इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में साम्राज्यवाद और अतिक्रमण के लिये स्थान नहीं – अमरिका के उपराष्ट्राध्यक्ष से चीन को चेतावनी

सिंगापुर – इंडो पैसिफिक क्षेत्र में साम्राज्यवाद और अतिक्रमण को स्थान नहीं हो सकता, ऐसे शब्दों में अमरिका के उपराष्ट्राध्यक्ष माइक पेन्स ने चीन को कड़े बोल सुनाए हैं| सिंगापुर में ईस्ट एशिया समिट के दौरान बोलते हुए अमरिका के उपराष्ट्राध्यक्ष ने सीधा उल्लेख ना करते हुए चीन पर आलोचना की है और अमरिका को इस सागरी क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित नहीं करना है, ऐसा बयान दिया है|

सिंगापुर में हुए परिषद में शामिल अमरिका के उपराष्ट्राध्यक्ष माइक पेन्स चीन के विरोध में आक्रामक भूमिका स्वीकारने के संकेत पहले से मिल रहे थे| अमरिकन नौदल के वरिष्ठ अधिकारी ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र के देशों के साथ भारत बहुपक्षीय सहयोग विकसित करें ऐसी अपेक्षा व्यक्त की जा रही थी| यह भी अमरिका के चीन विरोधी रणनीति का भाग माना जाता है| ईस्ट एशिया समिट में बोलते हुए उपराष्ट्राध्यक्ष पेन्स ने सीधा उल्लेख टालते हुए चीन के साम्राज्यवादी धारणाओं पर कठोर प्रहार करके अमरिका चीन के गतिविधियां बर्दाश्त नही करेगी, यह चेतावनी दी है|

इंडो पैसिफिक क्षेत्र में साम्राज्यवाद और अतिक्रमण को स्थान नहीं हो सकता| इस क्षेत्र में छोटे एवं बड़े देश एक ही समय पर अपना विकास कर सकते हैं| इनमें किसी भी देश को दूर रखने की अमरिका की इच्छा नहीं है| पर सभी देशों ने अपने पड़ोसी देशों के साथ उत्तम संबंध रखने चाहिए| उन्हें बराबरी का बर्ताव देना चाहिए और उनके सार्वभौमत्व का सम्मान करना चाहिए, ऐसी अमरिका की अपेक्षा है, ऐसा उपराष्ट्राध्यक्ष पेन्स ने कहा है| साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन होना चाहिए, ऐसी मांग उपराष्ट्राध्यक्ष पेन्स की है| इस क्षेत्र में चीन कर रहे कार्रवाईया गैरकानूनी होकर अंतरराष्ट्रीय नियमों का भंग है, ऐसा आरोप अमरिका ने किया है| इस पृष्ठभूमि पर अमरिका के उपराष्ट्राध्यक्ष ने दिया यह चेतावनी ध्यान केन्द्रित करनेवाली है|

पिछले कुछ हफ्तों से इंडो-पैसेफिक क्षेत्र पर अमरिका और चीन में विवाद स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है| दोनों देशों की नौसेना इस क्षेत्र में जोरदार गतिविधियां कर रही है और अमरिका एवं चीन इसे लेकर एक दूसरों के कड़े इशारे दे रहे है| इसकी वजह से तनाव बढ़ता जा रहा है| जापान एवं ऑस्ट्रेलिया इन देशों ने अमरिका के साथ रक्षा विशेष सहयोग अधिक दृढ़ करके चीन पर दबाव बढ़ाया है| इंडो पैसिफिक क्षेत्र में भारत अधिक व्यापक भूमिका निभाएं, ऐसी मांग अमरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया कर रहा है|

चीन के सामर्थ्य में बढ़ोतरी एवं आक्रामकता इसकी वजह से निर्माण हुआ असंतुलन दूर करने के लिए भारत के योगदान की बहुत बड़ी आवश्यकता होने की बात इन देशों ने कही है| उपराष्ट्राध्यक्ष पेन्स ने चीन पर आलोचना की है और भारत एवं अमरिका इन देशों के सहयोग से इंडो पैसिफिक क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता स्थापित की जाएगी ऐसे सूचक विधान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन के साथ हुए भेंट के दौरान किए गए हैं| अप्रत्यक्ष रूप से यह भी चीन पर टिका ही है|

अमरिका के उपराष्ट्राध्यक्ष से चीन पर यह आलोचना की जा रही है और ईस्ट एशिया समिट में शामिल हुए चीन के प्रधानमंत्री ली केकीयांग ने सिंगापुर में बोलते हुए अपने देश का पक्ष प्रस्तुत किया है| चीन का आर्थिक एवं लष्करी प्रभाव बढ़ता जा रहा है| फिर भी पड़ोसी देशों को उसे खतरा निर्माण नहीं होगा, ऐसा आश्वासन उस समय चीन के प्रधानमंत्री ने दिया है| तथा आसियान देशों के नेताओं से चर्चा करते हुए चीन के प्रधानमंत्री ने अमरिका के व्यापारी धारणाओं की वजह से निर्माण हुए समस्याओं को दोहराया है| इस क्षेत्र के देश मुक्त व्यापार को चालना मिले इसके लिए सहयोग करें, ऐसा आवाहन चीन के प्रधानमंत्री ने किया है|

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