भारत में ‘म्यूकरमायकोसिस’ से ९ हज़ार लोग संक्रमित

‘म्यूकरमायकोसिस’
‘ब्लैक फंगस’ के इलाज की ‘एम्फोटेरिसीन-बी’ दवा का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की पांच अन्य कंपनियों को अनुमति

नई दिल्ली – भारत में ‘म्यूकरमायकोसिस’ यानी ‘ब्लैक फंगस’ से अब तक करीबन ९ हज़ार संक्रमित सामने आए हैं। सबसे अधिक लोग गुजरात में इससे संक्रमित हुए हैं और इसके बाद सबसे अधिक संक्रमितों की संख्या महाराष्ट्र में पाई गई है। अब तक देश के २३ राज्यों में ‘ब्लैक फंगस’ के संक्रमित पाये गए हैं और इस पृष्ठभूमि पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के इलाज के दौरान ‘स्टिरॉईड्स’ का अविवेकी इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। साथ ही केंद्र सरकार ने ‘ब्लैक फंगस’ के इलाज के लिए इस्तेमाल हो रही ‘एम्फोटेरिसीन-बी’ दवा का उत्पादन बढ़ाने के लिए अन्य पांच कंपनियों को इस दवा के उत्पादन का लायसन्स प्रदान किया है।

शनिवार के दिन राज्य सरकार और केंद्रीय प्रदेशों को ‘एम्फोटेरिसीन-बी’ दवा के कुल २३,६८० डोसेज्‌ प्रदान किए गए। इस दौरान केंद्रीय रासायन एवं खाद उद्योगमंत्रि डी.वी.सदानंद गौडा ने राज्यों में पाए गए ‘ब्लैक फंगस’ के संक्रमितों की संख्या और प्रदान किए गए ‘एम्फोटेरिसीन-बी’ दवा के डोसेज्‌ की जानकारी प्रदान की।

इसके अनुसार अब तक २३ राज्यों में ‘ब्लैक फंगस’ के ८,८४८ मामले पाए गए हैं। इनमें से आठ राज्यों में ‘ब्लैक फंगस’ के संक्रमितों की संख्या में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। गुजरात में ‘ब्लैक फंगस’ के सबसे अधिक २,२८१ मामले सामने आए हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में अब तक २ हज़ार लोग इससे संक्रमित हुए हैं। गुजरात और महाराष्ट्र के बाद आंध्र प्रदेश में ‘ब्लैक फंगस’ के ९१० संक्रमित पाए गए हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान में भी ७०० से अधिक संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा कर्नाटक में ५०० और तेलंगना में ३५० लोग ‘ब्लैक फंगस’ के चपेट में हैं।

कोरोना से स्वस्थ हुए कुछ लोग ‘ब्लैक फंगस’ से संक्रमित हो रहे हैं और अब तक ऐसे करीबन २०० संक्रमितों की मौत भी हुई है। कोरोना का इलाज करते समय ‘स्टिरॉईड्स’ दिए गए और पहले से मधूमेह एवं अन्य गंभीर बिमारियों के कारण कम रोगप्रतिकारक शक्ति वाले लोगों को हवा से सायनस और फेफड़ों में ‘ब्लैक फंगस’ का संक्रमण हो रहा है। इस वजह से आसार दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, ऐसी सलाह दी जा रही है। ‘ब्लैक फंगस’ के संक्रमण के बाद इसे शरीर से हटाने के लिए जरूरत पड़ने पर कुछ लोगों को ऑपरेशन कराना पड़ रहा है और शरीर में ‘फंगस’ का संक्रमण बढ़ने से रोकने के लिए कुछ लोगों की आँखें भी निकालनी पड़ी हैं।

‘ब्लैक फंगस’ के संक्रमितों की संख्या बढ़ने से यकायक इसके इलाज के लिए आवश्‍यक ‘एम्फोटेरिसीन-बी’ जैसी दवा की किल्लत निर्माण हुई है। इसलिए इस दवा का निर्माण कर रहीं कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा गया है। साथ ही अन्य पांच कंपनियों को भी इस दवा के उत्पादन का लायसन्स दिया गया है, यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साझा की है।

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