परमाणुप्रकल्प की सुरक्षा के लिए ईरान द्वारा प्रक्षेपास्त्रविरोधी प्रणाली ‘एस-३००’ तैनात

तेहरान, दि. २९ (वृत्तसंस्था) – ईरान ने अपने महत्त्वपूर्ण परमाणुप्रकल्प की सुरक्षा के लिए ‘एस-३००’ यह प्रगत प्रक्षेपास्त्रविरोधी प्रणाली तैनात की है| ईरान के प्रमुख नेता आयातुल्ला अली खामेनी ने ‘एस-३००’ की तैनाती का समर्थन करते हुए, ईरान पर हमला करनेवालों को इसके आगे क़रारा जवाब मिलेगा, ऐसी चेतावनी दी है| खामेनी की यह चेतावनी, इस्रायल और अमरीका के लिए जारी की गई दिखाई दे रही है|

iran-s300-fordo- प्रक्षेपास्त्रविरोधी प्रणाली

ईरान सरकार से जुड़ी हुई मीडिया ने सोमवार को, ‘एस-३००’ के तैनाती की जानकारी प्रकाशित की| रशिया से ख़रीदी हुई यह प्रक्षेपास्त्रविरोधी प्रणाली ईरान के कोम शहर स्थित विवादास्पद परमाणुप्रकल्प ‘फोर्दो’ के नज़दीक तैनात की गयी है| ईरान की मीडिया ने पहली बार इस प्रक्षेपास्त्रविरोधी प्रणाली के फोटोग्राफ्स भी प्रकाशित किए हैं| मग़र यह प्रणाली कब तैनात की गई, इसपर ईरान की मीडिया ने चुप्पी साधी है|

लेकिन रविवार को ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी ने ‘खातम अल-अंबिया एअर डिफेन्स बेस’ इस ईरानी हवाई अड्डे की भेंट की थी| इस दौरान आयातुल्ला खामेनी ने ‘एस-३००’ की तैनाती का स्वागत किया| ‘दुश्मन के खिलाफ़ संघर्ष करने के लिए ‘एस-३००’ जैसी हवाई रक्षाप्रणाली सबसे अग्रस्थान पर होनी चाहिए’ ऐसा खामेनी ने कहा| ‘इस प्रणाली को तैनात करने के बाद ईरान के विरोधकों को भी चेतावनी मिल चुकी होगी| अगर वे ईरान पर हमला करने की कोशिश करते हैं, तो फिर उन्हें इससे भी अधिक क़रारा जवाब मिलेगा’ ऐसी चेतावनी ईरान के सर्वोच्च नेता ने दी|

वहीं, ईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्ड्स’ के ‘एअर डिफेन्स’ विभाग प्रमुख ब्रिगेडिअर जनरल ‘फरझाद इस्माईली’ ने, ईरान की समाचारवाहिनी को दी मुलाकात में इस प्रणाली की तैनाती की जानकारी दी| किसी भी परिस्थिति में, ईरान के परमाणुप्रकल्पों की सुरक्षा करना यह हमारा मुख्य उद्दिष्ट है, ऐसा इस्माईली ने कहा| साथ ही, ‘एस-३००’ की तैनाती से, आखाती देशों की तुलना में ईरान का हवाई क्षेत्र सबसे सुरक्षित बन गया है, ऐसा भी ब्रिगेडिअर जनरल इस्माईली ने स्पष्ट किया|

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सन २०१० में, ईरान और रशिया के बीच ‘एस-३००’ की ख़रीदारी पर समझौता हुआ था| लेकिन अमरीका, इस्रायल और पश्‍चिमी देशों ने किया हुआ विरोध और संयुक्त राष्ट्र की पाबंदियों का आदर करते हुए रशिया ने ‘एस-३००’ की बिक्री पर रोक लगाई थी| लेकिन पिछले वर्ष अमरीका और ईरान में हुए परमाणुसमझौते के बाद, रशिया ने इस प्रक्षेपास्त्रविरोधी प्रणाली की बिक्री की गति बढ़ाई है| अप्रैल महीने में रशिया की पहली ‘एस-३००’ प्रणाली ईरान में दाखिल हुई| वहीं, दूसरी ‘एस-३००’ चंद कुछ हफ्तों में ही ईरान में दाखिल होने की संभावना जताई जाती है|

इससे पहले ईरान ने, इस प्रणाली को परमाणुप्रकल्प के नज़दीक तैनात करने की घोषणा करते हुए खलबली मचा दी है| साथ ही, यह प्रणाली ‘फोर्दो’ इस परमाणुप्रकल्प की सुरक्षा के लिए तैनात की गई है| फोर्दो परमाणुप्रकल्प पहाड़ों के बीच स्थित है और इसकी कुछ इमारतें ज़मीन के नीचे बनाई गई हैं| पिछले वर्ष ईरान ने इस परमाणू प्रकल्प में, १९००० सेंट्रीफ्यूजेस को समृद्ध किया था| लेकिन अमरीका के साथ हुए समझौते के बाद ईरान को, इन सेंट्रीफ्यूजेस की संख्या को ५००० तक सीमित करना पड़ा था| इसके बावजूद इन सेंट्रीफ्यूजेस की संख्या बढ़ाने का ईरान को पूरा अधिकार है, ऐसा दावा ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनी ने किया है|

इसी दौरान, इस्रायल और आखाती देशों में तैनात अमरिकी प्रक्षेपास्त्रों को ध्वस्त करने की क्षमता ‘एस-३००’ में है| पिछले कई दिनों से, ईरान के परमाणुप्रकल्पों में गतिविधियाँ बढ़ी हुईं होने का आरोप इस्रायल कर रहा है| वहीं, ईरान ने बुशहेर में और दो नये परमाणुप्रकल्प निर्माण करने की घोषणा की है| अगले डेढ़ साल में इन दोनों प्रकल्पों का निर्माण पूरा होगा, ऐसा भरोसा ईरान जता रहा है|

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