रफायल से ड़रे हुए पाकिस्तान ने चीन से माँगे ५० लड़ाकू विमान

नई दिल्ली – बुधवार के दिन फ्रान्स से नए तीन रफायल विमान भारत पहुँचे हैं। इस वजह से भारतीय वायुसेना के बेड़े में रफायल विमानों की संख्या जल्द ही ८ पर जाएगी। इसके अलावा अगले कुछ महीनों में अधिक संख्या में रफायल विमान भारतीय वायुसेना में शामिल होंगे। इस वजह से भारतीय वायुसेना के सामर्थ्य में काफी बढ़ोतरी होगी। ऐसे में बेहाल हुए पाकिस्तान ने चीन की ओर दौड़ लगाई है। चीन से ५० ‘जे-१०’ लड़ाकू विमान खरीदके भारत से अपनी सुरक्षा की तैयारी पाकिस्तान कर रहा है। पाकिस्तान के बेड़े में मौजूद कई लड़ाकू विमान युद्ध करना तो दूर बल्कि उड़ान भरने की स्थिति में भी नहीं हैं। इस वजह से पाकिस्तान काफी ड़रा हुआ है और इसी कारण पाकिस्तान अब लड़ाकू विमान प्राप्त करने के लिए चीन के सामने हाथ फैलाता दिखाई दे रहा है।

Pakistan-fighter-jetsबीते कुछ वर्षों में पाकिस्तानी वायुसेना के बेड़े में चीनी लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ रही है। पाकिस्तानी वायुसेना के बेड़े में अमरिकी लड़ाकू ‘एफ-१६’ और फ्रेंच ‘मिराज’ विमानों के विकल्प के तौर पर पाकिस्तान ने चीन से १३९ ‘चेंगडू-जे७’ एवं ११० ‘जेएफ-१७ थंड़र’ विमान खरीदे थे। इनमें से पाकिस्तान और चीन ने विकसित किए ‘जेएफ-१७थंडर’ विमान भारत के ‘सुखोई-३० एमकेआय’ विमानों को भी टक्कर देंगे, यह दावा पाकिस्तानी वायुसेना एवं लष्करी विश्‍लेषकों ने किया था। लेकिन, इन चीनी विमानों की असलियत की पोल खोल गई है और ‘जेएफ-१७ थंड़र’ विमान पाकिस्तानी वायुसेना के लिए सिर्फ भार साबित होने लगे हैं।

पाकिस्तान के दो हवाई अड्डों पर कम से कम ४० प्रतिशत ‘जेएफ-१७ थंड़र’ विमानों में बडी खराबी होने की जानकारी सामने आयी है। इन विमानों के बुनियादी ढ़ांचे में कमी होने की बात सामने आ रही है और साथ ही विमान के कैनपी, विंग्ज, फ्यूसलेज, ऐंकर ब्रेकेजेस में भी कमी होने की एवं इसमें दरार निर्माण होने का वृत्त है। बुनियादी ढ़ांचे में खराबी होने से यह विमान अच्छी तरह से उड़ान भी नहीं भर सकते, यह दावा किया जा रहा है। साथ ही इन विमानों की राड़ार यंत्रणा विमान की क्षमता की तुलना में काफी भारी है और इस वजह से इस विमान की हथियार उठाने की क्षमता भी प्रभावित हो रही है। इसी कारण ‘जेएफ-१७ थंड़र’ विमान पाकिस्तानी वायुसेना के लिए ‘ब्लंड़र’ साबित हो रहे हैं, यह आलोचना पाकिस्तानी माध्यम करने लगे हैं।

Pakistan-fighter-jetsऐसे में भारतीय वायुसेना के बेड़े में रफायल विमानों की तैनाती होने से पाकिस्तान की बेचैनी भी बढ़ी है। रफायल विमानों से स्पर्धा करने के लिए पाकिस्तान ने चीन से ‘जे-१०’ विमान खरीदने की गतिविधियां तेज़ की हैं। इसके लिए पाकिस्तान के १३ सदस्यों का दल बीते महीने में ही चीन पहुँचा था। इस दौरान ५० ‘जे-१०’ खरीद करने के मुद्दे पर चर्चा हुई और इनमें से ३० विमान शीघ्रता में आवश्‍यक होने की माँग पाकिस्तान ने रखी है। इसके अलावा पाकिस्तान अब चीनी ‘जे-२०’ विमान खरीदने की भी कोशिश में जुटा होने का दावा किया जा रहा है।

इसी बीच, चीन ने भंगार में निकाले ‘जेएफ-१७’ विमान अपने देश में निर्माण करके पाकिस्तान खुद को लड़ाकू विमानों का निर्माता देश कहने की डींग मार रहा था। भारत को भी स्वदेशी लड़ाकू विमानों का निर्माण करना संभव नहीं था, इस पर ध्यान केंद्रीत करके हम इस मोर्चे पर भारत से बेहतर होने के दावे पाकिस्तान ने किए थे। लेकिन, भारत तकनीकी नज़रिये से कई गुना प्रगत लड़ाकू ‘तेजस’ विमानों का निर्माण करने लगा है और रफायल विमान प्राप्त होने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता काफी मात्रा में बढ़ी है।

इसी कारण पाकिस्तान बेचैन है। ऐसे में अर्थव्यवस्था कंगाल होने से पाकिस्तान की अब लड़ाकू विमान खरीदने की क्षमता नहीं रही। इसी वजह से चीनी विमानों के अलावा पाकिस्तान के लिए अब दूसरा विकल्प नहीं बचा है। लेकिन, चीन की वायुसेना भी भारत से टक्कर दे सके इतनी प्रगत तकनीक या सामर्थ्य नहीं रखती, यह बात पश्‍चिमी विश्‍लेषक कह रहे हैं।

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