‘दुनिया को परमाणु आतंकवाद का ख़तरा’ : भारत के विदेशसचिव की चेतावनी

नई दिल्ली, ८ : ‘परमाणुक्षमता हासिल करने के बाद किसी भी देश की भाषा बदलती है और जब परमाणुक्षमता रहनेवाले देश में आतंकवाद की जड़ें फ़ैली हुईं हों, तो सारे दुनिया के लिए यह ख़तरनाक बात होगी’ ऐसे शब्दो में भारत के विदेशसचिव ने पाकिस्तान के परमाणुअस्त्रों की सुरक्षा का मसला उठाया| राजधानी नई दिल्ली में चल रहे परमाणुसुरक्षा मामले में आंतर्राष्ट्रीय समिट में विदेशसचिव एस. जयशंकर बोल रहे थे|

परमाणु आतंकवादकुछ दिन पहले पाकिस्तान ने भारत के परमाणुकार्यक्रम पर चिंता जताई थी| भारत का परमाणुकार्यक्रम आंतर्राष्ट्रीय परमाणुउर्जाआयोग की देखरेख में लाना चाहिए, ऐसी उम्मीद पाकिस्तान ने ज़ाहिर की थी| ‘एनएसजी’ की सदस्यता प्राप्त करने के लिए चल रहीं भारत की कोशिशें फिलहाला ते़ज़ हो रही हैं; ऐसे में, पाकिस्तान ने यह माँग करते हुए भारत की मुश्किलें बढ़ाने की कोशिश की है| लेकिन नई दिल्ली में इस समिट में बोलते समय, भारत के विदेश सचिव ने पाकिस्तान का साफ़ ज़िक्र ना करते हुए, इस देश की गैरज़िम्मेदाराना परमाणुनीति पर, साथ ही, पाकिस्तान के परमाणु अस्त्रों की सुरक्षा पर सवाल उठाये है|

कोई देश यदि परमाणुक्षमता हासिल करने के बाद अपनी भाषा बदलता है और परमाणुक्षमता का यदि उस देश की नीति पर असर हो रहा है, तो यह बहुत ही गंभीर बात है| साथ ही, जिन्हें ‘नॉन स्टेट ऍक्टर्स’ कहा जाता है, ऐसे आतंकवादियों का यदि ऐसे परमाणुक्षमता रहनेवाले देश में आनाजाना रहता है, तो परमाणुअस्त्र उनके हाथ लगने का ख़तरा और भी बढ़ जाता है, इस बात पर विदेशसचिव एस. जयशंकर ने सबका ग़ौर फ़रमाया| आतंकवादी भारी पैमाने पर विनाश करने के लिए परमाणुबम हासिल कर सकते हैं और इसका बड़ा खतरा दुनिया को हो सकता है, ऐसा जयशंकर ने कहा|

‘आतंकवादियों के हाथ में परमाणुअस्त्र ना लगें, इसलिए दुनियाभर के सभी देशों ने सहायता करनी चाहिए| परमाणुशक्ति का विध्वंस पूरी दुनिया ने महसूस किया है| फिर से इस प्रकार का विध्वंस ना हों, इसकी जिम्मेदारी परमाणु से लैस देशों ने निभानी चाहिए, ऐसा आवाहन जयशंकर ने किया| आतंकवादियों के हाथ परमाणुअस्त्र लगेंगे, ऐसा डर जताते हुए, आतंकवादियों में अच्छा और बुरा ऐसा भेद करना घातक होगा, ऐसी चेतावनी विदेशसचिव ने दी| साथ ही, आतंकवाद यह किसी भी देश की राष्ट्रीय नीति नहीं रहनी चाहिए, ऐसी फ़टकार जयशंकर ने लगायी| इसके साथ ही, भारत की परमाणुनीति इसके आगे भी ज़िम्मेदाराना और शांतिपूर्ण रहेगी, ऐसा भरोसा इस समय विदेशसचिव जयशंकर ने जताया|

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