आतंकवाद विरोधी कार्रवाई पर सियासत ना हो – प्रधानमंत्री मोदी ने लगाई चीन को फटकार

न्यूयॉर्क – ‘‘आतंकियों को पैसे एवं हथियारों का प्रदान ना हो| इस के विरोध में संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की कार्रवाई में कोई भी सियासत ना करें’’, यह उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त की| संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा के पहले आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री बोल रहे थे| दुनिया ने आतंकी हमलों की ओर आतंकी हमलों के नजरिए से ही देखना होगा| इस ओर छोटा या बडा, अच्छा या बुरा ऐसे ना देखें, यह स्पष्ट भूमिका इस दौरान प्रधानमंत्री ने रखी|

‘स्ट्रैटेजिक रिस्पॉन्स टू टेररिस्ट ऍण्ड व्हायलंट एक्स्ट्रिमिस्ट नैरेटिव्हज्’ इस विषय पर अंतरराष्ट्रीय नेताओं की बातचीत में प्रधानमंत्री ने यह वक्तव्य किया| भारत के विदेश मंत्रालय के पश्‍चिम विभाग के सचिव ए.गीतेश सरमा ने यह जानकारी दी| इस दौरान प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के विरोध में अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी सुस्पष्ट भूमिका अपनाने की उम्मीद होने की बात कहकर इसके लिए भारत योगदान दे रहा है, यह जानकारी दी| साथ ही आतंकवाद का किसी भी प्रकार से समर्थन नही कर सकते, यह बात प्रधानमंत्री ने डटकर रखी| इसी लिए आतंकी हमलों की ओर पुरी दुनिया ने आतंकी हमलों की नजरिए से ही देखने की जरूरत है| आतंकी हमला छोटा या बडा एवं अच्छा या बुरा हो ही नही सकता, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा|

साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं ‘एफएटीएफ’ जैसी आतंकियों को रोकने के लिए कार्यरत संस्थाओं में इस विषय पर सियासत ना हो, यह मांग प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान रखी| उन्हों ने सिधा जिक्र ना किया हो, पर पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवादियों का हमेशा बचाव करनेवाले चीन को सामने रखकर ही प्रधानमंत्री ने यह फटकार लगाई है, यह कहा जा रहा है| इससे पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में मौलाना मसूद?अझहर, हफिज सईद के विरोध में कार्रवाई रोकने के लिए चीन ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया था| इस तरह से पाकिस्तान का बचाव करनेवाले चीन के विरोध में भारत में संतप्त प्रतिक्रिया उमड रही थी| भारत के रक्षा संबंधी हितसंबंधों का एहसास रखें, ऐसा इशारा भारत ने चीन को दिया था| फिर भी चीन इस बारे में तकनीकी मुद्दे उपस्थित करके पाकिस्तान के आतंकी निती का बचाव करता रहा है| यह निती यदि चीन इसके आगे भी कायम रखता है तो इससे द्विपक्षीय संबंधों पर असर हो सकता है, यह संदेश प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को दिया दिखाई दे रहा है|

पाकिस्तान धारा ३७० के मुद्दे पर जागतिक स्तर पर भारत के विरोध में प्रचार मुहीम करने में जुटा है, ऐसे में भारत ने आतंकवाद के विरोध में डटकर भूमिका रखकर पाकिस्तान के विरोध में मोर्चा खोला है| जर्मनी की चान्सेलर एंजेला मर्केल, इटली के प्रधानमंत्री गिसेप कॉन्टे, कतार के अमीर शेख तमीम बिन हमाद, नाइजेर, नामिबिया, कोलंबिया और मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष एवं नेटरलैंड और भूटान के प्रधानमंत्री से भेंट करके प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय बातचीत की| इनमें से कई नेताओं के साथ हुई चर्चा में प्रधानमंत्री ने कश्मीर की स्थिति संबंधी अवगत कराया है, यह भी कहा जा रहा है|

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