चीनी कंपनी को दूर रखकर नेपाल की जल विद्युत परियोजना का ठेका भारतीय कंपनी को प्रदान

नई दिल्ली/काठमांडू – नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली की अध्यक्षता में हुई बैठक में ‘लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना’ का काम भारतीय कंपनी को प्रदान करने का निर्णय हुआ। कुछ दिन पहले ही ‘अरुण-३ जल विद्युत परियोजना’ का काम भी भारतीय कंपनी को प्रदान करने का निर्णय नेपाल की सरकार ने किया था। इस परियोजना का ठेका प्राप्त करने की स्पर्धा में भी चीन की कंपनी उतरी थी। लेकिन, नेपाल के प्रधानमंत्री ने निवेश मंडल की बैठक में भारतीय कंपनी ‘सतलज जल विद्युत निगम’ (एसजेवीएन) को इस परियोजना का ठेका प्रदान करके चीन को झटका दिया है।

china-company-nepalभारत-नेपाल के संबंधों में बीते वर्ष काफी तनाव निर्माण हुआ था। चीन के उकसावे से नेपाल ने भारत के साथ सीमा विवाद निर्माण किया था। लेकिन, चीन ने इसी बीच नेपाल की भूमि पर कब्ज़ा करके नेपाल से विश्‍वासघात किया था। साथ ही नेपाल के अंदरुनि मामले और राजनीति में भी चीन ने अपनी दखलअंदाज़ी बढ़ाई। चीन की यह दखलअंदाज़ी बर्दाश्‍त करके चीन के इशारों पर नाच रही ओली सरकार के विरोध में असंतोष बढ़ने लगा था। लेकिन, चीन ने नेपाल की ज़मीन पर कब्ज़ा करने के बाद नेपाल ने भारत के संबंधों में दुबारा सुधार करने की कोशिश शुरू की।

भारत के सेनाप्रमुख को प्रदान किया गया मानद जनरल पद, इसके बाद भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने नेपाल की यात्रा करने के बाद हाल ही में नेपाल के विदेशमंत्री ने किए भारत दौरे से दोनों देशों के संबंध पूर्ववत होने की बात दिखाई दे रही है। इसी बीच भारत ने नेपाल को कोरोना के १० लाख टीके भेंट के तौर पर प्रदान किए हैं।

इसके बाद अब नेपाल ने भारतीय कंपनी ‘एसजेवीएन’ को ‘लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना’ का कान्ट्रैक्ट प्रदान करने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। इस परियोजना में ६७९ मेगावाट बिजली का निर्माण होगा। इस परियोजना का ठेका प्राप्त करने के लिए ‘हायड्रोईलेक्ट्रिसीटी इन्वेस्टमेंट ऐण्ड डेवलपमेंट कंपनी’ (एचआयडीसी) और चीन की ‘पॉवर कन्स्ट्रक्शन ऑफ चायना’ कंपनी संयुक्त भागीदारी के साथ स्पर्धा में उतरी थीं। लेकिन, नेपाल ने इस परियोजना का ठेका प्रदान करने के लिए भारत की ‘एसजेवीएन’ कंपनी का चयन करके चीन को संदेश दिया है। ‘लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना’ के लिए १०० अरब नेपाली रुपयों की लागत होगी। वर्ष २०१९ में भारत ने इस परियोजना में रूचि दिखाई थी।

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