अमरिका के दुश्मनों को शरण दे रहा है पाकिस्तान – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इनकी आलोचना

वॉशिंगटन – पाकिस्तान के नए नेतृत्व के साथ चर्चा करने के लिए हम उत्सुक है, यह कहकर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने पाकिस्तान की उम्मीद जगाई है| साथ ही पाकिस्तान अमरिका के दुश्मनों को शरण दे रहा है, यह बर्दाश्त नही करेंगे, ऐसा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने कहा है, यह दावा ‘सीएनएन’ इस अमरिकी वृत्तवाहिनी ने किया है|

२०१८ की शुरूआत में ही राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने आजतक पाकिस्तान को प्राप्त हो रही अमरिकी सहायता का मुद्दा उपस्थित किया था| अमरिका से अरबों डॉलर्स की सहायता पाकर भी पाकिस्तान ने अमरिका के लिए कुछ भी किया नही है, ऐसी फटकार ट्रम्प?इन्होंने लगाई थी| इस वर्ष के पहले ही हफ्ते में ट्रम्प ने पाकिस्तान को लेकर अपना रूख नरम किया दिखाई दे रहा है| पाकिस्तान के नए नेतृत्व के साथ बातचीत करने के लिए ट्रम्प ने मंत्रिमंडल की बैठक में उत्सुकता दिखाई|

अमरिका को पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने है, यह भी ट्रम्प ने आगे कहा| लेकिन जबतक पाकिस्तान अमरिका के दुश्मनों को शरण दे रहा है, उनका सभी प्रकार से ध्यान रख रहा है, तबतक यह मुमकिन नही, यह स्पष्ट इशारा भी ट्रम्प इन्होंने दिया| इस वजह से इस बार उन्होंने पाकिस्तान को लेकर नरम भाषा का प्रयोग किया है, फिर भी पाकिस्तान अमरिका के दुश्मनों को यानी आतंकवादियों को पनाह दे रहा है, यह आरोप कायम रखा है| इससे ट्रम्प इन्होंने किए विधान की गंभीरता बढी है| खास तौर पर अफगानिस्तान की परिस्थिति की पृष्ठभुमि पर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने गिने चुने शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी दी दिखाई दे रही है|

अफगानिस्तान में तालिबान के आतंकवादी आक्रामक हुए है और उनके हमलों की तादाद में भी बढोतरी हुई है| कुछ दिनों पहले अमरिका अफगानिस्तान से सेना की वापसी करेगी, ऐसे समाचार प्रसिद्ध हुए थे| लेकिन, इस में सच्चाई नही है, यह ‘व्हाईट हाऊस’ ने घोषित किया| अब अपनी मंत्रिमंडल की बैठक में बोलते समय अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने अफगानिस्तान से सेना की वापसी के बारे में सीधा वक्तव्य किया नही है| लेकिन अफगानिस्तान की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत, रशिया और पाकिस्तान यह देश भी उठा सकते है, इस ओर ट्रम्प इन्होंने ध्यान आकर्षित किया|

भारत अफगानिस्तान में लायब्ररी खडी कर रहा है| लेकिन इस युद्ध में सुलग रहे देश में लायब्ररी का इस्तेमाल कौन करेगा, यह सवाल ट्रम्प?इन्होंने किया| इसे भारत ने भी जवाब दिया है| अफगानिस्तान के विकास के लिए भारत कर रही सहायता इस देश के लिए काफी अहम साबित होगी, यह भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है| लेकिन ट्रम्प इन्होंने अफगानिस्तान के बारे में किये विधान की वजह से अमरिका की नीति में हो रहे कुछ बदलाव के संकेत प्राप्त हो रहे है|

अफगानिस्तान में शुरू युद्ध में तालिबान की आक्रामकता बढ रही है, तभी भारत और रशिया यह देश भी अमरिका को सहायता कर सकते है, यह सुझाव ट्रम्प रख रहे है| इस सुचि में ट्रम्प इन्होंने पाकिस्तान का भी समावेश किया है, फिर भी पाकिस्तान अमरिका के दुश्मनों को शरण दे रहा है, यह कहकर इसे बर्दाश्त नही करेंगे ऐसी कडी चेतावनी भी ट्रम्प दे रहे है| अमरिका पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए उत्सुक है, लेकिन आनेवाले समय में पाकिस्तान ने अपनी नीति कायम रखी तो उसके परिणाम पाकिस्तान को भुगतने होंगे, इसका एहसास ट्रम्प करा रहे है|

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