इराक़ में एक लाख ईरानसमर्थक सेना होने की अमरिकी सेना की जानकारी

वॉशिंग्टन, दि. १८ (वृत्तसंस्था) – इराक़ में ‘आयएस’ के खिलाफ़ लगभग एक लाख ईरानसमर्थक विद्रोही संघर्ष कर रहे हैं, ऐसी जानकारी अमरिकी सेना ने प्रकाशित की है| ईरान के ‘कुद्स फोर्स’ के प्रमुख जनरल ‘कासेम सुलेमानी’ को विद्रोहियों के पथक की कमान सौंपी गई है, जिसने इराक़ के मोसूल को जीतने की तैयारी शुरू की है| इराक़ में रहनेवाले इन ईरानसमर्थक विद्रोहियों की तादात पर अमरिकी विशेषज्ञ और मीडिया चिंता जता रहे हैं|

ईरानसमर्थकअमरिकी सेना के प्रवक्ता कर्नल ‘ख्रिस गार्वर’ ने एक समाचार वाहिनी से बातचीत करते हुए, इराक़ में ईरानसमर्थक विद्रोहियों की बढ़ती हुई तादात की जानकारी दी| पिछले तीन सालों से इराक़ में ‘आयएस’ के खिलाफ़ संघर्ष करनेवाले ईरानसमर्थक विद्रोहियों की संख्या एक लाख के करीब पहुँच चुकी है| इराक़ के शियापंथियों के छोटे-बड़े हथियारबंद गुट इस संघर्ष में शामिल हुए हैं| इन सभी गुटों का मिलकर ‘पॉप्युलर मोबिलायझेशन फोर्सेस’ (पीएमएफ) यह संगठन बनाया गया है| लेकिन ‘पीएमएफ’ यह संगठन सिर्फ शियापंथियों तक सीमित नहीं है, ऐसा गार्वर ने कहा|

iraq‘पीएमएफ’ में शिया विद्रोहियों की तादात ८० हज़ार के क़रीब है| वहीं, इराक़ के ‘अन्बर’ और ‘निनेवेह’ राज्यों की सुन्नी टोलियों के लगभग २० हजार विद्रोही भी ‘पीएमएफ’ में शामिल हैं| ये सुन्नी टोलियाँ भी ‘आयएस’ के खिलाफ़ लड़ रही हैं, ऐसा अमरिकी अधिकारी ने कहा|

इस संगठन की कमान ईरान के ‘कुद्स फोर्सेस’ के प्रमुख जनरल कासेम सुलेमानी को सौंप दी गई है| लेकिन ‘पीएमएफ’ में कुद्स फोर्सेस का एक भी जवान नहीं है, ऐसी जानकारी अमरिकी अधिकारी ने दी| ईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्ड्स’ का सबसे अग्रसर सैनिकी दल ‘कुद्स फोर्सेस’ के जवान इराक़ में अलग से संघर्ष कर रहे हैं, ऐसा आरोप गार्वर ने किया है|

वहीं, जनरल कासेम सुलेमानी, ‘पीएमएफ’ के विद्रोहियों को साथ में लेकर उत्तरी इराक़ के ‘मोसूल’ पर कब्ज़ा जमाने की तैयारी में लगे हैं, ऐसा भी कर्नल गार्वर ने कहा| जनरल सुलेमानी के नेतृत्व में ‘पीएमएफ’ के विद्रोही, मोसूल के लिए रवाना हो चुके हैं, यह जानकारी ईरान की मीडिया ने प्रकाशित की है|

इराक़ के साथ साथ, सीरिया में भी ‘आयएस’ के खिलाफ चल रहे संघर्ष में जनरल कासेम सुलेमानी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहें हैं, ऐसी जानकारी गार्वर ने दी| संयुक्त राष्ट्रसंघ ने जनरल सुलेमानी पर पाबंदियाँ लगायी हैं| इन प्रतिबंधों के चलते, सुलेमानी ईरान को छोड़कर अन्य देशों में सफ़र नहीं कर सकते| फिर भी, पिछले दो सालों में जनरल सुलेमानी ने इराक़, सीरिया और रशिया की भी भेंट की थी|
‘आयएस’ के खिलाफ़ चल रहे संघर्ष में अमरीका भी इराक़ी सेना की सहायता कर रहा है| ‘आयएस’ के ठिकानों पर हवाई हमले चढ़ाकर इराक़ी सेना को अगली कार्रवाई के लिए मदद करना; साथ ही, आतंकवाद के खिलाफ के संघर्ष में सलाहमशवरा देना, आदि काम अमरिकी सेना कर रही है, ऐसा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा का कहना है| इसीलिए ‘मोसूल’ से ‘आयएस’ को खदेड़ देने के लिए अमरीका हवाई हमलें ज़रूर करेगा| ऐसा होते हुए, अमरिकी सेना ईरानसमर्थक ‘पीएमएफ’ के विद्रोहियों की सहायता नहीं कर रही, ना ही विद्रोहियों के साथ लड़ रही है, ऐसा गार्वर ने कहा| लेकिन मोसूल पर कब्जा जमाने की इराक़ी सेना की योजना को अमरीका का पूरा समर्थन है, ऐसा अमरिकी सेना के प्रवक्ता ने कहा|

इसी दौरान, इराक़ में ईरानसमर्थक विद्रोहियों से अमरिकी जवानों की सुरक्षा को ख़तरा है, ऐसा दावा अमरिकी सेना अधिकारी और विशेषज्ञ कर रहे हैं| पिछले दो वर्षों में, इराक़ में तैनात लगभग ५०० अमरिकी जवान मारे गए, ऐसी जानकारी अमरीका के रक्षादलप्रमुख जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने दी| ‘इन हमलों के लिए इराक़ स्थित ईरानसमर्थक विद्रोही गुट होने की गहरी संभावना है, लेकिन पुख़्ता सबूतों के अभाव के कारण ईरानसमर्थक विद्रोहियों पर सीधा आरोप नहीं किया जा सकता’ ऐसा जनरल डनफोर्ड ने कहा था|

इसी बीच, इराक़ के प्रबल ईरानसमर्थक गुट के नेता ‘मुक्तदा अल सद्र’ ने पिछले महीने इराक़ में तैनात अमरिकी सेना पर हमले चढ़ाने की धमकी दी थी| ‘अमरिकी जवानों का कत्लेआम करो’ ऐसे आदेश ‘अल-सद्र’ ने अपने समर्थकों को दिये थे| वहीं, मार्च महीने में एक और ईरानसमर्थक गुट ने धमकी देते हुए, अमरिकी सेना ने यदि जल्द ही इराक़ से वापसी नहीं की, तो उन्हें भयंकर परिणामों का सामना करना पड़ेगा, ऐसी चेतावनी दी थी|

इस कारण, इस संघर्ष में ‘आयएस’ को हराने में यदि अमरीका को सफलता मिल भी गयी, तो भी ‘आयएस’ के बाद इराक़ में एक और अमरीकाविरोधी सशस्त्र गुट तैयार हो रहा है’ ऐसी चिंता अमरिकी विशेषज्ञों को सता रही है|

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