अमरिका और रशिया के बीच गलतफहमी से परमाणु युद्ध शुरू होगा – अमरिका के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – ‘पिछले कुछ महीनों में अमरिका और रशिया के बीच बना तनाव तेज हुआ है और दोनों देशों में शुरू हथियारों की स्पर्धा में भी बढोतरी हुई है| अमरिका और रशिया के बीच बना यह तनाव शीत युद्ध से भी अधिक भीषण स्तर पर पहुंचा है| शीत युद्ध के दौरान अमरिका और रशिया के अधिकारियों में कम से कम चर्चा हो रही थी| लेकिन, अब यह भी बंद हुआ है| दोनों देशों ने समय पर बातचीत करके इस तनाव का हल ढुंढा नही तो दोनों देशों में परमाणु युद्ध शुरू होगा’, यह इशारा अमरिका के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी ने दिया है| अमरिका और रशिया के बीच हुई ‘न्यू स्टार्ट ट्रिटी’ की समाप्ति इस वर्ष अगस्त महिने में हो रही है और यह समझौता बचाने के लिए दोनों देश कोशिश करे, यह निवेदन अमरिकी लष्करी अधिकारी, सिनेटर्स और विश्‍लेषक कर रहे है|

वर्ष १९८७ में अमरिका और उस समय की सोव्हिएत रशिया ने परमाणु हथियारों की संख्या नियंत्रण में रखने के लिए ‘स्टार्ट’ समझौता किया था| वर्ष २०१० में अमरिका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष ओबामा के समय में इस समझौता का स्वरूप बदल कर ‘न्यू स्टार्ट ट्रिटी’ पर अमल शुरू हुआ था| अगले चार महीनों के बाद इस ‘न्यू स्टार्ट ट्रिटी’ की समाप्ति हो रही है| पिछले कुछ महीनों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग अलग मुद्दों पर अमरिका और रशिया के संबंधों में बने तनाव की पृष्ठभूमि पर वर्णित समझौता भी टुटने की चिंता यूरोप के माध्यम व्यक्त कर रहे है|

इस पृष्ठभूमि पर अमरिका के विद्यमान एवं भूतपूर्व अधिकारी और सिनेटर्स एवं लष्करी विश्‍लेषक दोनों देशों को एक होकर बातचीत करने का निवेदन कर रहे है| यूरोप में नाटो सेना प्रमुख और अमरिकी अधिकारी जनरल ‘कर्टिस स्कॅपारोटी’ इन्होंने दोनों देशों में बने तनाव की वजह से भीषण स्थिति बनी होने का एहसास दिलाया है| इसके लिए जनरल कर्टिस इन्होंने शीतयुद्ध के समय में बने अमरिका और सोव्हिएत रशिया के बीच बने तनाव की तुलना की| ‘शीतयुद्ध के समय पर दोनों देशों में तनाव बना था फिर भी लष्करी अधिकारियों में बातचीत होती रहती थी| लेकिन, अब यह बातचीत बंद हुई है’, यह कहकर जनरल कर्टिस ने चिंता व्यक्त की है|

अमरिका और रशिया में वर्तमान में बना तनाव कम होने के लिए दोनों देशों में बातचीत होना जरूरी है, ऐसा जनरल कर्टिस इन्होंने एक मुलाकात के दौरान कहा| ‘बातचीत के जरिए कई प्रश्‍नों का हल निकालना मुमकिन हो सकता है’, यह निवेदन जनरल कर्टिस ने किया है| अमरिका और रशिया को एक दुसरे की परमाणु शक्ति की जानकारी है| इस वजह से परमाणु हमले का एहसास होने वाले यह दोनों देश एक दुसरे पर ऐसे हमलें नही करेंगे, यह भरोसा जनरल कर्टिस इन्होंने जताया| लेकिन, किसी भी गलतफहमी से या अनुचित घटना से दोनों परमाणु हथियारों से मुस्तैद देशों में परमाणु युद्ध शुरू होगा’, यह इशारा जनरल कर्टिस इन्होंने दिया है|

अमरिका और रशिया के बीच परमाणु युद्ध होने से दूर रहना है तो दोनों देशों में बातचीत शुरू करने की मांग जनरल कर्टिस ने रखी| साथ ही दुनिया में मौजूद कुल परमाणु हथियारों में से सबसे अधिक ९० प्रतिशत परमाणु हथियारों का भंडार रखनेवाले अमरिका और रशिया इस समझौते से बाहर ना हो, यह निवेदन अमरिका के भूतपूर्व नौसेना अधिकारी ‘एडमिरल जेम्स स्टॅव्हरिडिस’ इन्होंने किया| दौरान, ईरान, सीरिया, व्हेनेजुएला, लीबिया और अन्य मुद्दों पर अमरिका और रशिया के संंबंध बिगडे है|

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