार्रवाई करने का चित्र दिखाने की कोशिश में है| भारत ने कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान पर भरोसा करना नामुमकिन होने की बात कही थी| भारत की इस भूमिका का समर्थन करनेवाला समाचार भी सामने आ चुका है| अफगानिस्तान के कुनार, नंगरहार, नुरीस्तान और कंदहार प्रांत में आतंकियों के प्रशिक्षण केंद्र शुरू होने के समाचार प्राप्त हुए है| वहां पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे दहशतगर्दों में जैश और लश्कर के आतंकी शामिल है|

पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमावर्ती क्षेत्र में तालिबान के हक्कानी नेटवर्क का वर्चस्व है| इस और तालिबान के अन्य गुटों से जुडे अन्य गुटों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान ने अब भारत विरोधी आतंकियों को अफगानिस्तान में प्रशिक्षण देना शुरू किया है|

इस वजह से अगले दिनों में पाकिस्तान में आतंकियों के अड्डे होने का आरोप करना भारत के लिए कठिन होगा, यह पाकिस्तान का विचार है| साथ ही आतंकियों का केंद्र पाकिस्तान में नही है, बल्कि अफगानिस्तान में होने का आरोप भी करना पाकिस्तान को मुमकिन होगा|

इससे पहले तालिबान के हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान के भारतीय दूतावास में आतंकी हमलें करवाए थे| पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संगठन आईएसआई के कहने पर हक्कानी नेटवर्क ने यह हमलें करने की बात स्पष्ट हुई थी|

अभी भी ‘एफएटीएफ’ की कार्रवाई होने के डर में रहनेवाले पाकिस्तान को हक्कानी नेटवर्क से प्रस्ताव दिया गया है| इसमें जैश का प्रमुख मसूद अजहर की सुरक्षा करने की तैयारी इस आतंकी संगठन ने दिखाई है| इसी बीच तालिबान ने भी पाकिस्तान को इसी तरह का प्रस्ताव दिया था|

अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन ने भी अफगानिस्तान में लश्कर के ३०० से अधिक आतंकी होने की बात हाल ही में प्रसिद्ध किए रपट में दर्ज की थी| इन आतंकियों से अमरिका और मित्रदेशों की सुरक्षा के लिए बडा खतरा होने का एहसास भी इस रपट के जरिए कराई गई थी|

इस पृष्ठभूमि पर अफगानिस्तान में भारतीय दूतावस की सुरक्षा में बढोतरी की गई है| इस दौरान पाकिस्तान अब अफगानिस्तान का इस्तेमाल करके भारत में आतंकी हमलें करने की कोशिश में होने की बात स्पष्ट हुई है|

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